दिल्ली दंगों के आरोपी उमर खालिद की नियमित जमानत याचिका ख़ारिज

कड़कड़डूमा अदालत ने मंगलवार को उमर खालिद की नियमित जमानत की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया. खालिद ने दूसरी बार नियमित जमानत याचिका दायर की थी, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया. खालिद के खिलाफ दिल्ली दंगों की साजिश रचने के चलते यूएपीए के तहत दर्ज है मामला

Update: 2024-05-28 09:38 GMT

umar khalid update: दिल्ली में 2020 में हुए दंगों के आरोपी उमर खालिद की जमानत याचिका को आज दिल्ली की कड़कड़डूमा अदालत ने खारिज कर दिया. उमर खालिद के खिलाफ यूएपीए(गैर क़ानूनी गतिविधि(रोकथाम) अधिनियम के तहत मामला दर्ज है. ये दूसरी बार है जब उमर खालिद की तरफ से नियमित जमानत के लिए याचिका दायर की गयी थी और अदालत ने उसे खारिज कर दिया.

जेएनयू के छात्र और दिल्ली दंगों के आरोपी उमर खालिद की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए कड़कड़डूमा अदालत के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश समीर बाजपेयी ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए मंगलवार को आदेश देते हुए याचिका को खारिज कर दिया.

दूसरी बार दायर की थी नियमित जमानत की याचिका 

उमर खालिद ने मार्च 2022 में भी नियमित जमानत की मांग करते हुए एक याचिका दायर की थी, जिसे ट्रायल कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया था. इसके बाद खालिद ने दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया था लेकिन अक्टूबर 2022 में हाई कोर्ट ने भी जमानत याचिका ख़ारिज कर दी थी. खालिद ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया. 14 फ़रवरी 2024 को सुप्रीम कोर्ट में उसकी याचिका पर सुनवाई होनी थी लेकिन सुनवाई वाले दिन ही खालिद की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिंब्बल ने अदालत को ये जानकारी दी कि वो याचिका वापस लेते हैं.


2020 से जेल में बंद है खालिद

उमर खालिद को दिल्ली पुलिस बे सितंबर 2020 में दिल्ली दंगों के आरोप में गिरफ्तार किया था. पुलिस ने दावा किया था कि उमर ने राष्ट्रीय राजधानी में फरवरी 2020 में हुई सांप्रदायिक हिंसा को भड़काने में अहम भूमिका निभाई है. उसने बड़े स्तर पर साजिश रची है. इसी आधार पर पुलिस ने उसके खिलाफ यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया. खालिद पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की धारा 13, 16, 17 और 18, शस्त्र अधिनियम, 1959 की धारा 25 और 27 और सार्वजनिक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम की धारा 3 और 4 के तहत मामला दर्ज किया गया है.

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