GST रेट्स का नहीं हुआ युक्तिकरण, हेल्थ-लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी रेट घटाने का फैसला भी अटका
जीएसटी को लागू हुए 8 साल पूरे हो चुके हैं. जीएसटी 2.0 की बात की जा रही है जिसमें रेट्स को तर्कसंगत बनाने से लेकर हेल्थ-लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम पर टैक्स घटाने का प्रस्ताव है. इसे लेकर बनी GOM अब तक सिफारिश नहीं सौंप सकी है.;
आज से 8 वर्ष पूर्व 1 जुलाई 2017 से ही भारत में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स को लागू किया गया था. लक्ष्य था देश में One Nation One Tax को लागू हो और वो एक्साइज ड्यूटी, सर्विस टैक्स और वैट और दूसरे टैक्स की जगह ले सके. पिछले कुछ वर्षों से नए कलेवर के साथ जीएसटी 2.0 के लाने की बात की जा रही है. जिसमें जीएसटी रेट्स को तर्कसंगत (Rationalisation) बनाने से लेकर हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पर जीएसटी रेट्स को घटाने का प्रस्ताव है. लेकिन अभी तक जीएसटी काउंसिल इसे लेकर कोई ठोस फैसला नहीं ले सका है.
GST काउंसिल ने बनाया GOM
जीएसटी काउंसिल ने जीएसटी रेट्स को तर्कसंगत बनाने से लेकर हेल्थ और लाईफ इंश्योरेंस पर जीएसटी रेट की समीक्षा के लिए बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी की अध्यक्षता में मंत्रियों के समूह का गठन किया हुआ है. ये कमिटी अभी तक किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकी है.
6 महीने से नहीं हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक
जीएसटी काउंसिल की 55वीं बैठक राजस्थान के जैसलमेर में 21 दिसंबर 2024 को हुई थी. 6 महीने से ज्यादा हो गए लेकिन साल 2025 में अभी तक जीएसटी काउंसिल की एक भी बैठक नहीं हुई है. जबकि जीएसटी कानून के मुताबिक साल के हर तिमाही में एक जीएसटी काउंसिल की बैठक करने का प्रावधान है.
GST रेवेन्यू में 75% हिस्सेदारी 18% स्लैब की
जीएसटी रेट्स के फिलहाल चार स्लैब हैं जिसमें 5 फीसदी, 12 फीसदी, 18 फीसदी और 28 फीसदी शामिल है. जीएसटी रेट्स के युक्तिकरण में 12 फीसदी स्लैब को खत्म करने से लेकर 12 और 18 फीसदी को आपस में विलय कर एक स्लैब बनाने का प्रस्ताव है. लेकिन आपको ये जानकर हैरानी होगी कि केंद्र और राज्य सरकारों को सबसे ज्यादा जीएसटी रेवेन्यू 18 फीसदी स्लैब में आने वाले गुड्स और सर्विसेज से ही आता है.
वित्त वर्ष 2023-24 में कुल जीएसटी कलेक्शन का 70 से 75 फीसदी रेवेन्यू 18 फीसदी जीएसटी स्लैब से आया जबकि सबसे कम 5.6 फीसदी रेवेन्यू 12 फीसदी जीएसटी स्लैब से आया था. 28 फीसदी स्लैब से 13 से 15 फीसदी जीएसटी रेवेन्यू की वसूली की गई है. 5 फीसदी टैक्स स्लैब का कुल जीएसटी रेवेन्यू में हिस्सेदारी केवल 6-8 फीसदी है. ऐसे में जीएसटी काउंसिल 18 फीसदी टैक्स स्लैब के साथ कोई छेड़छाड़ करेगा इसके आसार बेहद कम है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 23 जुलाई, 2024 को अपने बजट भाषण में जीएसटी में संभावित बदलाव के संकेत देते हुए कहा था कि " जीएसटी से हो रहे बेनेफिट्स के सरलीकरण के लिए इसे आगे जाकर और भी सरल बनाया जाएगा साथ ही जीएसटी रेट स्ट्रक्चर को तर्कसंगत बनाया जाएगा."
लाइफ-हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर GST को लेकर बवाल
बीते साल 2024 में मानसून सत्र के दौरान विपक्षी दलों ने संसद में लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के प्रीमियम पर लगने वाले जीएसटी रेट को जोरदार हंगामा किया. मोदी सरकार के मंत्री नितिन गडकरी ने भी वित्त मंत्री सीतारमण को पत्र लिखकर लाइफ इंश्योरेंस (Life Insurance) और मेडिकल इंश्योरेंस (Medical Insurance) के प्रीमियम के भुगतान पर से जीएसटी को हटाने की मांग की थी. संसद की स्थाई समिति भी इसकी सिफारिश कर चुकी है.
GOM 10 महीनों में नहीं ले सका फैसला
वित्त मंत्री सीतारमण ने संसद में कहा था कि अगर जीएसटी काउंसिल लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी पर जीएसटी दर में कमी की सिफारिश करती है, तो पॉलिसीधारकों पर प्रीमियम के भुगतान की लागत में कमी आ सकती है. सितंबर 2024 में हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में सम्राट चौधरी की अध्यक्षता में इस पर विचार करने के लिए मंत्रियों के समूह का गठन किया गया. लेकिन 10 महीने बाद भी इस पर कोई फैसला नहीं लिया जा सका है. संसद में सरकार ने बताया था कि वित्त वर्ष 2023-24 में हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पर जीएसटी लगाकार 16398 करोड़ रुपये की वसूली की गई थी. जबकि 2019-20 में केवल 2101 करोड़ रुपये की वसूली की थी. यानी इस अवधि में 680 फीसदी जीएसटी कलेक्शन बढ़ा है.
जीएसटी 2.0 पर बढ़ा फोकस
Deloitte ने जीएसटी के 8 साल पूरे होने पर एक रिपोर्ट जारी किया है. डेलॉइट इंडिया के पार्टनर और लीडर, इनडायरेक्ट टैक्स महेश जयसिंग ने कहा, जीएसटी को लेकर अब तक की प्रगति उत्साहजनक रही है, लेकिन अब इंडिया इंक की ओर से यह उम्मीद बढ़ रही है कि जीएसटी 2.0 में डिस्प्यूट रिजॉल्युशन (dispute resolution), ऑडिट सरलीकरण (audit simplification) के साथ ही जीएसटी रेट्स को तर्कसंगत बनाने से लेकर उसके युक्तिकरण (GST rate rationalisation) पर ध्यान दिया जाना चाहिए.
जुलाई में GST काउंसिल की बैठक संभव
बहरहाल ये माना जा रहा है कि जुलाई महीने में जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक संभावित है. हालांकि तारीख की घोषणा नहीं की गई है. लेकिन ये उम्मीद की जा रही है कि जीएसटी रेट्स को तर्कसंगत बनाने से लेकर हेल्थ लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी रेट्स में कटौती को लेकर फैसला ले सकता है.