ETF निवेशकों को बड़ा झटका! बिटकॉइन 90,000 डॉलर के नीचे क्यों गिरा?
2025 में बिटकॉइन तेज गिरावट के बाद टी-बिल्स, गोल्ड और टेक स्टॉक्स से पीछे रह गया। अक्टूबर क्रैश ने भरोसा तोड़ा और डिजिटल गोल्ड की चमक फीकी कर दी।
कभी चांद पर जाने की उम्मीदों से भरा बिटकॉइन आज ट्रेज़री बॉन्ड तक की रफ्तार से नहीं चल पा रहा है। 2025 की ऊंचाई से बिटकॉइन करीब 30% गिर चुका है, और टेक स्टॉक से लेकर टी-बिल्स तक—लगभग हर एसेट ने इसे पीछे छोड़ दिया है। मंगलवार को बिटकॉइन कुछ समय के लिए 90,000 डॉलर से नीचे भी चला गया यानी ETF में निवेश करने वाले औसत निवेशक को पहली बार नुकसान हो गया। हालांकि बाद में यह थोड़ा उछला और न्यूयॉर्क में लगभग 93,241 डॉलर पर ट्रेड हो रहा था। कभी बिटकॉइन को हाई-ग्रोथ एसेट, महंगाई से बचाव, और पोर्टफोलियो डायवर्सिफायर के रूप में बढ़ावा दिया गया था। लेकिन अब दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी इन तीनों भूमिकाओं में विफल होती दिख रही है और साल के अंत तक नकारात्मक रिटर्न देने की आशंका बढ़ गई है।
इस पूरी कहानी को यूं समझ सकते हैं। डिजिटल गोल्ड’ पीछे, असली गोल्ड आगे। बिटकॉइन समर्थक जिसे “डिजिटल गोल्ड” कहते थे, वह आज सचमुच के सोने (Gold) से भी बहुत पीछे है। सिर्फ सोना ही नहीं, लंबी अवधि के सरकारी बॉन्ड नैस्डैक उभरते बाजारों का MSCI इंडेक्स, यहां तक कि US Utilities Index सभी ने बिटकॉइन को पछाड़ दिया है। टी-बिल्स भी आगे है। इस साल बिटकॉइन इतना फिसला कि टी-बिल्स (T-Bills) जैसे सबसे सुरक्षित निवेश ने भी बेहतर रिटर्न दिया। बहुतों का मानना था कि 2025 क्रिप्टो के लिए बड़ा साल होगा लेकिन जो निवेशक ऊंचाई पर खरीदकर बैठे थे, उन्हें वही पुरानी कहानी मिली उत्साह, क्रैश, अविश्वास।
बिटकॉइन क्यों फेल हुआ?
कभी इसे इन्फ्लेशन हेज, ग्रोथ इंजन और अलग-थलग रहने वाला एसेट बताया जाता था। आज यह इनमें से किसी में भी काम नहीं आ रहा। पोर्टफोलियो में बिटकॉइन ने अन्य बाजारों की गिरावट में सुरक्षा नहीं दी बाजार के उछाल में अतिरिक्त फायदा नहीं दिया। वोलैटिलिटी के दौरान स्वतंत्र व्यवहार नहीं किया।पेशेवर निवेशकों के लिए यह सिर्फ खराब रिटर्न का मामला नहीं, बल्कि उद्देश्य की विफलता है।
10 अक्टूबर 2025 का क्रैश
19 बिलियन डॉलर मिटा और भरोसा टूटा कई विश्लेषकों का मानना है कि 10 अक्टूबर की भारी गिरावट जिसमें लगभग 19 बिलियन डॉलर की leveraged पोज़ीशन साफ हो गई। बाजार की मनोवृत्ति को लंबे समय तक नुकसान पहुँचाया है।बाजार अब कम liquidity, कम risk appetite, डर से भरा ट्रेडिंग व्यवहार देख रहा है। ग्लोबल मार्केट कमजोरी भी जिम्मेदार है। एशिया की धीमी वृद्धि, चीन की कमजोर इक्विटी, और Nvidia की कमाई रिपोर्ट से पहले टेक स्टॉक्स में गिरावट। इन सभी ने क्रिप्टो को और कमजोर किया। टेक्निकल रूप से, क्रिप्टो अब हेज की तरह नहीं बल्कि सबसे ज्यादा leveraged हाई-रिस्क एसेट की तरह व्यवहार कर रहा है।