दिल्ली पुलिस ने नीट एग्जाम के सॉल्वर गैंग का किया भंडाफोड़ 4 गिरफ्तार

आरोपियों में से दो गैंग को चलाने वाले और 2 एमबीबीएस के छात्र

Update: 2024-05-18 11:00 GMT

दिल्ली पुलिस ने नीट 2024 एग्जाम के सॉल्वर गैंग का भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने इस गैंग के चार सदस्यों को पकड़ा है, इनमे से दो एमबीबीएस के छात्र हैं. उनके पास से 4 मोबाइल फोन और एक किया सेल्टोस कर बरामद की गई है. पुलिस का कहना है कि 5 मई को नीट का एग्जाम हुआ था, जिसका एक केंद्र भारतीय विद्या भवन भी था. पुलिस को वहां से सूचना मिलती है कि दो कैंडिडेट ऐसे हैं, जिनकी बायोमेट्रिक पहचान सफल नहीं हो पाई है. पुलिस वहां पर पहुंचती है और उन दोनों ही उम्मीदवारों को पकड़ लेती है. उनके पास से जो एडमिट कार्ड बरामद होता है, उसमें जो फोटो होती है वो उन दोनों से ही मिलती-जुलती होती है, लेकिन आधार कार्ड की जो बायोमेट्रिक वेरीफिकेशन कराई गई थी, उसमें उनके फिंगरप्रिंट मैच नहीं हो पाए थे. दोनों एमबीबीएस छात्रों को न्यायिक हिरासत में भेजा जा चुका है. 

एमबीबीएस के छात्र सॉल्वर बन कर दे रहे थे किसी और की परीक्षा

नई दिल्ली जिला पुलिस के डीसीपी देवेश महाला ने बताया कि पुलिस के पूछताछ करने पर आरोपियों ने अपना नाम सुमित मंदोलिया और कृष्णा केसरवानी बताया ने कि ये दोनों ही एमबीबीएस के छात्र निकले और इन्होंने खुलासा किया कि ये सॉल्वर गैंग का हिस्सा है और किसी अन्य के स्थान पर परीक्षा में बैठे थे. इस गैंग के मुख्य सरगना किशोर लाल और प्रभात कुमार बताए गए, जो दोनों ही फरार पाए गए.

5 से 10 लाख रूपये मिलते हैं एक सॉल्वर को

पुलिस का कहना है कि सुमित मंदोलिया और कृष्णा केसरवानी ने बताया कि इन्हें इस काम के लिए 5 से 10 लख रुपए के बीच में देने का वादा किया गया था. मामले की जांच नई दिल्ली जिले के स्पेशल स्टाफ को सौंप दी गई. स्पेशल स्टाफ के इंचार्ज इंस्पेक्टर संजय कुमार गुप्ता की देखरेख में पुलिस ने किशोर लाल और प्रभात कुमार को भी गिरफ्तार कर लिया .पूछताछ में दोनों ने खुलासा किया कि दोनों मिलकर सॉल्वर गैंग को चला रहे हैं. इनके साथ सुमित और कृष्ण जैसे कुछ और एमबीबीएस के छात्र भी शामिल है.

एग्जाम से पहले ही ढूंढ लेते थे उम्मीदवार

पुलिस का कहना है किशोर और प्रभात ने बताया कि एग्जाम से पहले ही ये ऐसे उम्मीदवारों को ढूंढ लेते थे, जो अपनी जगह किसी और को परीक्षा में बैठा कर एमबीबीएस की सीट हासिल करना चाहते हैं. एक उम्मीदवार से 25 से 30 लख रुपए लिए जाते हैं.

आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस से बनवाते थे एडमिट कार्ड की फोटो

पुलिस ने बताया की किशोर और प्रभात मिल कर ये गैंग चला रहे थे. किशोर जोधपुर, राजस्थान का रहने वाला है और प्रभात पटना, बिहार का. प्रभात पटना में कोचिंग सेंटर चलाता है. प्रभात अपने परिचित से ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वाली फोटो तैयार करवाता था. ये फोटो असली उम्मीदवार और सॉल्वर की फोटो से मिलकर तैयार की जाति थी, जिससे फोटो दोनों की शक्ल से मैच करती हुई बन सके.

बायोमेट्रिक से फंसे

पुलिस का कहना है कि ये गैंग बेहद शातिर था लेकिन शायद इन्हें इस बात कि भनक नहीं थी कि आधार से बायोमेट्रिक मिलान भी कराया जायेगा.

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