NPS सब्सक्राइबर्स को राहत, विड्रॉल पर लॉक इन पीरियड खत्म, PFRDA ने किया नियमों में बदलाव

NPS अब ज्यादा यूज़र-फ्रेंडली हो गया है. निवेशकों को अपनी रिटायरमेंट की रकम संभालने में ज्यादा आज़ादी दी गई है. इससे ज्यादा लोग NPS से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित होंगे

Update: 2025-12-20 09:13 GMT
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नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) के सब्सक्राइबर्स के लिए राहत की खबर है. पेंशन फंड नियामक एवं विकास प्राधिकरण (PFRDA) ने नेशनल पेंशन सिस्टम से जुड़े एग्जिट और विड्रॉल नियमों में अहम संशोधन करने का फैसला किया है. इन फैसलों को लेकर पीएफआरडीए ने नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है. इन बदलावों का मकसद खासतौर पर नॉन-गवर्नमेंट सेक्टर के निवेशकों को अधिक लचीलापन, विकल्प और स्वायत्तता देना है, हालांकि कुछ प्रावधानों को सरकारी कर्मचारियों के लिए भी तर्कसंगत बनाया गया है.

सरकार ने बताया कि ये संशोधन PFRDA (Exits and Withdrawals under the NPS) Regulations, 2015 में किए गए हैं और इन्हें व्यापक स्टेकहोल्डर परामर्श के बाद अंतिम रूप दिया गया है. नए नियमों से एनपीएस को ज्यादा सब्सक्राइबर-फ्रेंडली बनाने और रिटायरमेंट इनकम सिक्योरिटी को मजबूत करने की कोशिश की गई है.

लॉक-इन पीरियड खत्म

सबसे बड़ा बदलाव ऑल सिटिजन मॉडल में किया गया है. अब समय से पहले निकासी के लिए 5 साल की लॉक-इन अवधि खत्म कर दी गई है. इसके अलावा, सामान्य निकासी के लिए वेस्टिंग पीरियड को 60 साल की उम्र तक सीमित रखने के बजाय 15 साल या 60 साल (जो पहले हो) कर दिया गया है. यानी एनपीएस से निकासी के लिए 60 वर्ष तक के होने का इंतजार नहीं करना पड़ेगा. अब एनपीएस से निकलते समय निवेशक 80% तक रकम एकमुश्त निकाल सकेंगे, जबकि पहले यह सीमा 60% थी. अनिवार्य एन्युटी (पेंशन) का हिस्सा भी घटाकर 20% कर दिया गया है जो पहले 40 फीसदी था.

कम कॉर्पस वालों को ज्यादा विकल्प

अगर कुल पेंशन कॉर्पस 8 लाख रुपये तक है, तो सब्सक्राइबर को 100% रकम एकमुश्त निकालने, या सिस्टमेटिक लंपसम विड्रॉल (SLW) / सिस्टमेटिक यूनिट विड्रॉल (SUR) का विकल्प मिलेगा. ज्यादा कॉर्पस होने पर भी निकासी को लेकर विकल्प बढ़ाए गए हैं.

60 साल के बाद एनपीएस जॉइन करने वालों के लिए बदलाव

60 साल के बाद एनपीएस में शामिल होने वालों के लिए अब 3 साल की वेस्टिंग अवधि खत्म कर दी गई है. ऐसे सब्सक्राइबर भी 80% तक रकम एकमुश्त निकाल सकेंगे.

एंट्री और एग्जिट उम्र बढ़ी

एनपीएस में एंट्री और एग्जिट की अधिकतम उम्र 75 साल से बढ़ाकर 85 साल कर दी गई है. इसके अलावा, 60 साल या रिटायरमेंट से पहले 15 दिन की सूचना देने की अनिवार्यता भी खत्म कर दी गई है, जिससे एनपीएस अपने आप जारी रह सकेगा.

आंशिक निकासी और लोन की सुविधा

अब आंशिक निकासी की संख्या बढ़ाई गई है और मेडिकल खर्चों को लेकर नियमों को सरल किया गया है. इसके साथ ही, पहली बार ऐसा प्रावधान किया गया है कि सब्सक्राइबर एनपीएस कॉर्पस के खिलाफ लोन ले सकता है.

सरकारी कर्मचारियों के लिए भी बदलाव

सरकारी सेक्टर में लंपसम और एन्युटी का अनुपात पहले जैसा ही रखा गया है, लेकिन कम कॉर्पस वालों को SLW और SUR जैसे अतिरिक्त विकल्प दिए गए हैं.

क्यों अहम हैं ये बदलाव?

NPS अब ज्यादा यूज़र-फ्रेंडली हो गया है. निवेशकों को अपनी रिटायरमेंट की रकम संभालने में ज्यादा आज़ादी दी गई है. इससे ज्यादा लोग NPS से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित होंगे. PFRDA का कहना है कि ये संशोधन एनपीएस को ज्यादा समावेशी और लचीला बनाएंगे, जिससे लोग स्वेच्छा से इस योजना से जुड़ने और लंबे समय तक बने रहने के लिए प्रोत्साहित होंगे.

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