खत्म होगा 12 और 28 फीसदी जीएसटी रेट, GOM ने दो GST स्लैब रेट करने के केंद्र सरकार के प्रस्ताव को दी मंजूरी

जीएसटी रेट को तर्कसंगत बनाने के लिए बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की अध्यक्षता में मंत्रियों के समूह की अहम बैठक हुई जिसमें प्रस्ताव पर मुहर लगाई गई है.;

Update: 2025-08-21 11:54 GMT

जीएसटी रेट को तर्कसंगत बनाने के लिए जीएसटी काउसिंल द्वारा गठित मंत्रियों के समूह ने चार की जगह दो जीएसटी रेट वाले स्लैब 5 फीसदी और 18 फीसदी करने के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है. मंत्रियों का समूह अब अपनी सिफारिश जीएसटी काउंसिल को सौपेंगा और सितंबर महीने में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लगाई जाएगी.

जीएसटी रेट्स घटाने पर GOM की मुहर

जीएसटी रेट को तर्कसंगत बनाने के लिए बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की अध्यक्षता में मंत्रियों के समूह की अहम बैठक हुई. इस बैठक में केंद्र सरकार के दो जीएसटी स्लैब रेट करने के सुझाव पर चर्चा की गई. मंत्रियों के समूह की बैठक में 12 फीसदी और 28 फीसदी जीएसटी स्लैब को खत्म करने पर सहमति बन गई है और GOM की सिफारिश को जीएसटी काउंसिल को भेजा जाएगा. सम्राट चौधरी ने बताया कि, मंत्रियों के समूह ने केंद्र सरकार के केवल 5 फीसदी और 18 फीसदी जीएसटी रेट रखने के सुझाव को मान लिया है. इससे पहले बुधवार 20 अगस्त को मंत्रियों के समूह की बैठक में हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पर जीएसटी रेट्स को खत्म करने पर सहमति बन गई.

दीवाली पर बड़ी सौगात की तैयारी

दरअसल 15 अगस्त को लालकिले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में दीवाली पर बड़ी सौगात देने का वादा करते हुए अगली पीढ़ी की जीएसटी रिफॉर्म्स का एलान किया था. जिसके तहत मिडिल क्लास से लेकर आम लोगों को गुड्स और सर्विसेज पर लगने वाले टैक्स से राहत देते हुए बंपर दीवाली बोनस देने का वादा किया था. प्रधानमंत्री के इस एलान के बाद वित्त मंत्रालय हरकत में आ गया. वित्त मंत्रालय ने बयान जारी कर तब कहा था कि, आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए केंद्र सरकार जीएसटी में सुधार का प्रस्ताव दे रहा है जो कि तीन स्तंभ पर निर्भर होगा जिसमें स्ट्रक्चरल रिफॉर्म्स (structural reforms), रेट्स को तर्कसंगत (Rate rationalisation) बनाना और इज ऑफ लिविंग (Ease of living) शामिल है.

महिलाएं, छात्रों, मिडिल क्लास, किसानों को होगा फायदा

वित्त मंत्रालय ने जीएसटी काउंसिल द्वारा गठित मंत्रियों के समूह को रेट्स को तर्कसंगत बनाने से लेकर दूसरे रिफॉर्म्स की समीक्षा करने के लिए अपना प्रस्ताव भेज दिया, जिसपर पिछले दो दिनों से मंत्रियों के समूह ने चर्चा की है. जीएसटी रेट्स को तर्कसंगत बनाने से समाज के सभी वर्गों खासतौर से महिलाएं, छात्रों, मिडिल क्लास, किसानों और सामान्य लोगों को फायदा होगा.

केंद्र सरकार ने जो तीन स्तंभों को ध्यान में रखते हुए सुधार का सुझाव दिया उसमें जीएसटी रेट्स को तर्कसंगत बनाना शामिल है जो सबसे महत्वपूर्ण है. जिसमें आम आदमी के इस्तेमाल वाली चीजों और आकांक्षी वस्तुओं (Aspirational goods) पर जीएसटी रेट्स को घटाना शामिल है. इससे आम लोगों की पर्चेजिंग क्षमता बढ़ेगी, खपत को प्रोत्साहन मिलेगा और जरूरी तथा आकांक्षी वस्तुएं जिसमें कंज्यूमर ड्यूरेबल्स आईटम्स शामिल है उसे ज्यादा से ज्यादा लोग खरीद सकेंगे. Sin Goods यानी हानिकारक आईटम्स और ऑनलाइन गेमिंग पर 40 फीसदी टैक्स लगाया जाएगा.

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