दिल्ली कार ब्लास्ट : अमोनियम नाइट्रेट के मिले सुराग, क्या 10 मिनट में बनाया गया बम ?

जाँच एजेंसियों का कहना है कि डॉ नबी का टारगेट लाल किला ही था और वो वहां बड़ा विस्फोट करना चाहता था लेकिन साथियों के पकड़े जाने से वो घबरा गया और जल्दबाजी में धमाका कर डाला

Update: 2025-11-15 09:06 GMT

RedFort Car Blast : दिल्ली के लाल क़िला के पास I 20 कार में हुए भीषण धमाके की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। जांच एजेंसियों से जुड़े सूत्रों ने बताया कि ब्लास्ट में 2 किलो से अधिक अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल किया गया था। इस धमाके में 10 नवंबर को 13 लोगों की मौत हुई थी। जाँच एजेंसियों ने ये भी दावा किया है कि डॉ उमर एक एक्सपर्ट बममेकर था। ये भी माना जा रहा है कि लाल किला को टारगेट करने के पीछे एक कारण विदेशी पर्यटक भी थे, लेकिन सोमवार की वजह से लाल किला बंद था, इसलिए पार्किंग में भीड़ नहीं थी।


52 सैंपल की जांच में खुलासा

जांच सूत्रों के अनुसार मौके से एकत्र किये गए नमूनों में से 52 से ज्यादा नमूनों में विस्फोटक होने के सुराग मिले, जिसकी जांच से पता चला है कि डॉ उमर ने अमोनियम नाइट्रेट, पेट्रोलियम और डेटोनेटर सामग्री मिलाकर बम तैयार किया था। फॉरेंसिक जांच में यह भी सामने आया है कि इस तरह का विस्फोटक बेहद कम समय में मसलन महज 5 से 10 मिनट में तैयार किया जा सकता है। अब सुरक्षा एजेंसियां यह जांच रही हैं कि क्या उमर नबी ने ये विस्फोटक उसी पार्किंग में अस्सेम्ब्ल किया, जहाँ उसकी कार तीन घंटे तक खड़ी रही थी।


3 घंटे पार्किंग में क्या कर रहा था उमर?

सीसीटीवी टाइमलाइन के अनुसार

3:19 PM — उमर पार्किंग में प्रवेश करता है

6:28 PM — पार्किंग से बाहर निकलता है

लगभग 30 मिनट बाद लाल क़िला मेट्रो स्टेशन के पास ट्रैफिक सिग्नल पर कार में जोरदार धमाका होता है। जिसकी वजह से I20 कार तो बम की तरह फट गयी, साथ ही आसपास खड़ी कई गाड़ियों व अन्य वाहनों को भी नुकसान हुआ। 13 लोगों की मौत हो गयी और 20 से अधिक लोग घायल हो गए।


लाल क़िला पर धमाका करने की शुरुआती योजना

सूत्रों का दावा है कि उमर नबी, जो हरियाणा के फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़ा एक कश्मीरी डॉक्टर था, धमाका सीधे लाल क़िला परिसर के पास करने की योजना बना रहा था। लेकिन उसके दो साथियों मुज़म्मिल अहमद गनाई और शाहीन सईद की गिरफ्तारी और फिर फरीदाबाद से भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद होने की खबर ने उसके मन में पकड़े जाने का डर बैठ गया। यही वजह रही कि वो I20 कार लेकर भाग निकला और साथ में विस्फोटक भी।


सोमवार की वजह से लाल किला पार्किंग में नहीं किया विस्फोट

सूत्र बताते हैं कि उमर नबी लाल क़िला यही सोच कर पहुंचा था कि वहां भीड़ होगी और वहां जोरदार धमाका करना बेहतर रहेगा। यही वजह है कि वो बदरपुर से घूमता हुआ मयूर विहार, कनाट प्लेस, तुर्कमान गेट होता हुआ लाल किला की पार्किंग में पहुंचा। लेकिन वहां उसे भीड़ नहीं दिखी। इसकी वजह थी कि उस दिन सोमवार था और लाल किला सोमवार को बंद रहता है। अगर कोई और दिन होता तो वहां निश्चित तौर पर भीड़ रहती और उस भीड़ में विदेशी पर्यटक भी होते।

जब उसने देखा कि वहाँ भीड़ नहीं है, तो तीन घंटे इंतजार कर वह बाहर निकला और नेताजी सुभाष मार्ग की तरफ से जाने लगा। रेड लाइट के पास उसे भीड़ दिखी तो उसने कार में विस्फोट कर दिया।


‘व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल’ के पर्दाफाश के बाद बिगड़ी उसकी योजना

उमर के घबराने का मुख्य कारण उसके दो साथियों की गिरफ्तारी और फरीदाबाद में 2,900 किलो विस्फोटक बरामद होने का खुलासा था। कुछ घंटे पहले ही जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एक अंतरराज्यीय और अंतरराष्ट्रीय “व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल” के भंडाफोड़ करने की घोषणा की थी। जिसके तार पाकिस्तान-स्थित जैश-ए-मोहम्मद और अल-कायदा से जुड़े अंसार गज़वत-उल-हिंद से जुड़े पाए गए। इस मॉड्यूल से जुड़े 7 लोगों की गिरफ्तारी पहले ही की जा चुकी थी।


जांच अब किस दिशा में बढ़ रही है?

एजेंसियां अब यह पता लगाने में जुटी हैं कि क्या उमर ने विस्फोटक पार्किंग में ही बनाया? क्या किसी और ने उसकी मदद की? क्या वह इस मॉड्यूल के दिल्ली-स्तर के ऑपरेशन का हिस्सा था? फॉरेंसिक जांच और कॉल डिटेल रिकॉर्ड के आधार पर कई और संदिग्धों को चिह्नित किया जा रहा है।


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