हेल्थ-लाइफ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर GST से राहत संभव, वित्त मंत्री सीतारमण हुईं GOM की बैठक में शामिल

इंश्योरेंस पर जीएसटी की समीक्षा करने के लिए गठित मंत्रियों का समूह की भी बैठक हुई जिसके अध्यक्ष बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी हैं.;

Update: 2025-08-20 12:13 GMT
GOM Meeting

दिवाली पर जीएसटी रेट में कटौती के जरिए आम लोगों को सौगात देने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एलान के बाद इस दिशा में फैसले लेने की प्रक्रिया की शुरूआत हो चुकी है. बुधवार को जीएसटी काउंसिल द्वारा गठन किए गए मंत्रियों के समूह की बैठक हुई जिसे खुद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संबोधित किया. साल 2017 में जीएसटी के लागू होने के बाद से ये पहला मौका है जब मंत्रियों के समूह की बैठक में वित्त मंत्री ने शिरकत की है जो जीएसटी काउंसिल की चेयरपर्सन भी हैं.

आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए जीएसटी रिफॉर्म्स

जीएसटी काउंसिल द्वारा कम्पंसेशन सेस, हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस के अलावा जीएसटी रेट्स को तर्कसंगत (Rate Rationalisation) बनाने के लिए तीन मंत्रियों के समूह (GoMs) का गठन किया गया है. मंत्रियों के समूह की बैठक को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री ने कहा, आत्मनिर्भर भारत बनाने की दिशा में केंद्र सरकार ने अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधारों की ओर एक अहम कदम उठाते हुए अपनी ओर से प्रस्ताव दिया है.

हेल्थ-लाइफ इंश्योरेंस के प्रीमियम भुगतान पर घटेगा GST

इंश्योरेंस पर जीएसटी की समीक्षा करने के लिए गठित मंत्रियों का समूह की बैठक हुई जिसके अध्यक्ष बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी हैं. उन्होंने कहा, मंत्रियों का समूह हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस के प्रीमियम भुगतान पर जीएसटी खत्म कर इंडीविजुअल्स (for individuals) को राहत देने का पक्षधर है जिससे इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स को अफोर्डेबल बनाया जा सके. हालांकि कुछ राज्यों के मंत्रियों की अपनी आशंकाएं है. उन्होंने कहा, मंत्रियों का समूह जीएसटी काउंसिल को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगा जिसमें आखिरी फैसला लिया जाएगा.

3 स्तंभों पर आधारित है जीएसटी रिफॉर्म्स

सरकार ने जो जीएसटी में सुधार का प्रस्ताव दिया है वो तीन स्तंभ पर आधारित है. जिसमें पहला है - संरचनात्मक सुधार (Structural Reforms). इसके अंतर्गत इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर को सुधारना, ताकि इनपुट टैक्स क्रेडिट का बोझ घटे और घरेलू वैल्यू एडिशन बढ़े. क्लासिफिकेशन से जुड़े विवाद और जटिलताओं को कम करना और जीएसटी नीति को स्थिर और पूर्वानुमेय बनाना, जिससे उद्योग जगत का विश्वास और दीर्घकालिक योजना मज़बूत हो.

दूसरे स्तंभ के तहत के जीएसटी रेट्स के सरलीकरण (Rate Rationalisation) का प्रस्ताव है जिसका मकसद

आम जनता, किसानों, मध्यम वर्ग और MSMEs को राहत देना है. इसके साथ ही टैक्स व्यवस्था को सरल, पारदर्शी और विकासोन्मुख बनाना, जरूरी और आकांक्षी वस्तुओं को और सुलभ बनाकर खपत और अफोर्डेबिलिटी बढ़ाना शामिल है. तीसरे स्तंभ में जीवन को आसान बनाना (Ease of Living) शामिल है. आने वाले जीएसटी रिफॉर्म्स के जरिए तेज और तकनीक-आधारित पंजीकरण की व्यवस्था करना, त्रुटियों और असमानताओं को कम करने के लिए प्री-फिल्ड रिटर्न की शुरुआत करना, स्वचालित और त्वरित रिफंड की व्यवस्था, बिजनेस को सपोर्ट करने के साथ इन ऑफ लिविंग और डूइंग बिजनेस को सरल बनाना शामिल है.

केंद्र सरकार ने आश्वासन दिया कि आने वाले हफ्तों में राज्यों के साथ व्यापक सहमति बनाकर इन जीएसटी सुधारों को लागू किया जाएगा, ताकि सहकारी संघवाद (Cooperative Federalism) की भावना मज़बूत हो. 

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