आतंकियों के निशाने पर हैं देश की रेलवे और पेट्रोलियम लाइन, स्लीपर सेल एक्टिव !
भारत में खुफिया एजेंसियों को कथित तौर पर आतंकवादी फरहतुल्लाह गौरी का एक वीडियो मिला है, जिसे तीन सप्ताह पहले मैसेजिंग ऐप टेलीग्राम पर जारी किया गया था.
By : Abhishek Rawat
Update: 2024-08-28 06:25 GMT
Rameshwaram Cafe Blast: भारत के रेलवे ट्रैक और पेट्रोलियम पाइप लाइन आतंकी निशाने पर है. ऐसा दावा मीडिया रिपोर्ट्स में किया गया है. रिपोर्ट्स के दावे के अनुसार 1 मार्च को बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफ़े में ब्लास्ट के मास्टरमाइंड फरहतुल्लाह गोरी ने भारत में मौजूद अपने स्लीपर सेल्स को ये निर्देश दिए हैं कि वे रेलवे लाइन और पेट्रोलियम लाइन को बम विस्फोट से उड़ा दें. इस खुलासे के बाद से देश भर की जांच एजेंसियां ऐसे तमाम स्लीपर सेल का पता लगाने में लग गयी हैं.
क्या होता है स्लीपर सेल
स्लीपर सेल की बात करें तो सबसे पहले इसे नाम से समझिये. स्लीपर यानी निष्क्रिय या नींद की अवस्था में. आतंक्वादियों का ये एक ऐसा समूह होता है, जिसके सदस्य बाहरी दुनिया में निष्क्रिय रहते हुए चोरी छुपे आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे रहे होते हैं.
स्लीपर सेल के जो सदस्य होते हैं, वो अलग अलग कम संख्या में रहते हैं और सोशल मीडिया के माध्यम से एक दुसरे से जुड़े होते हैं. बाहरी दुनिया को दिखाने के लिए वो स्टूडेंट, कोई नौकरी पेशा या छोटा मोटा काम करने वाले बन कर रह रहे होते हैं. जैसे ही उन्हें अपने आकाओं द्वारा किसी हमले को अंजाम देने का निर्देश मिलता है तो वो तुरंत ही एक्टिव हो जाते हैं और फिर उस काम को अंजाम देने में जुट जाते हैं. स्लीपर सेल को काम को अंजाम देने के लिए उनके आकाओं द्वारा लोगिस्टिक मदद उपलब्ध करवाई जाती है, ये मदद पहुँचाने वाले भी स्लीपर सेल का ही हिस्सा होते हैं.
आतंकी संगठन स्लीपर सेल इसलिए तैयार करते हैं ताकि वे आसानी से जब मर्जी कम से कम समय में किसी भी आतंकी हमले को अंजाम देने में सफल रहें.
टेलीग्राम एप पर जारी किया गया विडियो
मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया है कि आतंकवादी गोरी ने टेलीग्राम एप पर लगभग 3 हफ्ते पहले तीन मिनट का एक विडियो जारी किया है. वीडियो में, गोरी ने स्लीपर सेल को भारत में रेल नेटवर्क पर आतंकी हमले करने के लिए निर्देश दिया है. उसने प्रेशर कुकर का उपयोग करके बम विस्फोट करने के विभिन्न तरीकों के बारे में भी बताया है.
ख़ुफ़िया और सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर
इस सूचना के बाद ख़ुफ़िया एजेंसी और सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर आ गयी हैं. खासतौर से रेलवे लाइन की सुरक्षा को लेकर. आये दिन अलग अलग जगहों से रेल के पटरी उतरने की घटनाएँ सामने आ रही हैं. ऐसे में सुरक्षा एजेंसियां और ख़ुफ़िया एजेंसियां इस तरह के स्लीपर सेल की तलाश में जुटी हैं.
फरहतुल्लाह ग़ोरी - कई हमलों का मास्टरमाइंड है
फरहतुल्लाह गोरी के कई उपनाम हैं - सरदार साहब, अबू सूफ़ियान, फ़ारू. वो कथित तौर पर अब पाकिस्तान में रहता है, और उसने ही बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफ़े में बम विस्फोट की योजना बनाई और उसे अंजाम दिलवाया. माना जाता है कि उसने स्लीपर सेल का इस्तेमाल करके और पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) की मदद से हमला किया था.
गोरी का दामाद शाहिद फैसल, रामेश्वरम कैफे विस्फोट के दोनों आरोपियों - अब्दुल मथीन अहमद ताहा और मुसाविर हुसैन शाज़िब के संपर्क में था. ये दोनों कथित तौर पर कर्नाटक के शिवमोग्गा जिले में इस्लामिक स्टेट मॉड्यूल का हिस्सा हैं.
गोरी का नाम भारत में हुए अन्य आतंकवादी हमलों से भी जुड़ा है. 2002 में गुजरात के अक्षरधाम मंदिर पर हुआ हमला जिसमें 30 से ज़्यादा लोग मारे गए थे और 2005 में हैदराबाद में टास्क फ़ोर्स पर हुआ आत्मघाती हमला. वो ऑनलाइन जिहादियों की भर्ती में सक्रिय रूप से शामिल है. कुछ महीने पहले दिल्ली पुलिस ने उसका नाम दर्ज किया था जब पुणे आईएसआईएस मॉड्यूल के कई आतंकवादियों को गिरफ़्तार किया गया था.
रामेश्वरम कैफे विस्फोट
1 मार्च 2024 को बेंगलुरु के मशहूर रेस्तरां रामेश्वरम कैफे में हुए IED ब्लास्ट में 10 लोग घायल हो गए थे. राष्ट्रीय खुफिया एजेंसी (NIA) ने मामले को अपने हाथ में लिया और 12 अप्रैल को कोलकाता के पास एक लॉज से दो मुख्य आरोपियों ताहा और शाज़िब को गिरफ़्तार किया.