दिल्ली पुलिस ने अरुंधति रॉय के खिलाफ आरोप पत्र किया तैयार, अगले हफ्ते कर सकती है दाखिल

दिल्ली पुलिस लेखिका अरुंधति रॉय और कश्मीर के एक पूर्व प्रोफेसर के खिलाफ यूएपीए के तहत दर्ज मामले में अगले सप्ताह आरोप पत्र दाखिल कर सकती है.

Update: 2024-06-18 17:00 GMT

Delhi Police Chargesheet Against Arundhati Roy: दिल्ली पुलिस लेखिका अरुंधति रॉय और कश्मीर के एक पूर्व प्रोफेसर के खिलाफ वर्ष 2010 में कथित भड़काऊ भाषण देने के लिए कड़े गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत दर्ज मामले में अगले सप्ताह आरोप पत्र दाखिल कर सकती है.

रॉय और कश्मीर केन्द्रीय विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर शेख शौकत हुसैन पर 21 अक्टूबर 2010 को कोपरनिकस मार्ग स्थित एलटीजी ऑडिटोरियम में 'आजादी - एकमात्र रास्ता' के बैनर तले आयोजित एक सम्मेलन में कथित रूप से भड़काऊ भाषण देने के लिए मामला दर्ज किया गया था.

नई दिल्ली के मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत के आदेश के बाद कश्मीर के एक सामाजिक कार्यकर्ता सुशील पंडित की शिकायत के आधार पर तिलक मार्ग पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई. बाद में मामले को आगे की जांच के लिए दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को सौंप दिया गया.

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, क्राइम ब्रांच ने कई वीडियो और फोरेंसिक साक्ष्यों के आधार पर एक हजार से अधिक पृष्ठों का आरोपपत्र तैयार किया है. सूत्रों ने बताया कि पुलिस ने आधा दर्जन से ज़्यादा चश्मदीदों के बयानों का हवाला दिया है. सूत्रों ने बताया कि सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो की फ़ोरेंसिक रिपोर्ट भी जांच के हिस्से के तौर पर मुहैया कराई गई है.

बता दें कि दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने शुक्रवार को यूएपीए की धारा 45(1) के तहत उन पर मुकदमा चलाने की मंजूरी दी थी. पिछले अक्टूबर में, एलजी ने आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत दंडनीय अपराधों के लिए सीआरपीसी की धारा 196 के तहत उन पर मुकदमा चलाने की अनुमति दी थी. एक अधिकारी ने बताया कि एफआईआर में धारा 124-ए (देशद्रोह) भी लगाई गई थी. लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं की जा सकी. क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने साल 2022 में कहा था कि जब तक सरकार इसकी दोबारा जांच नहीं कर लेती, तब तक राजद्रोह कानून के तहत कोई एफआईआर, जांच और दंडात्मक कार्यवाही नहीं की जा सकती है.

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