दिल्ली ब्लास्ट से पहले नूंह में किराए के कमरे में रुका था नबी, रात में ही निकलता था कमरे से

दिल्ली पुलिस की जांच में यह भी सामने आया है कि जिस i20 कार से धमाका हुआ, उसकी फॉरेंसिक जांच में कोई मोबाइल फोन नहीं मिला।

Update: 2025-11-16 13:07 GMT
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दिल्ली के लाल किले के पास हुए कार ब्लास्ट में नया खुलासा हुआ है। जांच में पता चला है कि संदिग्ध आतंकी डॉ. मोहम्मद उमर-उल-नबी धमाके से एक दिन पहले तक हरियाणा के नूंह जिले में छिपा हुआ था। बताया जा रहा है कि नबी ने फरार होने के दौरान कई मोबाइल फोन का इस्तेमाल किया था। इस ब्लास्ट में कम से कम 12 लोगों की मौत हुई थी और कई घायल हुए थे।

अल-फलाह मेडिकल कॉलेज से फरारी की शुरुआत

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, नबी “व्हाइट कॉलर टेरर ग्रुप” से जुड़ा हुआ था। उसके करीबी साथी डॉ. मुझम्मिल शकील गनई की गिरफ्तारी के बाद उसने फरीदाबाद के अल-फलाह मेडिकल कॉलेज से भागने की कोशिश शुरू कर दी। जांच में सामने आया है कि धमाके से पहले नबी को दिल्ली में एक प्रदूषण जांच केंद्र पर देखा गया था, जहां वह अपनी i20 कार के साथ एक मोबाइल फोन ठीक करा रहा था।

30 अक्टूबर को नूंह पहुंचा आरोपी

नबी 30 अक्टूबर को नूंह भाग गया। वहां उसे अल-फलाह यूनिवर्सिटी के नर्सिंग स्टाफ शोभा खान ने मदद की थी। शोभा खान ने नबी के लिए रहने की जगह ढूंढी और उसे अपनी रिश्तेदार अफसाना के घर का एक कमरा किराए पर दिलवा दिया। इसका किराया 2,000 प्रति माह था और सिक्योरिटी 4,000 रुपये थी। कुल ₹6,000 देकर नबी कमरा लेकर रहने लगा।

अफसाना की बेटी ने बताया कि नबी बेहद संदेहास्पद तरीके से रह रहा था। उसके अनुसार, वह दिन में कभी कमरे से बाहर नहीं आता था। उसके पास दो स्मार्टफोन थे। वह केवल रात को सड़क किनारे ढाबों से खाना खाने बाहर निकलता था। वह बहुत गंभीर रहता था, किसी से बात नहीं करता था और 11 दिनों तक एक ही कपड़ों में रहा।

कमरे में फैल गई बदबू

अफसाना की बेटी ने बताया कि नबी 9 नवंबर की रात अचानक कमरा छोड़कर भाग गया। उसने कहा कि कमरे में बहुत तेज बदबू आ रही थी। हमें डर लग रहा था। बाद में टीवी पर हमने ब्लास्ट की खबर देखी। कुछ देर बाद पुलिस आई और मेरे मामा और मां को पूछताछ के लिए ले गई। वे अभी तक वापस नहीं आए हैं।

मोबाइल फोन का कोई सुराग नहीं

दिल्ली पुलिस की जांच में यह भी सामने आया है कि जिस i20 कार से धमाका हुआ, उसकी फॉरेंसिक जांच में कोई मोबाइल फोन नहीं मिला। इससे पुलिस को शक है कि नबी मोबाइल फोन को रास्ते में कहीं फेंक चुका था, ताकि जांच एजेंसियां उसकी लोकेशन ट्रेस न कर सकें।

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