GST बदलाव से बदलेगा बाजार, सस्ते होंगे जरूरी सामान, महंगे रहेंगे लक्जरी प्रोडक्ट्स
जीएसटी काउंसिल ने दिवाली से पहले राहत दी है। अब सिर्फ 5% और 18% स्लैब होंगे। दूध, पनीर, कार, टीवी सस्ते, तंबाकू-लक्जरी सामान पर 40% टैक्स लगेगा।;
GST Latest News: दिवाली से पहले सरकार ने आम लोगों को बड़ी राहत दी है। वैसे तो जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक दो दिनों तक चलनी थी। लेकिन बुधवार यानी तीन सितंबर को ही बड़े फैसले लिए गए। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में जीएसटी संरचना को सरल बनाने पर जोर दिया गया।
दो जीएसटी स्लैब तय
बैठक में तय किया गया कि अब देश में केवल दो टैक्स स्लैब (5% और 18%) रहेंगे।
12% और 28% के स्लैब खत्म कर दिए गए हैं।
इनमें शामिल ज्यादातर सामान अब 5% और 18% की दर में आ जाएंगे।
इसके चलते कई रोजमर्रा की चीजें सस्ती होंगी। हालांकि, विलासिता और हानिकारक वस्तुओं के लिए 40% का विशेष स्लैब अलग से रखा गया है।
वित्त मंत्री का बयान
निर्मला सीतारमण ने कहा कि यह फैसला आम आदमी, किसान और लेबर वर्ग को राहत देने के लिए लिया गया है। उन्होंने बताया कि बैठक में शामिल सभी राज्यों ने इस कदम का समर्थन किया और समय की जरूरत को देखते हुए सर्वसम्मति से इसे मंजूरी दी।
कौन-कौन से सामान होंगे सस्ते?
जीरो जीएसटी स्लैब: यूएचटी दूध, छेना-पनीर, पिज्जा ब्रेड, रोटी और पराठा।
5% जीएसटी स्लैब: शैंपू, साबुन, तेल, नमकीन, पास्ता, कॉफी और नूडल्स।
18% जीएसटी स्लैब: छोटी कार, बाइक, सीमेंट और टीवी (पहले 28% पर थे)।
टैक्स फ्री: 33 जीवन रक्षक दवाइयां (जिनमें 3 कैंसर की दवाएं शामिल)।
महंगी होंगी ये चीजें
40% टैक्स स्लैब में शामिल
पान मसाला, सिगरेट, गुटखा, बीड़ी और अन्य तंबाकू उत्पाद।
फ्लेवर्ड कार्बोनेटेड पेय पदार्थ।
कुछ फास्ट फूड आइटम्स।
22 सितंबर से लागू होंगे नए नियम
उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री ने जानकारी दी कि जीएसटी काउंसिल के फैसले 22 सितंबर से लागू होंगे। यानी इस तारीख के बाद आम जनता को कई चीजें सस्ती मिलेंगी। यह बैठक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 15 अगस्त को घोषित जीएसटी सुधारों के बाद पहली बड़ी बैठक थी।
राज्यों की सहमति
बैठक के बाद हिमाचल प्रदेश के मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा कि सभी राज्यों ने जीएसटी दरों को युक्तिसंगत बनाने के पक्ष में सहमति जताई है। अब प्रभावी रूप से दो टैक्स स्लैब रहेंगे—5% और 18%, जबकि विलासिता और हानिकारक वस्तुओं पर 40% कर लगाया जाएगा।
पेट्रोल, एलपीजी और सीएनजी से चलने वाली गाड़ियाँ, जिनकी इंजन क्षमता 1200 सीसी तक और लंबाई 4000 मिमी से कम है, अब 28% के बजाय सिर्फ 18% जीएसटी देंगी। वहीं, डीजल गाड़ियाँ जिनकी क्षमता 1500 सीसी तक और लंबाई 4000 मिमी तक है, उन्हें भी यही राहत मिलेगी।हालांकि, बड़ी गाड़ियों पर टैक्स का बोझ और बढ़ा है। 1200 सीसी से ज्यादा पेट्रोल कारें और 1500 सीसी से ज्यादा डीजल कारें अब 40% टैक्स के दायरे में होंगी। यही नियम 350 सीसी से ऊपर की मोटरसाइकिलों, यॉट्स, निजी विमान और रेसिंग कारों पर भी लागू होगा।
साधारण उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे एसी, डिशवॉशर और टीवी भी अब सस्ते होंगे, क्योंकि इन पर जीएसटी घटाकर 18% कर दिया गया है, जो पहले 28% था। वहीं, 350 सीसी तक की मोटरसाइकिलें भी इसी स्लैब में लाई गई हैं।
पर्यावरण को बढ़ावा देने के लिए, इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) पर जीएसटी पहले की तरह सिर्फ 5% ही रहेगा।