Parcel Blast : साथी संग मुख्यारोपी गिरफ्तार, ऑनलाइन सीखा था बम बनाना
पुलिस ने बताया कि तकनीकी निगरानी की मदद से रूपेन राव (44) और उसके साथी रोहन रावल (21) को रात में गिरफ्तार कर लिया गया। राव ने अपने ससुराल वालों की हत्या की साजिश भी रची थी।;
By : Abhishek Rawat
Update: 2024-12-22 13:04 GMT
Ahmadabad Parcel Blast : अहमदाबाद में एक घर में डिलीवर किए गए पार्सल में हुए विस्फोट के मामले में पुलिस ने दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इस घटना में दो लोग घायल हुए थे। पुलिस ने रविवार को जानकारी देते हुए बताया कि इस मामले में रूपेन राव (44) को गिरफ्तार किया गया है, जिसने इंटरनेट के जरिए बम और देसी पिस्तौल बनाना सीखा था।
पारिवारिक रंजिश से जुड़ा मामला
पुलिस के अनुसार, राव ने यह विस्फोटक अपनी अलग रह रही पत्नी के दोस्त बलदेव सुखाड़िया और उसके परिवार से बदला लेने के लिए तैयार किया था। आरोपी ने दावा किया कि बलदेव और उसके परिवार के कारण ही उसकी पत्नी ने उसे छोड़ा था। वर्तमान में उनकी तलाक की प्रक्रिया अदालत में लंबित है।
घायलों का उपचार जारी
विस्फोट में घायल दोनों व्यक्तियों का अस्पताल में इलाज चल रहा है। उनकी स्थिति स्थिर बताई जा रही है। पुलिस ने कहा कि घटना के पीछे के सभी पहलुओं की गहराई से जांच की जा रही है।
क्या है मामला
शनिवार को सुबह करीब 10.45 बजे साबरमती क्षेत्र में एक मकान में विस्फोट हुआ जिसमें दो लोग घायल हो गए। पुलिस उपायुक्त (जोन 2) भरत राठौड़ ने बताया, "शनिवार सुबह साबरमती इलाके में सुखाड़िया परिवार के घर पर पहुंचाए गए पार्सल में विस्फोट होने के बाद हमने मौके से गौरव गढ़वी को गिरफ्तार किया। तकनीकी निगरानी की मदद से राव और उसके अधीनस्थ रोहन रावल (21) को रात में ही पकड़ लिया गया।" राठौड़ ने संवाददाताओं को बताया कि पुलिस ने सल्फर पाउडर, बारूद और एक इलेक्ट्रॉनिक सर्किट का उपयोग करके बनाए गए दो जिंदा बम और एक देशी पिस्तौल बरामद की है, जिसे राव ने बनाया था।
उन्होंने कहा कि राव का मानना था कि सुखाड़िया ने उनके और उनकी पत्नी के बीच दरार पैदा कर दी थी तथा उन्हें अपनी पत्नी और बच्चों से दूर रखा था। अधिकारी ने बताया कि आरोपी का मानना था कि उसकी पत्नी, ससुर और साला उसे पेट की बीमारी के कारण कमजोर महसूस कराते थे।
पुलिस के अनुसार आरोपी ने सुखाड़िया और उसके ससुराल वालों की हत्या करने, उसकी अलग रह रही पत्नी को उसके परिवार से अलग करने और उसे अकेला महसूस कराने के लिए तीन-चार महीने में इंटरनेट पर बम और हथियार बनाने की तकनीक सीखनी शुरू कर दी थी।
राठौड़ ने कहा, "इसलिए, राव और सह-आरोपी ने सल्फर पाउडर, ब्लेड, बैटरी, चारकोल और आतिशबाजी से निकलने वाले बारूद जैसी सामग्रियों का उपयोग करके रिमोट-नियंत्रित बम बनाने की साजिश रची। उन्होंने इंटरनेट से देशी पिस्तौल बनाना भी सीखा।"
एक रात पहले भी लेकर पहुंचा था पार्सल
रावल ने आर्थिक कारणों से छह महीने तक राव के साथ काम किया। अधिकारी ने बताया कि पूछताछ के दौरान रावल ने खुलासा किया कि वो शुक्रवार रात को बम के साथ पार्सल को सुखाड़िया के घर लेकर पहुंचा था लेकिन उनका लक्षित व्यक्ति घर में नहीं था, इसलिए वह पार्सल दिए बिना ही लौट आया। इसके बाद दोनों ने गढ़वी को अगले दिन पार्सल पहुंचाने के लिए भेजा और रावल ने वहीं रहकर बम को विस्फोट करने के लिए रिमोट कंट्रोल का इस्तेमाल किया।
राव के ससुर और साले की भी हत्या करने की रची थी साजिश
डीसीपी ने बताया कि आरोपियों ने राव के ससुर और साले की भी इसी तरह हत्या करने की साजिश रची थी। आरोपियों की तलाश में पुलिस को एक कार से दो जिंदा बम मिले, जिन्हें बम डिटेक्शन एंड डिस्पोजल स्क्वॉड (बीडीडीएस) और एफएसएल टीमों ने समय रहते निष्क्रिय कर दिया। उन्होंने बताया कि पुलिस ने उसी कार से एक देसी पिस्तौल भी बरामद की है।
राठौड़ ने कहा, "बम की वास्तविक प्रकृति एफएसएल रिपोर्ट से स्पष्ट हो जाएगी, लेकिन प्रथम दृष्टया हम समझते हैं कि यदि ऐसा बम शरीर के महत्वपूर्ण हिस्से पर प्रभाव डालता है तो व्यक्ति की मृत्यु हो सकती है।"
बम बनाने का सामन और हथियार हुए बरामद
पुलिस ने राव के घर से दो जिंदा बम और एक पिस्तौल के अलावा विस्फोटक और हथियार बनाने में इस्तेमाल होने वाली कई सामग्रियां भी बरामद कीं। पुलिस ने बताया कि मौके से पांच जिंदा कारतूस, चार हाई वोल्टेज बैटरी सेल, सिंगल और डबल बैरल की तीन अधूरी देशी पिस्तौल, विभिन्न आकार के 10 पाइप, दो रिमोट, तीन मोबाइल फोन, कील और स्क्रू, ब्लेड के डिब्बे, गैस सिलेंडर, ड्रिल मशीन आदि बरामद किए गए।
आरोपियों पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), शस्त्र अधिनियम और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
सतर्कता की अपील
इस घटना के बाद पुलिस ने जनता से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध पार्सल या वस्तु की सूचना तुरंत पुलिस को दें। इसके साथ ही, इस तरह की घटनाओं से निपटने के लिए सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क रहने को कहा गया है।
(शीर्षक को छोड़कर, इस कहानी को फेडरल स्टाफ द्वारा संपादित नहीं किया गया है और एक सिंडिकेटेड फीड से स्वतः प्रकाशित किया गया है।)