एक दूसरे को फूटी आंख नहीं सुहाते, बिश्नोई- बंबीहा गुट बन गए जानी दुश्मन

अपराध करने की कई वजह होती है। कोई शौक के लिए तो कोई मजबूरी में करता है। यहां हम लॉरेंस बिश्नोई और देविंदर बंबीहा गुट की अदावत के बारे में बताएंगे।

By :  Lalit Rai
Update: 2024-11-03 06:39 GMT

Lawrence Bishnoi Davinder Bambiha:  लॉरेंस बिश्नोई, अपराध की दुनिया में इस समय सबसे बड़ा नाम है। वो चेतावनी और तारीख देकर अपराध को अंजाम देता है। ताजा मामला बाबा सिद्दीकी (Baba Siddique) से जुड़ा हुआ है। बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद इस समय छुटभैया अपराधी भी उसका नाम लेकर अपनी धाक जमाने में जुट गए हैं। लेकिन ऐसा नहीं है कि बिश्वोई अजातशत्रु की तरह है। जिस तरह वो समय और जगह देकर अपराध को अंजाम देता है ठीक उसी तरह उसका एक जानी दुश्मन यानी बंबीहा गुट है जिसने कसम खा रखी है कि वो बिश्वोई को एक ना एक दिन खत्म कर देगा। यहां हम बताएंगे कि बंबीहा( Davinder Bambiha Gang) गुट का मुखिया कौन था और किस तरह से यह दोनों धड़े एक दूसरे को खत्म करने के मिशन पर लग गए।

बंबीहा गैंग का नेटवर्क

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक हर राज्य में इस गुट के अलग अलग सरगना हैं।

कौशल चौधरी और अमित डागर गुड़गांव और हरियाणा में असर।

चंडीगढ़ और आसपास के इलाके भूप्पी राणा के कब्ज़े में हैं।

सुकप्रीत बुड्डा पंजाब के बाकी हिस्सों को संभालते हैं।

अर्शदीप सिंह गिल उर्फ अर्श डल्ला और अमेरिका में पटियाल विदेशों से अपना काम करते हैं।

दविंदर बंबीहा 2016 में मारा गया

बंबीहा गैंग के सरगना दविंदर बंबीहा की 2016 में हत्या हुई और उसके बाद कौशल चौधरी इस गठबंधन में शामिल हो गए। बताया जाता है कि दविंदर के मर्डर से पहले से पहले चौधरी और डागर ने दविंदर को गुरुग्राम में पनाह दी थी और वहीं से बंबीहा गुट की नींव पड़ गई। दविंदर के मारे जाने के बाद रोहिणी जेल में बंद डागर ने व्हाट्सएप के जरिए लकी पटियाल से संपर्क किया और गठबंधन को और मजबूत किया। एनआईए (NIA ChargeSheet) की चार्जशीट में इस बात का खास जिक्र है कि नीरज बवाना/नवीन बाली (Neeraj Bawana Gang), टिल्लू ताजपुरिया गैंग, सुनील राठी ग्रुप, छेनू पहलवान गैंग बंबीहा गैंग के सदस्यों के साथ जुड़ने लगे। इस ग्रुप का खास मकसद था कि पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में लॉरेंस बिश्नोई-काला जठेड़ी गैंग के असर को कम किया जा सके। 2021 तक बंबीहा गैंग के मुख्य साथी दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान आदि में काम करने वाले दोस्ताना गैंग के संपर्क में आ गए और बड़े अपराधों को अंजाम दिया।

अभी भी अहम सवाल यह है कि लॉरेंस बिश्नोई और दविंदर बंबीहा गुट (Lawrence Bishnoi Crime Story) में दुश्मनी पनपने की असली वजह क्या थी। दरअसल 2021 में मार्च महीने में थाईलैंड में डबल मर्डर हुआ था। 2021 में ही बंबीहा गैंग ने बिश्नोई धड़े से जुड़े विक्की खेड़ा को मार दिया। इसके बाद 2021 में सितंबर के महीने में बिश्नोई गैंग का साथ दे रहे जितेंद्र गोगी को मारने के लिए ताजपुरिया सिंडिकेट का साथ दिया। बता दें कि गोगी को मारने में बंबीहा गुट कामयाब भी हो गया था। यहीं से दोनों धड़े एक दूसरे जानी दुश्मन बन गये।

ठीक एक साल बाद बंबीहा गुट ने कबड्डी खिलाड़ी संदीप अंबिया की हत्या कर दी। मई 2022 में बिश्नोई ने पलटवार करते हुए पंजाब में सिद्धू मूसेवाला की गोली मारकर हत्या कर दी। मूसेवाला की हत्या के चार महीने बाद सितंबर में बंबीहा गैंग ने राजस्थान में संदीप बिश्नोई की गोली मारकर हत्या कर दी। साल 2024 की शुरुआत में बंबीहा गैंग ने बिश्नोई गैंग के गुर्गे राजन का अपहरण किया और बेरहमी से हत्या कर दी। राजन के मारे जाने के बाद पुलिस को आशंका है कि बिश्नोई धड़ा पलटवार कर सकता है।


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