पुणे में डिलीवरी एजेंट बनकर फ्लैट में घुसे और IT प्रोफेशनल से रेप करने वाला गिरफ्तार

आरोपी ने पीड़िता के फोन से उसके साथ एक सेल्फी ली और एक धमकी भरा मैसेज डाला कि अगर उसने घटना का खुलासा किया तो वह तस्वीर सोशल मीडिया पर डाल देगा;

Update: 2025-07-04 13:02 GMT
आरोपी ने खुद को कूरियर डिलीवरी एजेंट बताकर महिला के फ्लैट में घुसने की अनुमति ली थी

पुणे के कोन्हडवा इलाके में एक फ्लैट में खुद को कूरियर डिलीवरी एजेंट बताकर 22 वर्षीय डेटा साइंटिस्ट के साथ बलात्कार करने वाले आरोपी को पुलिस ने गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया है। PTI के मुताबिक, यह गिरफ्तारी दो दिन तक चली व्यापक तलाशी अभियान के बाद हुई जिसमें कई पुलिस टीमें और फॉरेंसिक विशेषज्ञ शामिल थे।

आरोपी बुधवार शाम करीब 7:15 बजे पीड़िता के 11वीं मंजिल स्थित फ्लैट में घुसा था। उसने खुद को एक बैंक का कूरियर एजेंट बताया और कहा कि पार्सल के लिए हस्ताक्षर चाहिए। जैसे ही महिला पेन लाने के लिए अंदर गई, वह भी पीछे-पीछे अंदर घुस आया और दरवाजा बंद कर लिया। उसने महिला के चेहरे पर कोई रासायनिक पदार्थ छिड़क कर उसके साथ कथित रूप से दुष्कर्म किया।

फोन से ली गई सेल्फी और धमकी

पुलिस उपायुक्त राजकुमार शिंदे ने TOI को बताया, “आरोपी ने पीड़िता के फोन से उसके साथ एक सेल्फी ली, अपनी तस्वीर क्रॉप कर दी और एक धमकी भरा मैसेज डाला कि अगर उसने घटना का खुलासा किया तो वह तस्वीर सोशल मीडिया पर डाल देगा। हमने पीड़िता से फोन बरामद कर लिया है जिसमें वह मैसेज और क्रॉप की गई तस्वीर मौजूद है।”

पीड़िता, जो कल्याणीनगर स्थित एक IT कंपनी में काम करती है, 2022 से अपने छोटे भाई के साथ उस किराए के फ्लैट में रह रही थी। घटना के दिन उसका भाई अकोला गया हुआ था और वह फ्लैट में अकेली थी।

बेहोशी से होश में आने के बाद

महिला को करीब 8:30 बजे होश आया, जिसके बाद उसने अपने परिजनों को फोन किया। परिजनों ने तुरंत पुलिस को सूचित किया। फॉरेंसिक विशेषज्ञों ने यह पता लगाने के लिए उसके मुंह और नाक से नमूने लिए कि उस पर कौन-सा केमिकल छिड़का गया था। उसे मेडिकल जांच के लिए एक सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया।

कानूनी कार्रवाई

पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धाराओं 64 (बलात्कार), 77 (झांकना/निगाह रखना), और 351(2) (आपराधिक डराना-धमकाना) के तहत मामला दर्ज किया है।

पुणे पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने कहा, "हम इस केस को जल्द सुलझाने के लिए प्रतिबद्ध हैं और इसकी गंभीरता को देखते हुए अपने सभी संसाधनों को इस जांच में लगा दिया है।"

सुरक्षा में खामी

जांच में पता चला कि आरोपी ने सोसायटी के विज़िटर्स रजिस्टर में अपना नाम नहीं लिखा और न ही सोसायटी के प्रवेश सीसीटीवी में उसकी कोई फुटेज दिखी। सोसायटी एक मोबाइल विज़िटर मैनेजमेंट ऐप का इस्तेमाल करती है, लेकिन घटना के समय किसी भी डिलीवरी एंट्री का रिकॉर्ड नहीं मिला।

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