फाइनेंशियल इन्फ्लुएंसर्स पर चला SEBI का चाबुक, 7 संस्थाओं पर लगाया बैन

मार्केट रेगुलेटर SEBI ने शेयर मार्केट को लेकर फर्जी या भ्रमित ज्ञान बांटने वाले फाइनेंशियल इन्फ्लुएंसर्स पर कड़ी कार्रवाई की.

Update: 2024-12-03 08:17 GMT

SEBI action: मार्केट रेगुलेटर SEBI ने शेयर मार्केट को लेकर फर्जी या भ्रमित ज्ञान बांटने वाले फिनफ्लुएंसर्स पर कड़ी कार्रवाई की. इसके तहत बाजार नियामक ने 'बाप ऑफ चार्ट' वाले मोहम्मद नसीरुद्दीन अंसारी पर एक साल तक के लिए बैन लगा दिया. वहीं, 6 अन्‍य संस्थाओं पर 6-6 महीने का बैन लगाया है. बता दें कि अंसारी 'बाप ऑफ चार्ट' के नाम से अनअथॉराइज्ड निवेश कंसल्टिंग सर्विस चलाते हैं.

सेबी ने नसीरुद्दीन अंसारी के साथ ही राहुल राव पदमती, तबरेज अब्दुल्ला, आसिफ इकबाल वानी, गोल्डन सिंडिकेट वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड (जीएसवीपीएल), मंशा अब्दुल्ला और जादव वामशी को भी तीन महीने के भीतर 17.2 करोड़ रुपये वापस करने का निर्देश दिया है.

अंसारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर 'बाप ऑफ चार्ट' के नाम से प्रोफाइल चलाते हैं, जहां वे शेयर बाजार में खरीद/बिक्री की सलाह देते हैं. सेबी के अनुसार, ये सलाह प्रतिभूति बाजार से संबंधित शैक्षिक प्रशिक्षण प्रदान करने के नाम पर दी गई थीं. इसके अतिरिक्त नियामक ने अंसारी पर 20 लाख रुपये, पदमती, तबरेज अब्दुल्ला, वानी, जीएसवीपीएल, मंशा अब्दुल्ला और वामशी पर 2-2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है.

सेबी के पूर्णकालिक सदस्य अमरजीत सिंह ने अंतिम आदेश में कहा कि बिना किसी पंजीकृत आईए (निवेश सलाहकार) प्रमाण पत्र के, नासिर ने शेष नोटिसियों की सहायता से निवेश सलाहकार सेवाएं प्रदान कीं और पाठ्यक्रम शुल्क के माध्यम से धन जुटाने के उद्देश्य से निवेशकों को अवास्तविक रिटर्न का वादा किया. वह जानता था कि इस तरह का रिटर्न देना असंभव है. सिंह ने कहा कि इसके बावजूद निवेशकों/ग्राहकों को ट्रेडिंग रणनीतियों का उपयोग करके अवास्तविक सुनिश्चित रिटर्न के झूठे वादे किए गए.

उन्होंने कहा कि मोहम्मद नासिर/बाप ऑफ चार्ट द्वारा यूट्यूब पर जारी किए गए ट्रेलर वीडियो में नाटकीयता और दिखावटीपन का उद्देश्य भोले-भाले और अज्ञानी दर्शकों को अपनी "क्लास" में शामिल होने के लिए आकर्षित करके अप्राकृतिक रिटर्न का भ्रम पैदा करना प्रतीत होता है, जिससे वे प्रतिभूति बाजार में व्यापार करने के लिए प्रेरित होते हैं.

सेबी ने यह भी पाया कि अंसारी रिटर्न का आश्वासन दे रहा था, जिसका उद्देश्य ग्राहकों को बाप ऑफ चार्ट के माध्यम से पेश किए जाने वाले "शैक्षणिक पाठ्यक्रमों" को खरीदने के लिए प्रभावित करना था. सिंह ने कहा कि अंसारी ने प्रतिभूति बाजार में हुए नुकसान को भी अपने खाते में छिपाया है. इसलिए अंसारी ने नियामकीय नियमों का उल्लंघन करते हुए धोखाधड़ी की है.

सेबी ने यह भी कहा कि अंसारी, पदमति और जीएसवीपीएल अंतरिम आदेश में एस्क्रो खाता खोलने और उसमें अवैध आय जमा करने के निर्देशों का पालन करने में विफल रहे हैं. सेबी ने कहा कि चूंकि यह अवैध गतिविधि से प्राप्त आय है, इसलिए इसे नोटिस प्राप्तकर्ताओं के संबंधित ग्राहकों को वापस किया जाना चाहिए. इसलिए सेबी ने निष्कर्ष निकाला कि नासिर 'बाप ऑफ चार्ट' का चेहरा थे और निवेश संबंधी सलाह देते थे. हालांकि वे सेबी के पास पंजीकृत नहीं थे, फिर भी शेष संस्थाओं ने नासिर को कारोबार में सहायता और प्रोत्साहन दिया.

नियामक ने यह भी पाया कि नोटिस प्राप्तकर्ताओं ने अपंजीकृत निवेश सलाहकार गतिविधि के संबंध में फीस के रूप में 17.20 करोड़ रुपये एकत्र किए हैं और बाजार मानदंडों और आईए विनियमों के प्रावधानों का उल्लंघन किया है. ऐसे में अंसारी को प्रतिभूति बाजार से एक वर्ष के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है तथा अन्य छह लोगों पर छह महीने के लिए प्रतिबंध लगाया गया है. यह कार्रवाई 25 अक्टूबर, 2023 को सेबी द्वारा अंसारी, जीएसवीपीएल, पदमति, तबरेज़, वानी, मंशा और वामशी के खिलाफ जारी एक अंतरिम आदेश-सह-कारण बताओ नोटिस से हुई है. क्योंकि संस्थाओं की अपंजीकृत निवेश सलाहकार गतिविधियों को प्रथम दृष्टया आईए (निवेश सलाहकार) मानदंडों और पीएफयूटीपी (धोखाधड़ी और अनुचित व्यापार प्रथाओं का निषेध) नियमों का उल्लंघन पाया गया था.

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