दिल्ली पुलिस: वित्तीय साइबर अपराध दर्ज कराने के लिए नहीं काटने होंगे चक्कर
वित्तीय साइबर अपराधों में अब शनिवार यानी 1 नवम्बर से ₹1 लाख या उससे अधिक की धोखाधड़ी लेनदेन की न केवल ई-एफआईआर दर्ज की जा सकेगी बल्कि उसकी जांच को त्वरित भी किया जायेगा.
Easy Way To Register Financial E Frauds : देश में वित्तीय साइबर फ्रॉड के मामले बेतहाशा बढ़ते जा रहे हैं। खुद देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी न केवल इस पर चिंता व्यक्त कर चुके हैं, बल्कि इसकी रोकथाम के लिए भी बड़े कदम उठाने की बात कर चुके हैं। गृह मंत्री अमित शाह की तरफ से भी वित्तीय साइबर फ्रॉड पर अंकुश लगाने के लिए कई प्रयास किये गए हैं। इसी क्रम में दिल्ली पुलिस ने पीड़ितों की मुस्किल हल करने का एक प्रयास किया है।
इसके तहत अब दिल्ली पुलिस ने अब वित्तीय साइबर अपराधों की शिकायतों को आसान और तेज़ ढंग से ई-एफआईआर में परिवर्तित करने की प्रक्रिया लागू की गई है। यह पहल भारत सरकार के गृह मंत्रालय (MHA) के इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (आई4C) द्वारा शुरू की गई थी।
दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच के स्पेशल कमिश्नर देवेश चन्द्र श्रीवास्तव के अनुसार एक नवम्बर 2025 से दिल्ली पुलिस वित्तीय साइबर अपराध को दर्ज करने के लिए प्रक्रिया को काफी सरल करने जा रही है। पुलिस कमिश्नर सतीश गोलचा के आदेशानुसार जो सरल और महत्वपूर्ण उपाय लागू किये जा रहे हैं, वो इस प्रकार है :
1. पृष्ठभूमि और पहल
16 मई 2025 को दिल्ली में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में ई-ज़ीरो एफआईआर शुरू किया गया था।
पहले केवल ₹10 लाख और उससे अधिक की धोखाधड़ी शिकायतें ई-एफआईआर में परिवर्तित हो रही थीं।
अब इस सीमा को घटाकर ₹1 लाख कर दिया गया है, जो 1 नवंबर 2025 से लागू होगा।
2. शिकायत दर्ज करने का तरीका
पीड़ित नागरिक 1930 हेल्पलाइन पर कॉल कर सकते हैं या किसी भी क्षेत्रीय पुलिस स्टेशन के इंटीग्रेटेड हेल्प डेस्क (IHD) में जाकर शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
शिकायत दर्ज कराने वाला व्यक्ति अपने क्षेत्रीय पुलिस थाने के अलावा भी किसी अन्य थाने में जाकर ईएफआईआर दर्ज करा सकता है।
3. जानकारी एकत्र करना
IHD या 1930 हेल्पलाइन के अधिकारी निम्नलिखित जानकारी शिकायतकर्ता से नोट करेंगे:
धोखाधड़ी की कुल राशि ₹1 लाख या उससे अधिक है या नहीं।
शिकायतकर्ता दिल्ली का निवासी है या नहीं।
धोखाधड़ी दिल्ली के क्षेत्राधिकार में हुई है या नहीं।
कोई व्यक्ति धोखाधड़ी कर पैसे या संपत्ति हड़पने का प्रयास कर रहा है।
धोखाधड़ी में कोई व्यक्ति खुद को किसी और के रूप में पेश करके ठगी कर रहा है।
किसी प्रकार की धमकी या भय का इस्तेमाल कर संपत्ति या पैसा लिया गया।
किसी नकली दस्तावेज या इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड का उपयोग किया गया।
सभी जानकारी CFCFRMS पोर्टल पर जमा की जाएगी, जिससे ई-एफआईआर जारी होगी।
4. ई-एफआईआर का आवंटन
ई-एफआईआर राशि के आधार पर संबंधित पुलिस स्टेशन को भेजी जाएगी:
₹1 लाख से ₹25 लाख तक: क्षेत्रीय जिला साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन
₹25 लाख से ₹1.5 करोड़ तक: क्राइम ब्रांच (साइबर सेल)
₹50 लाख और उससे ऊपर: स्पेशल सेल (IFSO यूनिट)
5. जांच प्रक्रिया
ई-एफआईआर प्राप्त होते ही IO (Investigation Officer) जांच की सभी प्रारंभिक कार्रवाई जैसे अकाउंट फ्रीज करना, CDR/SDR एकत्र करना, CCTV फुटेज इकट्ठा करना तुरंत शुरू करेंगे।
शिकायतकर्ता को जल्द ही सूचित किया जाएगा कि ई-एफआईआर दर्ज कर दी गई है।
शिकायतकर्ता को 72 घंटों के भीतर पुलिस स्टेशन जाकर ई-एफआईआर पर हस्ताक्षर करना अनिवार्य है।
यदि 72 घंटे में शिकायतकर्ता नहीं आता, तो IO नोटिस जारी करेगा और ई-एफआईआर को बंद किया जा सकता है।
6. अन्य शिकायतें
जो शिकायतें नागरिक स्वयं https://cybercrime.gov.in पोर्टल पर दर्ज करते हैं, उन्हें वर्तमान में स्वतः ई-एफआईआर में परिवर्तित नहीं किया जाता। ऐसी शिकायतें तुरंत संबंधित पुलिस स्टेशन में सामान्य एफआईआर के रूप में दर्ज की जाएँगी, यदि अपराधिक मामला बनता है।