बाजार में भरोसे की वापसी, फिर इक्विटी की तरफ निवेशकों का झुकाव
Equity Inflows: इक्विटी फंड्स में निवेश में दो महीने बाद पहली बार बढ़त दिखाई दे रही है. SIP और हाइब्रिड फंड्स में लगातार तेजी हो रही है. निवेशकों के बीच गोल्ड ETF खासा आकर्षक बना हुआ है.;
Mutual Funds: जून महीने में इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में नेट निवेश ₹23,587 करोड़ रहा, जो पिछले पांच महीनों की गिरावट के बाद पहली बार 24% बढ़ोतरी को दिखाता है. यह जानकारी एएमएफआई (Association of Mutual Funds in India) द्वारा बुधवार को जारी आंकड़ों में सामने आई. यह लगातार 52वां महीना है, जब म्यूचुअल फंड्स में नेट इनफ्लो जारी है.
SIP फ्लो में भी तेजी
जून में SIP (Systematic Investment Plan) के माध्यम से निवेश ₹27,269 करोड़ रहा, जो मई में दिए गए ₹26,688 करोड़ से थोड़ा अधिक है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, निवेशकों में आत्मविश्वास दिख रहा है, जो उद्योग और भारतीय बाजारों दोनों के लिए बहुत सकारात्मक संकेत है.
नेट इक्विटी इनफ्लो में पहली बढ़त
पिछले पांच महीनों में इक्विटी फंड्स में लगातार गिरावट रही:-
दिसंबर: ₹41,156 करोड़
जनवरी: ₹39,688 करोड़
फरवरी: ₹29,303 करोड़
मार्च: ₹25,082 करोड़
अप्रैल: ₹24,269 करोड़
जून में यह पहली बार वृद्धि हुई, जबकि नवंबर में ₹35,943 करोड़ इनफ्लो था. रिपोर्ट्स के अनुसार, यह दर्शाता है कि निवेशकों का विश्वास लौट रहा है, विशेषकर निफ्टी-50 और मिड/स्मॉल कैप में मजबूत रैली की वजह से.
कैटेगरी के अनुसार निवेश प्रवाह (जून में)
फंड श्रेणी | नेट इनफ्लो (₹ करोड़) |
फ्लेक्सी कैप | 5,733
स्मॉल कैप | 4,024
मिड कैप | 3,754
लार्ज कैप | 1,694
कुल मिलाकर, म्यूचुअल फंड उद्योग में जून में ₹49,000 करोड़ से अधिक निवेश हुआ, जो मई की तुलना में वृद्धि दर्शाता है (मई में ₹29,000 करोड़).
AUM पर भी रहा सकारात्मक असर
जून अंत तक Assets Under Management (AUM) बढ़कर ₹74.4 लाख करोड़ हो गया, जबकि मई अंत में यह ₹72.2 लाख करोड़ था. रिपोर्ट्स के अनुसार, AUM में यह वृद्धि रिटेल निवेश और SIP प्रवाह की निरंतरता का नतीजा है.
अन्य फंडों का प्रदर्शन
हाइब्रिड फंड्स: जून में ₹23,223 करोड़ का निवेश (मई में ₹20,765 करोड़)
डेब्ट फंड्स में निकासी जारी
जून में डेब्ट फंड्स से ₹1,711 करोड़ की निकासी हुई (मई में ₹15,908 करोड़). अप्रैल में इनफ्लो था ₹2.2 लाख करोड़. कुछ कैटेगरी जैसे ओवरनाइट और लिक्विड फंड्स में ₹33,350 करोड़ निकासी देखी गई, जिसे तिमाही अंत की तरलता जरूरतों और ट्रेजरी समायोजन से जोड़ा गया है.