नोएडा से दबोचा गया सेनेगल का किंगपिन, तमिलनाडु समेत चार राज्यों में था नेटवर्क

तमिलनाडु पुलिस ने व्हाट्सऐप से चल रहे अंतरराज्यीय ड्रग नेटवर्क का भंडाफोड़ किया। सेनेगल, नाइजीरिया और कांगो के नागरिकों सहित 12 से अधिक गिरफ्तार किए गए हैं।

Update: 2025-11-08 09:49 GMT

तमिलनाडु के तिरुवल्लुर ज़िले की पुलिस ने संगठित अपराध के खिलाफ एक बड़ी सफलता हासिल की है। एक लंबे अभियान के बाद पुलिस ने एक अत्याधुनिक अंतरराज्यीय सिंथेटिक ड्रग गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस ऑपरेशन में एक दर्जन से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें नाइजीरिया, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो (DR Congo) और सेनेगल जैसे अफ्रीकी देशों के नागरिक भी शामिल हैं।

यह गिरोह तमिलनाडु, कर्नाटक, दिल्ली और पूर्वोत्तर राज्यों में सक्रिय था और डिजिटल ऐप्स तथा शहरी क्षेत्रों में बनाए गए “हिडन ड्रॉप पॉइंट्स” के ज़रिये मेथामफेटामाइन, गांजा और कोकीन की तस्करी कर रहा था।

पहला बड़ा ब्रेकथ्रू: 14 अक्टूबर की रात

14 अक्टूबर को पुलिस को एक अहम सुराग मिला, जिसके बाद मणवलनगर में दो संदिग्धों — मुनीर (28, पिता शेख) और जावेद (38, पिता बशीर) — को 55 ग्राम मेथामफेटामाइन के साथ रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया। इस मामले में नारकोटिक ड्रग्स एंड सायकोट्रॉपिक सब्सटेंस (NDPS) एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया (क्राइम नंबर 195/2025)।जांच में सामने आया कि दोनों आरोपी नियमित रूप से मुंबई से ड्रग्स लाते थे और फिर उन्हें बेंगलुरु और चेन्नई में सप्लाई करते थे।

इंस्टाग्राम इन्फ्लुएंसर निकला अगला आरोपी

23 अक्टूबर को जांच को आगे बढ़ाते हुए पुलिस ने चेन्नई के रहने वाले सिबिराज (22, पिता धनसेकर) को गिरफ्तार किया। सिबिराज एक डांस स्टूडियो का मालिक और इंस्टाग्राम पर लाखों व्यूज़ पाने वाला सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर था। उसके पास से 54 ग्राम मेथामफेटामाइन बरामद हुआ। उस पर NDPS एक्ट के तहत एक और मामला दर्ज किया गया (क्राइम नंबर 201/2025) और उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

खुलासा: व्हाट्सऐप से चल रहा था पूरा नेटवर्क

इन गिरफ्तारियों के बाद एक विशेष जांच दल (Special Team) बनाया गया, जिसमें रानीपेट, वेल्लोर और तिरुवन्नामलाई ज़िलों के निरीक्षक और 15 पुलिसकर्मी शामिल थे।जांच में पता चला कि यह पूरा ड्रग नेटवर्क दिल्ली में बैठे एक “किंगपिन” द्वारा व्हाट्सऐप के ज़रिये नियंत्रित किया जा रहा था। ग्राहक पैसे पश्चिम बंगाल, नागालैंड और मिजोरम के खातों में ट्रांसफर करते थे, जिसके बाद उन्हें GPS कोऑर्डिनेट्स भेजे जाते थे ताकि वे छिपे हुए “ड्रॉप पॉइंट्स” से माल उठा सकें।

10 तमिलनाडु निवासी और 2 विदेशी गिरफ्तार

अब तक की जांच में 10 तमिलनाडु निवासी ऐसे पाए गए जिन्होंने इस नेटवर्क को पैसे भेजे थे। पुलिस ने 10 लोगों को ड्रग्स के साथ गिरफ्तार किया, जिनमें दो विदेशी नागरिक भी शामिल थे माइकल न्नामदी (43), नाइजीरिया का निवासी, जो नमक्कल में रह रहा था। कफिता यानिक त्शिम्बो (36), डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो का निवासी।

नोएडा से दबोचा गया सेनेगल का किंगपिन

जांच दल की अगली कार्रवाई दिल्ली में हुई। 10 दिन की निगरानी के बाद पुलिस ने नोएडा में किंगपिन के ठिकाने का पता लगाया। दिल्ली पुलिस की मदद से 6 नवंबर को छापेमारी कर बेंडे (43, पिता वेग्ने), जो सेनेगल का नागरिक है, को गिरफ्तार किया गया।उसके पास से कई मोबाइल फोन बरामद हुए जिनमें तमिलनाडु, कर्नाटक, गुजरात, महाराष्ट्र और पूर्वोत्तर राज्यों में फैले सप्लाई नेटवर्क की विस्तृत जानकारी मिली।

ड्रग्स का स्रोत: पूर्वोत्तर राज्यों की सीमाएं

उत्तरी क्षेत्र के आईजी असरा गर्ग (IPS) ने बताया कि यह किंगपिन इंटरनेट-आधारित ऐप्स के ज़रिये पूरे ऑपरेशन को संचालित कर रहा था। जांच से यह भी सामने आया कि बेंडे उत्तर-पूर्वी राज्यों की सीमावर्ती इलाकों से ड्रग्स मंगवाता था और नकली पहचान, कई सिम कार्ड्स और कपड़ों की दुकानों जैसे “फ्रंट बिज़नेस” का इस्तेमाल कर मनी लॉन्ड्रिंग करता था।उसे दिल्ली की एक अदालत में पेश कर ट्रांजिट रिमांड पर तिरुवल्लुर लाया गया।

ऑनलाइन ग्राहकों को फँसाने की साज़िश

पुलिस के अनुसार, कुछ अफ्रीकी नागरिक विदेश में बैठकर ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स के ज़रिये भारतीय युवाओं को नशे के जाल में फँसा रहे थे। बेंडे के गिरोह का यही “कस्टमर नेटवर्क” अब जांच के दायरे में है।पुलिस अब इस नेटवर्क से जुड़े अन्य सहयोगियों, डीलरों, बैंक अकाउंट संचालकों और कैरियर्स की तलाश में है।

पुलिस का बयान

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा  यह ऑपरेशन यह दिखाता है कि हम शहरी युवाओं को निशाना बनाने वाले ड्रग नेटवर्क्स को पूरी तरह खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह पूरी कार्रवाई तिरुवल्लुर पुलिस की ओर से संगठित ड्रग अपराध के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी सफलता मानी जा रही है। यह न केवल तमिलनाडु बल्कि पूरे दक्षिण भारत में फैले ड्रग नेटवर्क के अंतरराष्ट्रीय गठजोड़ का पर्दाफाश करने वाला मामला बन चुका है।

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