अडाणी मामले में SEBI का हिंडनबर्ग को कारण बताओ नोटिस, कहा गलत बयान रिपोर्ट में थे शामिल
SEBI ने अपने नोटिस में ये आरोप लगाया है कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में पाठकों को गुमराह करने के लिए गलत बयान शामिल गए थे. हिंडनबर्ग ने SEBI के नोटिस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि ये धोखेबाज को बचने के लिए भेजा गया है.
Hindenberg Report: अमेरिकी शार्ट सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च एक बार फिर से सुर्ख़ियों में है. इस बार कारण उसके द्वारा किसी पर ऊँगली उठाना नहीं, बल्कि भारतीय शेयर बाज़ार नियामक ( SEBI ) द्वारा कारण बताओ नोटिस भेजने की वजह से. हिंडनबर्ग ने ये दावा किया है कि SEBI ने उसे 46 पेज का कारण बताओ नोटिस भेजा है, जो अडाणी ग्रुप के खिलाफ लगाये गए आरोपों से सम्बंधित है. हिंडनबर्ग का दावा है कि SEBI ने अपने नोटिस में ये आरोप लगाया है कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में पाठकों को गुमराह करने के लिए गलत बयान शामिल गए थे. हिंडनबर्ग ने SEBI के नोटिस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि ये धोखेबाज को बचने के लिए भेजा गया है.
SEBI ने नोटिस में क्या कहा
SEBI ने हिंडनबर्ग को जो कारण बताओ नोटिस भेजा है उसमें ये कहा गया है कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट जारी होने के बाद 24 जनवरी, 2023 से 22 फरवरी, 2023 के बीच अडाणी एंटरप्राइजेज के शेयरों की कीमत में लगभग 59% की गिरावट आई. 24 जनवरी 2023 से 22 फरवरी 2023 की समय सीमा के बीच शेयरों में किस तरह बदलाव आया, उसका ज़िक्र भी सेबी ने अपने नोटिस में बताया है.
नोटिस में कहा गया है कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट ने "स्कैंडल" जैसी हेडलाइन का इस्तेमाल किया, जानबूझकर कुछ तथ्यों को सनसनीखेज बनाने के साथ साथ तोड़मोड़ कर पेश किया गया. इतना ही नहीं सेबी ने अपने नोटिस में ये भी कहा है कि हिंडनबर्ग रिसर्च ने बिना किसी सबूत के अपनी रिपोर्ट में गलत बयानी की.
हिंडनबर्ग ने SEBI के नोटिस को बताया धोखेबाजों को बचाने का प्रयास
हिंडनबर्ग ने कहा कि "ऐसा लगता है कि SEBI अपनी जिम्मेदारी की उपेक्षा कर रहा है. वो धोखाधड़ी करने वालो से निवेशकों की रक्षा करने के बजाय, धोखाधड़ी करने वालों की रक्षा करने का प्रयास कर रहा है." हिंडनबर्ग का कहना है कि भारतीय बाजार सूत्रों के साथ हुई चर्चा के आधार पर हम ये समझ पाए हैं कि सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया ( SEBI ) गोपनीय तरह से अदानी समूह की मदद कर रहा है, जो हमारी जनवरी 2023 की रिपोर्ट के प्रकाशन के बाद से ही शुरू हो गई थी. इतना ही नहीं हमारे सूत्रों ने ये भी दावा किया है कि SEBI ने पर्दे के पीछे रहते हुए तमाम ब्रोकर्स पर इस बात के लिए दबाव बनाया कि अडाणी के शेयरों में शॉर्ट पोजीशन्स पर क्लोज किया जाए. जिसकी वजह से खरीदारी का दबाव बना और अडाणी समूह के शेयरों को मदद मिली. हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपने ब्लॉग में ये भी कहा कि जब जनता और सुप्रीम कोर्ट की तरफ से इस मामले की जांच करने का दबाव बनाया गया तो SEBI को कुछ समझ नहीं आया मानो जैसे वो लड़खड़ा गया हो. हिंडनबर्ग ने अपनी इस बात के लिए भारत के सुप्रीम कोर्ट की एक टिपण्णी का उदहारण दिया है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि SEBI खुद को करने में असमर्थ है कि FPIस को फण्ड देने वाले अडाणी समहू से जुड़े नहीं हैं. इतना ही नहीं SEBI ने बाद में जाँच में असमर्थ होने का दावा किया.