सोना 1.3 लाख के पार, चांदी ने भी बनाया नया रिकॉर्ड; फेड की नीति से बाजार में हलचल

Gold & Silver: मजबूत औद्योगिक मांग, घटते स्टॉक्स और वैश्विक भू-राजनीतिक जोखिमों से सोने और चांदी को सपोर्ट मिला है।

Update: 2025-12-11 04:44 GMT
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Gold and silver prices rise: सोना और चांदी के भाव में 11 दिसंबर 2025 को शुरुआती कारोबार में तेजी देखी गई। इसकी वजह अमेरिकी फेडरल रिजर्व (US Fed) द्वारा लगातार तीसरी बार ब्याज दर में की गई कटौती को माना जा रहा है। एमसीएक्स (MCX) पर फरवरी सोने के फ्यूचर्स 10 ग्राम के लिए ₹1,30,259 पर खुले। जबकि मार्च चांदी के फ्यूचर्स ₹1,92,565 प्रति किलोग्राम के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए। विशेषज्ञों का कहना है कि मजबूत औद्योगिक मांग, घटती स्टॉक्स और वैश्विक भू-राजनीतिक जोखिमों ने इन कीमती धातुओं को सपोर्ट मिला है, भले ही फेड ने भविष्य में दर कटौती को लेकर सतर्कता बरती है।

अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रदर्शन

अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्पॉट गोल्ड में 0.7% की तेजी आई और यह $4,236.57 प्रति औंस पर पहुंच गया। वहीं, अमेरिकी सोने के फरवरी डिलीवरी वाले फ्यूचर्स 0.3% की गिरावट के साथ $4,224.70 पर बंद हुए। चांदी ने भी तेजी जारी रखी और स्पॉट चांदी $61.85 पर रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई। इस साल चांदी के दाम 113% बढ़ चुके हैं, जो मजबूत औद्योगिक मांग, घटती इन्वेंट्री और इसे अमेरिका में 'महत्वपूर्ण खनिज' के रूप में शामिल किए जाने से समर्थित है।

फेड की दर कटौती और भविष्य की नीति

फेड की यह कार्रवाई नीति में ढील की ओर एक संतुलित कदम के रूप में देखी जा रही है, लेकिन 2026 में केवल एक और दर कटौती की संभावना फेड की सतर्कता को दर्शाती है। फेड चेयर जेरोम पॉवेल ने हाल ही में सरकारी शटडाउन के कारण डेटा में उत्पन्न संभावित असमानताओं की भी चेतावनी दी, जो कमजोर संकेतों को बढ़ा-चढ़ाकर दिखा सकती हैं।

सोने में निवेश

विशोषज्ञों का मानना है कि सोने के भाव $4,230/औंस तक बढ़ गए हैं और लगातार तीसरे सत्र में तेजी देखी गई। यह अक्टूबर के रिकॉर्ड स्तर के करीब है। फेड चेयर पॉवेल ने संकेत दिया कि केंद्रीय बैंक ब्याज दरों में कटौती की गति को धीमा करने, मामूली कटौती करने या बड़ी कटौती करने पर विचार कर रहा है, लेकिन दरें बढ़ाने का कोई प्लान नहीं है। फेड ने 2026 में एक और दर कटौती की संभावना को बनाए रखा है, हालांकि बयान में हल्का बदलाव इस बात को दर्शाता है कि भविष्य में कटौती का समय और आकार अनिश्चित है।

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