पदमश्री महिला डॉक्टर की हत्या की गुत्थी 18 साल बाद भी है अनसुलझी

- 50 से ज्यादा लोगों से की गई पूछताछ - दंपति को किया गिरफ्तार लेकिन तब भी नहीं मिला हत्या का कोई सुराग - नार्को टेस्ट से भी नहीं मिला जांच में फायदा

Update: 2024-04-29 11:03 GMT


दिल्ली के लेडी हार्डिंग अस्पताल की डॉक्टर हेमलता गुप्ता चिकित्सा जगत में एक जाना माना नाम था. चिकित्सा क्षेत्र में दी अपनी सेवाओं को चलते सरकार की ओर से उन्हें वर्ष 1998 में पदमश्री सम्मान से भी नवाजा गया था. वो प्रसाद नगर स्थित एमआईजी फ्लैट में अकेले रहती थीं क्योंकि वो अविवाहित थीं. सेवानिवृत्ति के बाद वो अपने फ्लैट पर मरीजों को देख लिया करती थीं. 13 मई 2006 की दोपहर जब एक दम्पत्ति डॉ हेमलता के फ्लैट पर पहुंचा और आधे घण्टे तक किसी ने दरवाजा नहीं खोला तो उन्हें कुछ शक हुआ और इसी के बाद ये पता चला कि डॉ हेमलता की हत्या कर दी गयी है. हेमलता की उम्र 62 साल थी.

डॉक्टर टेप से मुंह, आंख और नाक बांधे गए थे

पुलिस को जब हत्या की जानकारी मिली तो मौका-ए-वारदात पर जाकर जांच शुरू की गई. हेमलता गुप्ता फर्श पर मृत पड़ी थीं. उनके मुंह को डॉक्टर टेप से बांधा हुआ था, साथ ही आंख और नाक पर भी डॉक्टर टेप लपेटी गयी थी. उनकी हत्या गला रेत कर की गई थी. शव को पोस्टमार्टम के लिए सुरक्षित भिजवाया गया. जैसे ही पुलिस को डॉ हेमलता के पद्मश्री होने की बात मालूम हुई तो गंभीरता से जांच शुरू की गई.

घर मे सामान बिखरा था लेकिन कीमती सामान को हाथ तक नहीं लगाया था

पुलिस में क्राइम सीन की पड़ताल शुरू की. सबसे पहले डॉ हेमलता के शव का परीक्षण किया गया। उनकी हत्या धारदार हथियार से वार करके की गई थी. घर का सामान बिखरा हुआ था. अलमारी आदि का सामान भी खंगाला गया था लेकिन हैरानी की बात ये थी घर में रखा कीमती सामान सही सलामत था. हेमलता शरीर पर जो गहने पहनती थी, वो भी इंटैक्ट थे. पुलिस को ये साफ हो चुका था कि हत्या का कारण लूटपाट नहीं है. पुलिस को संदेह हुआ कि हत्यारा घर में कोई चीज तलाश रहा था या तो प्रॉपर्टी के दस्तावेज या फिर कुछ और.

मैट्रिमोनियल एड ने पुलिस को अचंभे में डाला

जांच में शामिल रहे एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि तफ्तीश के दौरान खुलासा हुआ कि डॉक्टर हेमलता के नाम से एक मेट्रोमोनियल विज्ञापन भी छुपवाया गया था. ये इसलिए अजीब लगा कि उनकी 62 साल थी और अगर वो शादी करना चाह रही थी तो इस बारे में उन्होंने अपने किसी परिचित से जिक्र क्यों नहीं किया? पुलिस ने उस विज्ञापन की जांच भी शुरू की और फिर एक एड एजेंसी तक पहुंची. वहां के कर्मचारियों से भी पूछताछ की गई और फिर कुछ लोगों का नारको टेस्ट भी करवाया गया लेकिन इतनी कवायद के बाद भी पुलिस के हाथ खाली ही रहे.

किसके लिए लायीं थी कोल्ड ड्रिंक

पुलिस ने बताया कि जांच में ये भी पता चला की हत्या से एक दिन पहले डॉक्टर हेमलता मार्केट गई थी और वहां से लौटते हुए अपने साथ कोल्ड ड्रिंक की दो बोतल लाई थी. पुलिस ने इस ओर जांच शुरू की कि आखिर वो कौन लोग थे, जो 24 घंटे के अंदर हेमलता से मिलने आए थे. क्या डॉ हेमलता ने किसी को बुलाया था.

हेमलता के कर्मचारियों और टीवी मेकैनिक समेत 50 लोगों से हुई पूछताछ

पुलिस के अनुसार इस हाई प्रोफाइल मर्डर केस की जांच के दौरान के घर में काम करने वाले लोगों या फिर उनके पुराने सहकर्मी या कर्मचारियों से भी पूछताछ की गई. इस दौरान एक टीवी मैकेनिक का भी पता चला जो कुछ दिन पहले ही उनका टीवी ठीक करके गया था. पुलिस ने उससे भी पूछताछ की लेकिन कोई सुराग नहीं मिला.

प्रोपर्टी एंगल से भी की गई जांच

पुलिस ने प्रोपेर्टी एंगल से भी मामले की जांच की क्योंकि डॉ हेमलता की अच्छी खासी प्रोपेर्टी थी और वो अविवाहित थी. पुलिस ये पता लगाना चाहती थी कि क्या हेमलता ने किसी को नॉमिनी बनाया हुआ था? जिसे हेमलता की मौत से फायदा हो, लेकिन इससे भी कोई सुराग हाथ न लगा. वारदात के लगभग 6 साल बाद 2012 में पुलिस को ज्ञात हुआ कि एक दंपति डॉ हेमलता के फ्लैट में काबिज हो गया है. पुलिस को लगा कि शायद अब हेमलता हत्याकांड का खुलासा हो ही गया लेकिन यहां भी पुलिस की उम्मीद एक बार फिर से टूट गयी. पुलिस ने पाया कि दंपति ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर फ्लैट पर कब्जा जमाया था क्योंकि फ्लैट सालों से बंद था. इनका मकसद फ्लैट को हड़पना था लेकिन हेमलता की हत्या से इनका कोई लेना देना नहीं था. पुलिस ने दंपति को जालसाजी के मामले में गिरफ्तार कर लिया.

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