एफआईआर से समझें स्वाति मालीवाल को शिकायत दर्ज कराने में क्यों लगे तीन दिन

- बिभव कुमार से मिन्नतें की लेकिन वो थप्पड़ लात मरता रहा - सर जोर से सेंटर टेबल पर मारा - स्वाति मालीवाल ने कहा मेरी शर्ट के बटन खोले

Update: 2024-05-17 10:50 GMT

राज्य सभा सांसद और दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष स्वाति मालीवाल को आज दिल्ली पुलिस तीस हजारी कोर्ट लेकर पहुंची. जहाँ मजिस्ट्रेट के सामने स्वाति मालीवाल के 164 के बयान दर्ज कराये गए. दिल्ली पुलिस आज सुबह लगभग 11 बजे उनके आवास पर पहुंची. कुछ ही देर में वो स्वाति मालीवाल को अपने साथ लेकर वहां से निकली और फिर तीस हजारी कोर्ट पहुंची. जहाँ से स्वाति को कोर्ट रूम में ले जाया गया.

क्या होते हैं 164 के बयान

भारतीय दंड सहिंता की धारा 164 के तहत पीडिता या फिर अहम गवाह के बयान मेजिस्ट्रेट के समक्ष दर्ज कराये जाते हैं. दरअसल 164 के बयान की महत्वता क़ानूनी दृष्टि से काफी अहम होती है. अधिवक्ता दीपक चौधरी का कहना है कि पुलिस के सामने जो बयान दर्ज होते हैं वो 161 के तहत दर्ज किये जाते हैं लेकिन उसका साक्ष्यात्मक मूल्य नहीं होता. अदालत में वो मानी नहीं होता. जबकि 164 के बयान का साक्ष्यात्म्क मूल्य होता है.

क्या होती है प्रक्रिया

इस बात के स्पष्ट निर्देश हैं कि जब भी कोई गंभीर मामला सामने आये तो पुलिस को पीड़ित या फिर अहम गवाह के 164 के बयान जल्द से जल्द दर्ज करवाने चाहिए. इसके लिए पुलिस मजिस्ट्रेट के सामने अवदन करती है और फिर जो समय निर्धारित होता है, उस समय पर बयान दर्ज करवाने के लिए अदालत के समक्ष पहुंचा जाता है.

ये बयान इन कैमरा यानि बंद कमरे में दर्ज किये जाते हैं, इस दौरान मजिस्ट्रेट के अलावा पीड़ित या गवाह, जिसके बयान दर्ज किये जाने हैं. मजिस्ट्रेट बयान दर्ज करवाने के लिए आये व्यक्ति से ये सवाल करते हैं कि आप किसी दबाव या डर की वजह से तो बयान दर्ज नहीं करवा रहे हैं. जब पीड़ित या गवाह ये कहता है कि वो अपनी मर्जी और बगैर किसी डर और दबाव क बयान दर्ज करवा रहा है, तभी मजिस्ट्रेट बयान दर्ज करता है. न्यायिक दृष्टि से इस बयान को काफी अहम माना जाता है.





 


स्वाति मालीवाल ने पुलिस के सामने क्या दी शिकायत? जानिये क्या हुआ था 13 मई को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के निवास पर. एफआईआर में क्या लिखवाया स्वाति मालीवाल ने. दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रिय महिला आयोग को बताया

दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रिय महिला आयोग के सामने स्वाति मालीवाल द्वारा दर्ज करायी एफआईआर के बारे में जानकारी दी. दिल्ली पुलिस की तरफ से राष्ट्रीय महिला आयोग को एक्शन टेकन रिपोर्ट भेजी गई है, जिसमें सभी तथ्यों के बारे में पुलिस ने जानकारी दी है. इस दो पन्ने की रिपोर्ट में पुलिस ने क्या-क्या जानकारी दी है, इसे समझाते हैं. पुलिस ने इस रिपोर्ट में स्वाति मालीवाल द्वारा दर्ज कराई एफआईआर के कंटेंट को ही विस्तृत किया है. दिल्ली पुलिस इस फैक्टशीट में स्वाति मालीवाल को "एक्स" की संज्ञा दी है. दिल्ली पुलिस के अनुसार इस मामले का घटनास्थल अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री का निवास स्थान है . अब हम घटनाक्रम से जुडी जानकारी पर प्रकाश डालते हैं.

दिल्ली पुलिस के अनुसार 13 मई की सुबह स्वाति मालीवाल मुख्यमंत्री के कैंप ऑफिस में जाती हैं. वहां से वो मुख्यमंत्री के पीएस बिभव कुमार को फोन करती हैं, लेकिन वो फोन पर कोई जवाब नहीं देता. इसके बाद स्वाति मालीवाल अपने मोबाइल नंबर के व्हाट्सएप से बिभव कुमार को एक मैसेज भेजती हैं, लेकिन उस मैसेज का भी कोई रिप्लाई नहीं आता है. स्वाति मालीवाल मुख्यमंत्री के कंपाउंड में मुख्य दरवाजे से चली जाती हैं, क्योंकि वो पिछले कुछ सालों से लगातार यहां आती जाती रही है और उनके रिहायशी कंपाउंड में भी जाती रही है.

- वहां पर भी बिभव कुमार मौजूद नहीं होता है, स्वाति मालीवाल वहां मौजूद स्टाफ से कहती हैं कि वो मुख्यमंत्री जी से मिलने आई है और इस बारे में मुख्यमंत्री जी को सूचित कर दिया जाए.

- स्टाफ स्वाति मालीवाल को ड्राइंग रूम में बैठने के लिए कहता है. स्वाति मालीवाल ड्राइंग रूम में बैठ जाती है. वो सोफे पर बैठकर मुख्यमंत्री का इंतजार कर रही होती है.

- इसी बीच एक स्टाफ आकर स्वाति मालीवाल को कहता है कि मुख्यमंत्री आपसे मिलने के लिए आ रहे हैं. उन्होंने आपको वेट करने के लिए बोला है.

- इसी बीच में बिभव कुमार चीखता हुआ ड्राइंग रूम में घुसता है और वो स्वाति मालीवाल के साथ गाली गलौज करने लगता है. बिभव के व्यवहार को देखकर स्वाति मालीवाल बुरी तरीके से हतप्रभ रह जाती है और उसे इस तरीके से बात करने से मना करती हैं और कहती है कि तुम मुख्यमंत्री को कॉल करो.

- विभव लगातार ये कहता है कि "तू कैसे हमारी बात नहीं मानेगी. कैसे नहीं मानेगी साली. तेरी औकात क्या है कि हमको ना कर दे. समझती क्या है खुद को? नीच औरत! तुझे तो हम सब सिखाएंगे.

- बिना किसी उकसावे के बिभव कुमार स्वाति मालीवाल पर हमला बोल देता है और उनके गाल पर 7 से 8 बार थप्पड़ मारता है.

- स्वाति मालीवाल मदद के लिए लगातार चिल्लाती है और वो सुधबुध खो बैठती है कि आखिर उनके साथ ये क्या हो रहा है?

- खुद को बचाने के लिए स्वाति मालीवाल अपने पैरों से बिभव को धक्का देती हैं. इसके बाद बिभव उनके ऊपर झपटता है और उनको खींचता है. जानबूझकर उनकी शर्ट को ऊपर कर देता है, जिससे स्वाति मालीवाल की शर्ट के बटन खुल जाते हैं और शर्ट ऊपर हो जाती है.

- इसके बाद स्वाति मालीवाल नीचे गिरती है. बिभव कुमार उनके सर को सेंटर टेबल पर मारता है, जिससे स्वाति मालीवाल नीचे गिर जाती है .





 


मासिक धर्म से थी स्वाति

- स्वाति ने जो एफआईआर दर्ज करवाई है, उसके अनुसार वो लगातार मदद के लिए चिल्लाती रहती हैं, लेकिन कोई भी मदद के लिए नहीं आता. बिभव लगातार स्वाती पर हमला जारी रखता है और उनकी छाती, पेट और यौनी क्षेत्र में भी लात मारता है.

- स्वाती का कहना है कि वो काफी दर्द में थी और लगातार बिभव को रोकने के लिए कह रही थी, लेकिन वो लगातार उन्हें मारता रहा.

- स्वाति ने ये भी दावा किया कि जिस समय उनके साथ मारपीट हो रही थी वो मासिक धर्म से थी. उन्होंने ये बात बिभव को भी बताई और कहा कि उनके साथ मारपीट ना करें, वो बहुत दर्द में है.

- इसके बावजूद बिभव कुमार पूरी ताकत के साथ उनके साथ मारपीट करता रहा. किसी तरीके से स्वाती खुद को बचाने में सफल रहीं और फिर ड्राइंग रूम के ही सोफे पर बैठ गई. इस दौरान अंदर जो भी लोग मौजूद थे, वे सब वहां इकट्ठे हो गए.





 



112 नम्बर पर कॉल किया लेकिन बिभव कुमार दिल्ली पुलिस की सिक्यूरिटी उन्हें बहार निकलवाने के लिए ले आया

- स्वाति मालीवाल का कहना है कि उन्होंने तुरंत 112 नंबर पर कॉल करके पुलिस को इसकी जानकारी दी. इस पर बिभव ने कहा कि "कर ले तुझे जो करना है. तू हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकती. तेरी हड्डी पसली तुडवा देंगे और ऐसी जगह गाड़ेंगे की पता भी नहीं चलेगा."

- इसके बाद जैसे ही बिभव को ये एहसास हुआ कि पुलिस को कॉल की जा चुकी है, तो वो उस कमरे से चला गया. कुछ ही पल में बिभव दोबारा लौट कर आया. इस बार उसके साथ मुख्य दरवाजे पर तैनात जो सिक्योरिटी कर्मी होते हैं, वो थे. उन्होंने मुझे वहां से जाने के लिए कहा.

- स्वाती ने सुरक्षा कर्मियों से कहा कि कृपया मेरी हालत देखिये और कम से कम पुलिस के आने तक मुझे यहां रुकने दीजिए. हालांकि वो लोग मुझे लगातार वहां से जाने के लिए बोलते रहे.

- स्वाति मालीवाल को मुख्यमंत्री आवास से बाहर लेकर आया गया. स्वाति बाहर आकर सड़क पर बैठ गई. वो काफी दर्द में थी. इसी बीच पीसीआर की वैन मौके पर आई और सारी घटना पीसीआर में तैनात पुलिसकर्मियों को बताई.

- स्वाति वहां से पैदल सिविल लाइन में स्थित अपने पुराने आवास की तरफ चलने लगी.

- इसी बीच पुलिसकर्मी उन्हें ऑटो में ले जाने लगे. इसी बीच स्वाति ने ऑटो वाले से कहा कि पहले सिविल लाइन थाने चलें.

- स्वाति थाने में पहुंचकर एसएचओ के कमरे में गई और वहां पर बुरी तरह रोने लगी और सारी घटना की जानकारी एसएचओ को दी.

मीडिया से लगातार आते रहे फोन

स्वाति ने अपनी शिकायत में ये भी ज़िक्र किया है कि इसी दौरान मीडिया से भी लगातार कॉल उनके फोन पर आने लगी. स्वाति काफी दहशत और दर्द में थी.

राजनीतिकरण नहीं चाहती थी

- स्वाति मालीवाल ने कहा कि वो इस मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं चाह रही थी. इसलिए उस दिन उन्होंने किसी प्रकार की कोई शिकायत दर्ज नहीं करवाई.

- स्वाति मालीवाल ने ये भी कहा कि पिछले कुछ दिनों से जब से ये घटना हुई है, वो काफी दर्द में है.

ज़िन्दगी का सबसे कठिन समय

- स्वाति ने कहा कि ये समय उनकी जिंदगी का सबसे कठिन समय है.

- वो इस समय दर्द में है, दहशत में है और प्रताड़ना को झेल रहीं है. उनके सर और गर्दन में चोट लगी है. इसके अलावा उनके हाथों और पेट में भी काफी दर्द है. चलने में भी उनको काफी तकलीफ हो रही है .

- स्वाति ने पुलिस को दी शिकायत में ये भी कहा कि उन्हें इस बात का भी बहुत ज्यादा दुख है कि उन्हें एक ऐसे व्यक्ति ने मारा पीटा, जिसे वो काफी लंबे समय से जानती थी.

- अन्य सब बातों की वजह से वो मानसिक तौर पर भी काफी परेशान हुई और यही वजह भी रही कि उन्हें पुलिस कंप्लेंट दर्ज करवाने में 3 दिन का समय लगा.

ठोस कार्रवाई की जाए

- पुलिस के अनुसार स्वाति मालीवाल ने अपनी शिकायत में ये लिखा है कि "मैं पुलिस से यही निवेदन करती हूं कि इस मामले में आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की जाए".

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