भारत में पोस्ट-फेस्टिवल भी जोर शोर से जारी है वाहन बिक्री, नवंबर में 20% की वृद्धि
GST लाभ और शादी के सीजन की मांग से नवंबर में पैसेंजर वाहनों की बिक्री 20% बढ़ी; ट्रैक्टर और कमर्शियल व्हीकल भी बढ़त पर
Private Vehicle Sales : त्योहारों के बाद आम तौर पर ऑटो सेक्टर में मांग सुस्त पड़ जाती है, लेकिन नवंबर 2025 इस परंपरा को उलटते हुए भारतीय वाहन बाजार के लिए बेहद मजबूत महीना साबित हुआ। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन्स (FADA) द्वारा जारी ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक, इस वर्ष नवंबर में पैसेंजर व्हीकल (PV) रिटेल बिक्री में 20 प्रतिशत की तेज़ बढ़त दर्ज हुई, जिससे महीना बीते वर्षों की तुलना में कहीं अधिक दमदार रहा।
FADA के अनुसार, नवंबर 2025 में 3,94,152 पैसेंजर वाहन बिके, जबकि पिछले साल इसी महीने यह आंकड़ा 3,29,253 था। संगठन ने कहा कि बिक्री में यह तेज़ी केवल त्योहार-प्रभाव की वजह से नहीं, बल्कि GST में कटौती, शादी के सीजन की मजबूत मांग, लंबे समय से प्रतीक्षित SUV मॉडलों की बेहतर उपलब्धता, और डीलर-ओईएम (OEM) प्रोत्साहन ऑफर्स के कारण आई।
FADA अध्यक्ष सी एस विनेश्वर के मुताबिक, बाजार में उपभोक्ता विश्वास पिछले कई महीनों से लगातार बढ़ रहा है, जिसका असर नवंबर में भी दिखाई दिया। उन्होंने कहा, “इन्वेंट्री स्तर 53–55 दिनों से घटकर 44–46 दिन पर आना इस बात का संकेत है कि मांग वास्तविक है और महामारी के बाद से पहली बार बाज़ार में आपूर्ति और मांग का स्वस्थ संतुलन दिख रहा है।”
अन्य सेगमेंट का विस्तृत प्रदर्शन: ट्रैक्टर और CV चमके, दोपहिया कमजोर
नवंबर 2025 में सभी वाहन श्रेणियों का प्रदर्शन एक समान नहीं था।
दोपहिया वाहनों की रिटेल बिक्री में 3% गिरावट दर्ज हुई। ग्रामीण इलाकों में चुनावी व्यस्तता, अनियमित फसल भुगतान और कुछ हिस्सों में लगातार खराब मौसम इसके कारण बताए गए।
कंस्ट्रक्शन उपकरण की बिक्री 17% घटी, जिससे इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में धीमेपन का संकेत मिलता है।
इसके विपरीत, कमर्शियल व्हीकल (CV) सेगमेंट का प्रदर्शन बेहद मजबूत रहा और इसमें 20% की वृद्धि दर्ज की गई। डीलरों के अनुसार, कई राज्यों में सड़क परियोजनाओं, पर्यटन गतिशीलता और जीएसटी सुधारों ने CV मांग को गति दी।
थ्री-व्हीलर की बिक्री 24% बढ़ी, जो छोटी दूरी की परिवहन सेवाओं और शहरी-ग्रामीण कनेक्टिविटी में लगातार सुधरती मांग का परिणाम रहा।
सबसे चौंकाने वाला उछाल ट्रैक्टर सेगमेंट में आया, जहां बिक्री 57% बढ़ी। यह वृद्धि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में बढ़ती नकदी तरलता, खरीफ सीजन के भुगतान और कृषि उपकरणों पर दी गई रियायतों का परिणाम मानी जा रही है।
इन सभी आंकड़ों को मिलाकर कुल वाहन रिटेल बिक्री 3.3 मिलियन यूनिट रही, जो पिछले वर्ष की तुलना में 2.14% अधिक है।
पोस्ट-फेस्टिवल मंदी क्यों नहीं आई?
आमतौर पर दिवाली और धनतेरस के बाद वाहन खरीदारी रफ्तार खो देती है, लेकिन इस साल ऐसा नहीं हुआ।
FADA ने इसके पीछे तीन बड़े कारण गिनाए
त्योहार 2025 में जल्दी पड़ना: इस साल अधिकांश त्योहार अक्टूबर में ही थे, जिससे प्रमुख रजिस्ट्रेशन वहीं पूरा हो गया।
GST 2.0 टैक्स रेशनलाइजेशन: कई कैटेगरी में कीमतें 3–7% तक घटीं, जिससे उपभोक्ताओं की खरीदारी का मूड बदला।
डीलर–ओईएम ऑफर जारी रहने से नवंबर में भी हाई फुटफॉल: अक्टूबर में शुरू हुई भारी छूट नवंबर में भी जारी रही, जिससे ग्राहकों की शोरूम विज़िट और कन्वर्ज़न रेट दोनों बढ़े।
विनेश्वर ने कहा कि नवंबर की स्थिरता इस बात का संकेत है कि भारतीय ऑटो रिटेल मार्केट अब केवल त्योहारों पर निर्भर नहीं रह गया है, बल्कि संरचनात्मक मांग पर आधारित हो रहा है।
अगले तीन महीनों का आउटलुक: बाज़ार और गति पकड़ सकता है
FADA का कहना है कि आने वाले तीन महीनों में वाहन रिटेल में मजबूत वृद्धि की संभावना है।
जनवरी में वाहन कंपनियों द्वारा कीमतें बढ़ाने की तैयारी।
2026 के लिए नए मॉडल लॉन्च।
दिसंबर–मार्च की शादी का बड़ा सीजन
ग्रामीण क्षेत्रों में फसल भुगतान की तेजी
सरकार का Viksit Bharat 2047 मोबिलिटी विज़न
और ‘One Nation, One Tax’ से बढ़ी वहन क्षमता
इन सभी कारकों से बाजार में खरीदारी और बढ़ने की उम्मीद है। FADA सर्वे के अनुसार, 74% डीलरों ने अगले महीनों के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण जताया है।