भारत से तनाव के बीच माधवी बुच कर रही चीनी कंपनियों में निवेश, कांग्रेस ने सेबी प्रमुख पर फिर लगाया आरोप

कांग्रेस ने सेबी प्रमुख माधबी पुरी-बुच पर चीनी कंपनियों सहित भारत के बाहर "उच्च मूल्य के निवेश" करने का आरोप लगाया.

Update: 2024-09-14 12:08 GMT

Sebi Chief Madhabi Puri Buch Allegations: कांग्रेस ने शनिवार को सेबी प्रमुख माधबी पुरी-बुच के खिलाफ हितों के टकराव के नए आरोप लगाए. उन्होंने पड़ोसी देश के साथ बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव के बीच चीनी कंपनियों सहित भारत के बाहर "उच्च मूल्य के निवेश" करने का आरोप लगाया.

कांग्रेस ने बुच पर अप्रकाशित मूल्य संवेदनशील जानकारी के कब्जे में रहते हुए सूचीबद्ध प्रतिभूतियों में व्यापार करने का भी आरोप लगाया. बता दें कि माधबी बुच और उनके पति धवल ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर सभी आरोपों को "पूरी तरह से झूठा, दुर्भावनापूर्ण और अपमानजनक" बताया था.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फिर सवाल करते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि क्या प्रधानमंत्री को पता है कि माधबी पुरी बुच ने भारत के बाहर उच्च मूल्य के निवेश किए हैं? यदि हां, तो निवेश की तारीख और प्रकटीकरण की तारीख क्या है?" उन्होंने कहा कि क्या प्रधानमंत्री को पता है कि सेबी अध्यक्ष चीनी कंपनियों में ऐसे समय में निवेश कर रही हैं, जब भारत चीन के साथ भू-राजनीतिक तनाव का सामना कर रहा है?

वहीं, शुक्रवार को बुच के बयान में उन आरोपों का भी खंडन किया गया कि उनके पास अगोरा एडवाइजरी प्राइवेट में 99% हिस्सेदारी है, जो महिंद्रा एंड महिंद्रा, डॉ रेड्डीज और पिडिलाइट सहित अन्य को परामर्श सेवाएं प्रदान करने वाली फर्म है. इसमें कहा गया है कि धवल को एमएंडएम समूह से 4.78 करोड़ रुपये की आय प्राप्त हुई. जबकि सेबी प्रमुख समूह के मामलों में मध्यस्थता कर रहे थे.

माधबी और धवल के बयान में कहा गया है कि सेबी में शामिल होने के बाद माधबी ने कभी भी अगोरा एडवाइजरी, अगोरा पार्टनर्स, महिंद्रा समूह, टाइम्सऑफइंडिया पिडिलाइट, डॉ रेड्डीज, अल्वारेज़ एंड मार्सल, सेम्बकॉर्प, विसु लीजिंग या आईसीआईसीआई बैंक से जुड़ी किसी भी फाइल को नहीं निपटाया. हालांकि, यह प्रतिक्रिया तब आई जब बुधवार को हिंडनबर्ग रिसर्च ने इस बात पर प्रकाश डाला कि सेबी प्रमुख हफ्तों तक "पूरी तरह से चुप" रही. जबकि, कई संस्थाओं ने नए आरोप लगाए हैं.

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