मालामाल करने वाला प्लान, लेकिन पहले नियम-कानून तो समझिए
केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) में योगदान के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं.
NPS contribution: पुरानी पेंशन बहाली को लेकर केंद्रीय कर्मचारियों की काफी लंबे समय से चली आ रही मांग को देखते हुए केंद्र सरकार ने हाल ही में यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) लागू की थी. इस योजना का कई केंद्रीय सरकारी कर्मचारी संगठनों ने स्वागत किया था. इसे 1 अप्रैल 2025 से लागू किया जाना है. UPS के तहत कर्मचारी राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) से स्विच कर सकते हैं. इसी बीच सरकार ने वर्तमान में चल रही राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) में योगदान के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं. इसके तहत कर्मचारियों को अब निलंबन रहने पर या फिर अवकाश पर रहने पर कितनी राशि पेंशन में अंशदान के रूप में देनी होगी. इसके बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) में योगदान के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं. ये दिशा-निर्देश पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग के एक कार्यालय ज्ञापन में जारी किए गए हैं, जो कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के अंतर्गत आता है.
दिशा-निर्देश
दिशा-निर्देश के तहत NPS में मासिक वेतन के 10% योगदान की जरूरत होगी. राशि को हमेशा निकटतम पूर्ण रुपये में पूर्णांकित किया जाएगा. हालांकि, निलंबन की अवधि के दौरान कर्मचारी अपना योगदान जारी रखने का विकल्प चुन सकते हैं.
वहीं, अगर निलंबन को बाद कर्मचारी अपनी ड्यूटी पर वापस लौटता है तो उस समय के वेतन के आधार पर योगदान की पुनर्गणना की जाएगी. योगदान में सभी विसंगतियां लागू ब्याज के साथ पेंशन खाते में जमा हो जाएंगी. अनुपस्थित रहने वाले या अवैतनिक अवकाश पर रहने वाले कर्मचारियों को योगदान करने की आवश्यकता नहीं होगी.
अन्य विभागों या अन्य संगठनों में प्रतिनियुक्ति पर कर्मचारियों को अभी भी NPS में योगदान करना होगा. जैसे कि उनका स्थानांतरण ही नहीं हुआ हो. परिवीक्षा पर चल रहे कर्मचारियों को भी अनिवार्य रूप से अंशदान करना होगा. ऐसे मामलों में जहां अंशदान जमा करने में देरी होती है, प्रभावित कर्मचारियों को ब्याज सहित उनका अंशदान मिलेगा.