लेखपाल भर्ती में ओबीसी आरक्षण पर राजभर ने जताई चिंता, योगी को पत्र
यूपी लेखपाल भर्ती में 27% ओबीसी आरक्षण लागू न होने का आरोप, मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने सीएम योगी से पद पुनर्निर्धारण की तीन मांग की हैं।
UP Politics : उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने राजस्व लेखपाल भर्ती में ओबीसी आरक्षण को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर आपत्ति जताई है। उन्होंने आरोप लगाया कि भर्ती प्रक्रिया में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण के अनुरूप पद निर्धारित नहीं किए गए हैं, जिससे प्रदेश के करोड़ों ओबीसी युवाओं के साथ अन्याय हुआ है।
कुल 7,994 पदों का आंकलन
राजभर ने अपने पत्र में लिखा कि राजस्व परिषद, उत्तर प्रदेश द्वारा लेखपाल (स्थायी) पदों की कुल संख्या 7,994 घोषित की गई है। इसके श्रेणीवार पद इस प्रकार हैं:
अनारक्षित (यूआर): 4,165
अनुसूचित जाति (एससी): 1,446
अनुसूचित जनजाति (एसटी): 150
अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी): 1,441
आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस): 792
मंत्री ने स्पष्ट किया कि यदि कुल 7,994 पदों पर 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण लागू किया जाए तो ओबीसी के लिए लगभग 2,158 पद होने चाहिए थे। लेकिन अधिसूचना में केवल 1,441 पद ही दर्शाए गए हैं। इसका मतलब है कि ओबीसी वर्ग के करीब 717 पद कम कर दिए गए।
ओबीसी युवाओं के भविष्य पर असर
राजभर ने इसे बेहद गंभीर और चिंताजनक बताया। उन्होंने कहा कि अन्य वर्गों के आरक्षण में किसी प्रकार की कमी नहीं दिखाई दे रही, जबकि केवल ओबीसी वर्ग के आरक्षण में कमी की गई है। इसके कारण संविधान में प्रदत्त आरक्षण व्यवस्था की भावना ठेस पहुँचेगी और प्रदेश के करोड़ों ओबीसी युवाओं के भविष्य पर नकारात्मक असर पड़ेगा।
सरकार की मंशा पर सवाल
मंत्री ने याद दिलाया कि इससे पहले 69,000 शिक्षक भर्ती में भी ओबीसी छात्रों के अधिकारों को लेकर विवाद उठ चुका है। उन्होंने कहा कि बार-बार ऐसी घटनाएं सामने आना सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करता है।
सीएम योगी से तीन प्रमुख मांगें
ओम प्रकाश राजभर ने मुख्यमंत्री से तीन मांगें रखीं:
लेखपाल भर्ती में ओबीसी आरक्षण को 27 प्रतिशत के अनुसार पुनः निर्धारित किया जाए।
यदि किसी तकनीकी या प्रशासनिक कारण से यह गड़बड़ी हुई है, तो उसका सार्वजनिक स्पष्टीकरण दिया जाए।
ओबीसी वर्ग के अधिकारों की पूर्ण सुरक्षा सुनिश्चित की जाए ताकि भविष्य में ऐसी कटौती दोबारा न हो।
भरोसा और कार्रवाई
राजभर ने भरोसा जताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के न्यायप्रिय नेतृत्व में इस मुद्दे पर जल्द ही सकारात्मक निर्णय लिया जाएगा। पत्र की प्रतिलिपि मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश शासन और अध्यक्ष, राजस्व परिषद को भी भेजी गई है।