ड्रोन और राकेट से हमलों के साथ मणिपुर में हिंसा की वापसी, लोगों में दहशत

अधिकारियों ने बताया कि बिष्णुपुर और इंफाल पूर्वी जिलों के परिधीय इलाकों में कई ड्रोन देखे जाने के बाद लोगों ने शुक्रवार रात (6 सितंबर) को अपने घरों की लाइटें बंद कर दीं.

Update: 2024-09-07 05:58 GMT

Manipur Attack: मणिपुर में ड्रोन के बाद अब राकेट से हमला हुआ है. मणिपुर के बिष्णुपुर जिले में शुक्रवार (6 सितंबर) को संदिग्ध उग्रवादियों ने दो रॉकेट दागे, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई और पांच अन्य घायल हो गए. पिछले कुछ दिनों से हो रहे हाई-टेक हमलों के बाद इंफाल घाटी क्षेत्र में तनाव व्याप्त है.

इस सप्ताह के प्रारंभ में इम्फाल पश्चिम जिले में दो निकटवर्ती स्थानों पर लोगों पर बम गिराने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किए जाने के बाद ये रॉकेट हमले हुए. दोनों घटनाएं राज्य में पहले कभी नहीं हुई थीं, जहां पिछले वर्ष मई से जातीय हिंसा के कारण 200 से अधिक लोग मारे गए और हजारों लोग बेघर हो गए.

हजारों लोगों ने विरोध में मानव श्रृंखला बनाई
इंफाल घाटी के पांच जिलों में हजारों लोगों ने शुक्रवार को उग्रवादियों के हमलों का विरोध करने के लिए मानव श्रृंखला बनाई. मणिपुर सरकार ने बम हमलों से उत्पन्न अशांति के मद्देनजर 7 सितंबर को स्कूलों को बंद करने की घोषणा की है. अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार को पहला रॉकेट हमला सुबह करीब 4.30 बजे बिष्णुपुर जिले के त्रोंगलाओबी में हुआ, जिसमें दो इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं.
दोपहर करीब तीन बजे दूसरा रॉकेट व्यस्त मोइरांग कस्बे में पूर्व मुख्यमंत्री मैरेम्बम कोइरेंग के आवास परिसर पर गिरा, जिसमें एक बुजुर्ग व्यक्ति की मौत हो गई और एक 13 वर्षीय लड़की सहित पांच अन्य घायल हो गए.

सुरक्षा बल हाई अलर्ट पर
केंद्रीय सुरक्षा बल के एक अधिकारी ने पीटीआई-भाषा को बताया, "सुरक्षा बल हाई अलर्ट पर हैं और घाटी के जिलों की परिधि की ओर बढ़ गए हैं, विशेष रूप से चुराचांदपुर की सीमा से लगे बिष्णुपुर की ओर और कांगपोकपी जिलों की सीमा से लगे इंफाल पश्चिम की ओर."
अधिकारियों ने बताया कि "बिना दिशा वाले" रॉकेट मिसाइल स्थानीय स्तर पर तैयार किए गए थे और इन्हें चूड़ाचांदपुर जिले की ऊंची थांगजिंग पहाड़ियों से निचले मोइरांग कस्बे की ओर दागा गया था. करीब 10 घंटे के अंतराल पर हुए दो हमलों के बाद मोइरांग कस्बे और बिष्णुपुर जिले के बाकी हिस्सों और राज्य के आस-पास के जिलों के सीमावर्ती इलाकों में सभी बाजार और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद कर दिए गए.
एक अधिकारी ने बताया कि इन हमलों से राज्य में संघर्ष को रोकने के लिए बनाई गई सुरक्षा व्यवस्था में खामियां उजागर हो गई हैं. स्थानीय विधायक टी शांति और मंत्री एल सुशीनरो मीतेई ने घटनास्थल का दौरा किया और स्थानीय लोगों से बातचीत की.

'युद्ध का नया रूप'
एक स्थानीय गांव के स्वयंसेवक ने कहा, "लोग अब बेखबर हैं. पहले, जब बंदूक से हमला होता था, तो गांव के स्वयंसेवक जो आसपास के गांवों की रक्षा करते थे, आतंकवादियों को आगे बढ़ने से रोकने के लिए जवाबी कार्रवाई करते थे. हालांकि, यह युद्ध का एक नया रूप है, जिसके लिए कोई भी तैयार नहीं है."
शुक्रवार को ऐतिहासिक आईएनए मुख्यालय के पास हुए रॉकेट हमले में 72 वर्षीय आरके रबी सिंह की मौत हो गई और पांच अन्य घायल हो गए. घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
एक अधिकारी ने बताया, "जब बम विस्फोट हुआ, तब रबी सिंह परिसर में कुछ धार्मिक अनुष्ठानों की तैयारी कर रहे थे."
इस बीच, मणिपुर सरकार ने एक अधिसूचना में कहा, "राज्य में अशांति और मौजूदा स्थिति को देखते हुए तथा छात्रों और शिक्षकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, सभी सरकारी और निजी स्कूल, केंद्रीय विद्यालय 7 सितंबर को बंद रहेंगे."

COCOMI ने 'सार्वजनिक आपातकाल' घोषित किया
घाटी आधारित नागरिक निकायों के एक समूह, मणिपुर अखंडता पर समन्वय समिति (सीओसीओएमआई) ने तत्काल प्रभाव से इंफाल घाटी के पांच जिलों में "सार्वजनिक आपातकाल" की घोषणा की है. इसमें कहा गया, "लोगों के जीवन की रक्षा के लिए सरकार पर अब और भरोसा नहीं किया जा सकता। जनता को अपनी सुरक्षा के लिए खुद ही रास्ता तय करना होगा."
सीओसीओएमआई ने मानव श्रृंखला भी बनाई, जिसमें स्कूल और कॉलेज के छात्रों के साथ-साथ विभिन्न इलाकों की महिलाएं भी शामिल हुईं. उन्होंने थौबल जिले के थौबल बाजार, लिलोंग चाजिंग और इंफाल पश्चिम जिले के सेकमाई, क्वाकेथेल, सिंगजामेई में सड़कों के किनारे कतार में खड़े होकर कोटरुक और सेनजाम चिरांग में हुए हाल के हमलों की निंदा करते हुए नारे लगाए.

ड्रोन दिखे, लोगों ने घरों की लाइटें बंद कर दीं
अधिकारियों ने बताया कि मणिपुर के बिष्णुपुर और इंफाल पूर्वी जिलों के परिधीय क्षेत्रों में लोगों ने शुक्रवार रात (6 सितंबर) को कई ड्रोन देखे जाने के बाद अपने घरों की लाइटें बंद कर दीं.
अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार रात बिष्णुपुर जिले के नारायणसेना, नाम्बोल कामोंग और इंफाल पूर्वी जिले के पुखाओ, दोलाईथाबी, शांतिपुर में कई ड्रोन देखे गए, जिससे इलाकों में दहशत फैल गई.

घबराये ग्रामीणों ने घरों की लाइटें बंद कर दीं
एक अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा बल बड़े समूहों में लोगों की आवाजाही पर नजर रखने के लिए परिधीय क्षेत्रों में हाई अलर्ट पर हैं. बिष्णुपुर जिले में आसमान में कई लाइटिंग राउंड फायर किए गए, जिससे लोगों में दहशत और भ्रम की स्थिति पैदा हो गई. यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि ये फायर सुरक्षा बलों ने किए या किसी और ने. मणिपुर में ड्रोन का हथियार के रूप में इस्तेमाल पहली बार 1 सितंबर को इंफाल पश्चिम जिले के कोत्रुक गांव में देखा गया था. इस हमले में बंदूकों का भी इस्तेमाल किया गया था, जिसमें दो लोग मारे गए और नौ अन्य घायल हो गए. अगले दिन, लगभग तीन किलोमीटर दूर सेनजाम चिरांग में रिमोट नियंत्रित छोटे उड़ने वाले उपकरण का पुनः प्रयोग किया गया, जिससे तीन व्यक्ति घायल हो गए.

( एजेंसी इनपुट्स के साथ )


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