दिल्ली कार ब्लास्ट : डॉ उमर नबी साथ लेकर चलता था बम बनाने का सूटकेस-वर्कस्टेशन
डॉ मुज़म्मिल ने जाँच एजेंसियों के सामने खुलासा किया है कि डॉ उमर नबी इस पूरे वाइट कालर मोड्यूल का लीडर था, जो इस मोड्यूल का 'एमीर' कहलाता था. वो चलते फिरते बम बनाने में माहिर था.
By : The Federal
Update: 2025-11-25 15:15 GMT
दाहिने वाला ग्रैब डॉ उमर का है, जब वो तुर्कमान गेट इलाके में मस्जिद में गया था
Delhi Car Blast : दिल्ली में लाल किले के पास हुए कार बम धमाके में 15 लोगों की मौत के ज़िम्मेदार माने जाने वाला उमर उन नबी अपने पास बम बनाने वाली एक पोर्टेबल मशीन रखता था, ये सनसनी खेज खुलासा उमर के साथियों ने जांच एजेंसियों के सामने किया है। जाँच एजेंसियों का दावा है कि उमर नबी के पास एक गुप्त ‘मोबाइल वर्कस्टेशन’ था, जिसकी मदद से वो आतंकी मंसूबों को अंजाम देने के लिए घातक हथियार जैसे बम या विस्फोटक तैयार करता था। हरियाणा के फरीदाबाद में पकड़े गए व्हाइट कॉलर आतंक मॉड्यूल के अन्य आरोपियों ने ये ख़ास जानकारी जांचकर्ताओं को दी है।
जांच में सामने आया कि डॉ उमर उन नबी, जो फरीदाबाद के अल-फलाह यूनिवर्सिटी में कार्यरत था, ने इसी यूनिवर्सिटी के कमरे में अपने प्रयोग के लिए रासायनिक मिश्रण का छोटा टेस्ट किया था, जिसे बाद में उसने आईईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) बनाने में इस्तेमाल किया। इस जानकारी की पुष्टि उस समय हुई, जब पुलिस ने उमर के सूटकेस में बम बनाने की सामग्री और रासायनिक मिश्रण बरामद किए थे।
सूत्रों के अनुसार, उमर उन नबी का ‘मोबाइल वर्कस्टेशन’ एक सूटकेस था, जिसे वह हर जगह साथ ले जाता थे। इसमें रासायनिक यौगिक और उन्हें स्टोर करने के कंटेनर रखे गए थे। जांचकर्ताओं का दावा है कि धमाके में इस्तेमाल हुई Hyundai i20 कार में उमर ने आधा तैयार IED रखा था। बम बनाने के लिए उसने एसीटोन (नेल पॉलिश रिमूवर) और पाउडर शुगर का इस्तेमाल किया था।
विस्फोटक को जम्मू कश्मीर ले जाने की थी योजना
सूत्रों ने दावा किया है कि इस वाइट कालर मोड्यूल की योजना ये थी कि हरियाणा में भारी मात्रा में छुपाए गए विस्फोटक को जम्मू-कश्मीर ले जाया जाए, जहां उमर कुछ बड़ा करने की साजिश रच रहा था, लेकिन यह योजना सफल नहीं हो सकी। इसके बाद,उसने नूह मेवात क्षेत्र से यूरिया लाकर IED तैयार करना शुरू कर दिया था।
उमर के साथी आरोपी मुज़म्मिल शकील ने जांचकर्ताओं के सामने खुलासा किया है कि उमर खुद को इस मॉड्यूल का “एमीर” कहता था। वह नौ भाषाओं में पारंगत था और मॉड्यूल में सबसे शिक्षित और बुद्धिमान व्यक्ति था। मुज़म्मिल ने बताया कि हम उसे रोक नहीं सकते थे। उसके शब्द तथ्यों और रिसर्च से भरे रहते थे। उसने हमेशा धर्म के नाम पर ही कार्य करने की बात कही।
जांचकर्ताओं का कहना है कि उमर उन नबी को विज्ञान और अनुसंधान की गहरी समझ थी और अगर मौका मिलता तो वो आसानी से न्यूक्लियर साइंटिस्ट बन सकता था। उसका संपूर्ण व्यक्तित्व और बौद्धिक क्षमता इस मॉड्यूल में उसके प्रभाव और नेतृत्व को दर्शाती है।
इस खुलासे से यह संकेत मिलता है कि उमर उन नबी ने बड़े पैमाने पर पूर्व नियोजित रणनीति और वैज्ञानिक पद्धति से कार बम धमाके को अंजाम दिया।