सब्जियों ने दिलाई राहत, नवंबर में खुदरा मुद्रास्फीति घटकर 5.48 प्रतिशत पर पहुंची

नवंबर 2024 में खाद्य पदार्थों की मुद्रास्फीति घटकर 9.04 प्रतिशत रह जाएगी, जबकि अक्टूबर 2024 में यह 10.87 प्रतिशत और नवंबर 2023 में 8.70 प्रतिशत होगी। इसकी मुख्य वजह सब्जी की कीमतों में आई कमी को माना जा रहा है।;

Update: 2024-12-12 12:29 GMT

Retail Inflation : गुरुवार, 12 दिसंबर 2024 को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार, खुदरा मुद्रास्फीति ( Retail Inflation ) नवंबर में घटकर 5.48 प्रतिशत पर आ गई, जो अक्टूबर में 6.21 प्रतिशत थी। इस कमी का मुख्य कारण खाद्य पदार्थों, विशेष रूप से सब्जियों की कीमतों में गिरावट माना जा रहा है।


खाद्य मुद्रास्फीति में गिरावट
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा जारी उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) के आंकड़े दर्शाते हैं कि नवंबर में खाद्य मुद्रास्फीति घटकर 9.04 प्रतिशत रही, जबकि अक्टूबर में यह 10.87 प्रतिशत थी। सब्जियां, दालें, चीनी, फल, और दूध जैसे आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में सुधार ने कुल मुद्रास्फीति पर सकारात्मक असर डाला। नवंबर 2023 में खाद्य मुद्रास्फीति 8.70 प्रतिशत थी, जो इस बार भी नियंत्रित स्तर पर रही।

मुद्रास्फीति का पिछला रुझान
पिछले महीनों में, मुद्रास्फीति के आंकड़े स्थिर नहीं रहे। जुलाई-अगस्त 2024 के दौरान हेडलाइन मुद्रास्फीति औसतन 3.6 प्रतिशत थी। सितंबर 2024 में यह बढ़कर 5.5 प्रतिशत हुई और अक्टूबर में 6.21 प्रतिशत के साथ उच्चतम स्तर पर पहुंच गई।

रिजर्व बैंक का अनुमान
हाल ही में, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने चालू वित्त वर्ष के लिए मुद्रास्फीति अनुमान को 4.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 4.8 प्रतिशत कर दिया है। आरबीआई ने संकेत दिया कि दिसंबर तिमाही में खाद्य वस्तुओं की कीमतों पर दबाव बना रह सकता है। हालांकि, नवंबर में दर्ज गिरावट से यह संकेत मिलता है कि सुधार के शुरुआती संकेत दिखाई दे रहे हैं।

उपभोक्ताओं और बाजार के लिए राहत
खाद्य वस्तुओं की कीमतों में गिरावट उपभोक्ताओं और बाजार दोनों के लिए राहत लेकर आई है। सब्जियों, दालों, और अन्य आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में गिरावट ने घरेलू बजट पर सकारात्मक प्रभाव डाला है। यह स्थिति अगले कुछ महीनों तक स्थिर रहने की उम्मीद है, जिससे मुद्रास्फीति नियंत्रित रह सकती है।

विशेषज्ञों की क्या है राय
आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि सब्जियों और अन्य खाद्य उत्पादों की बेहतर आपूर्ति ने मुद्रास्फीति को काबू में लाने में मदद की है। हालांकि, वैश्विक आपूर्ति शृंखला और मौसम की स्थिति आने वाले महीनों में इस पर असर डाल सकते हैं। नवंबर में मुद्रास्फीति में कमी का यह रुझान उपभोक्ताओं के लिए सकारात्मक संकेत है। सरकार और रिजर्व बैंक की सतर्क नीतियों के चलते आने वाले महीनों में मुद्रास्फीति को नियंत्रण में रखने की संभावना है। 


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