दिल्ली कार ब्लास्ट : धमाके से पहले आरोपी आदिल की बेकरारी; “सैलरी ASAP चाहिए, सर”

सितंबर 5 से 9 के बीच की चैट्स में आदिल पैसों के लिए बेचैनी दिखाता रहा। NIA अब जांच कर रही है कि उसे पैसे कौन देता था और क्या रकम सीधे आतंकी मॉड्यूल तक पहुंची।

Update: 2025-11-26 12:34 GMT
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Delhi Car Blast : दिल्ली में लालकिले के पास हुए कार धमाके की जांच में जुटी एजेंसियों को एक और अहम सुराग मिला है। जांच एजेंसियों ने आरोपियों में से एक की व्हाट्सऐप चैट्स बरामद की हैं, जिनसे पता चलता है कि मुख्य आरोपियों में से एक आदिल राथर पैसे के लिए बेहद परेशान था और लगातार अपने जानने वालों से सैलरी दिलाने की गुहार लगा रहा था। ताज्जुब की बात ये है कि आरोपी ने ये चैट डिलीट कर दी थी लेकिन जाँच एजेंसियों ने इसे रिकवर करने में सफलता पायी है, जिसके बाद ही ये अहम खुलासा हो पाया है।


फोन से डिलीट, लेकिन फॉरेंसिक टीम ने हासिल की चैट

ये तमाम चैट राथर के फोन से मिटाई गई थीं, लेकिन उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में एक अस्पताल के स्टाफर के मोबाइल से डिजिटल फॉरेंसिक टीम ने उन्हें रिकवर कर लिया। ये चैट सितंबर 5 से 9 के बीच की है, यानी धमाके से लगभग दो महीने पहले की है।

ज्ञात रहे कि 10 नवंबर के धमाके में 15 लोगों की मौत हुई थी और 20 से ज़्यादा लोग घायल हुए थे।

चैट में बार-बार पैसे की गुहार

5 सितंबर – पहली रिकवर चैट:

“Good afternoon sir… मैंने सैलरी क्रेडिट करने को कहा था… बहुत जरूरत है पैसों की।”

दो घंटे बाद:

“कृपया मेरे अकाउंट में ट्रांसफर कर दीजिए। डिटेल्स दे चुका हूं।”

6 सितंबर सुबह:

“Good morning sir, कृपया कर दीजिए। बहुत आभारी रहूंगा।”

कुछ घंटे बाद:

“सैलरी ASAP चाहिए सर… पैसों की सख्त जरूरत है।”

9 सितंबर – अंतिम मैसेज:

“कृपया कल कर दीजिए। सच में बहुत जरूरत है सर।”

जांच एजेंसियों के मुताबिक अब तक ये पता चला है कि धमाके से पहले इस मोड्यूल ने कुल 26 लाख रुपये जुटाए थे, जिसकी वजह से ये माना जा रहा है कि धमाके के लिए 26 लाख रूपये इस्तेमाल किये गए और राथर की तरफ से 8 लाख रुपये जुटाए गए थे। पूछताछ में खुलासा हुआ है कि इस मॉड्यूल में राथर को “ट्रेज़रर” (खजांची) कहा जाता था।


कौन दे रहा था पैसे? अब जांच इसी कड़ी पर

जांच का सबसे बड़ा सवाल यही है कि राथर पैसों का इंतजाम कहाँ से कर रहा था और उसे पैसा कौन देता था और क्या यह पैसा सीधे आतंकी नेटवर्क तक जा रहा था। जांच एजेंसियां इन सभी प्रश्नों का जवाब तलाशने में जुटी हैं, साथ ही इन चैट्स को केस की महत्वपूर्ण कड़ी मान रही हैं।


‘व्हाइट कॉलर’ टेरर मॉड्यूल का हिस्सा था राथर

आदिल राथर कश्मीर के उन डॉक्टरों में शामिल था जो एक “व्हाइट कॉलर” आतंकवादी मॉड्यूल का हिस्सा थे। इस मॉड्यूल में मुज़म्मिल गनाई, शाहीन सईद और उमर-उन-नबी भी शामिल थे। धमाके वाले दिन 10 नवंबर को विस्फोटक से भरी कार उमर-उन-नबी चला रहा था और उसी ने आत्मघाती हमला किया था।

इस मॉड्यूल का खुलासा जम्मू-कश्मीर पुलिस, यूपी पुलिस और हरियाणा पुलिस की संयुक्त कार्रवाई से हुआ। जांच की कड़ी फरीदाबाद तक पहुंची, जहां से 2,900 किलो विस्फोटक बरामद किए गए। गनाई और सईद को फरीदाबाद से धमाके से कुछ घंटे पहले ही पकड़ लिया गया था, जबकि राथर को सहारनपुर से गिरफ्तार किया गया।


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