NSE ट्रेडिंग कैलेंडर 2026: जानें किन दिन बाजार रहेगा बंद

NSE Trading Holidays 2026: शेयर बाजार का समय 9:00 बजे सुबह से 3:30 बजे तक रहेगा। 9:00 से 9:15 बजे तक प्री-मार्केट सेशन होगा, जबकि मुख्य ट्रेडिंग 9:15 से 3:30 बजे तक चलेगी।

Update: 2025-12-14 08:16 GMT
Click the Play button to listen to article

NSE 2026 Holidays: साल 2025 अपने अंतिम दौर में है और नया साल 2026 आने वाला है। इसी बीच नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने आगामी वर्ष के लिए अपनी ट्रेडिंग हॉलिडे लिस्ट जारी कर दी है। NSE की नई सूची के अनुसार, वर्ष 2026 में शेयर बाजार कुल 15 दिनों के लिए बंद रहेगा।

NSE के कैलेंडर अनुसार, पहली छुट्टी 26 जनवरी (गणतंत्र दिवस) को होगी और साल की आखिरी छुट्टी 25 दिसंबर (क्रिसमस) को रहेगी।

 क्र.सं. | तारीख | दिन | छुट्टी का विवरण

 ------- | ---------------- | -------- 

 1 | 26 जनवरी, 2026 | सोमवार | गणतंत्र दिवस

 2 | 3 मार्च, 2026 | मंगलवार | होली

 3 | 26 मार्च, 2026 | गुरुवार | श्री राम नवमी

 4 | 31 मार्च, 2026 | मंगलवार | श्री महावीर जयन्ती

 5 | 3 अप्रैल, 2026 | शुक्रवार | गुड फ्राइडे

 6 | 14 अप्रैल, 2026 | मंगलवार | डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर जयंती

 7 | 1 मई, 2026 | शुक्रवार | महाराष्ट्र दिवस

 8 | 28 मई, 2026 | गुरुवार | बकरी ईद

 9 | 21 जुलाई, 2026 | मंगलवार | मुहर्रम

 10 | 14 सितंबर, 2026 | सोमवार | गणेश चतुर्थी

 11 | 2 अक्टूबर, 2026 | शुक्रवार | महात्मा गांधी जयंती

 12 | 20 अक्टूबर, 2026 | मंगलवार | दशहरा

 13 | 10 नवंबर, 2026 | मंगलवार | दिवाली-बालिप्रतिपदा

 14 | 24 नवंबर, 2026 | मंगलवार | प्रकाश गुरु पुरब श्री गुरु नानक देव

 15 | 25 दिसंबर, 2026 | शुक्रवार | क्रिसमस

इन छुट्टियों के अलावा, NSE सभी शनिवार और रविवार को भी बंद रहेगा।

शेयर बाजार का समय

शेयर बाजार का समय 9:00 बजे सुबह से 3:30 बजे तक रहेगा। 9:00 से 9:15 बजे तक प्री-मार्केट सेशन होगा, जबकि मुख्य ट्रेडिंग 9:15 से 3:30 बजे तक चलेगी।

2025 में बाजार की स्थिति

इस साल बाजार में काफी उतार-चढ़ाव देखा गया। वैश्विक आर्थिक दबाव, टैरिफ युद्ध और भू-राजनीतिक तनाव के बीच NSE Nifty अप्रैल में 52-सप्ताह के निचले स्तर 21,743.65 तक गिरा। लेकिन नवंबर में यह अपने ऐतिहासिक उच्च स्तर 26,325.8 तक पहुंच गया। फिलहाल, 58 शेयर अपने 52-सप्ताह के उच्च स्तर पर ट्रेड कर रहे हैं। घरेलू इक्विटी बाजार में भारी FPI सेल-ऑफ से शेयर और मुद्रा बाजार पर दबाव पड़ा। रुपया 90 के स्तर से नीचे गिरकर अपने सभी समय के निचले स्तर तक पहुंच गया।

विशेषज्ञों का कहना है कि आगामी वर्ष में बाजार मैक्रोइकोनॉमिक डेटा और पॉलिसी संकेतों के प्रति संवेदनशील रहेंगे। निवेशक वैश्विक विकास, मुद्रास्फीति और ब्याज दरों के रुख का मूल्यांकन करेंगे, जिससे बाजार में उतार-चढ़ाव और मुद्रा बाजार पर भी प्रभाव देखने को मिल सकता है।

Tags:    

Similar News