Baba Siddique Murder: गिरफ्तारी के बाद मुख्य आरोपी ने किया बड़ा खुलासा, इस तरह हत्या को दिया अंजाम
यूपी एसटीएफ और मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच की संयुक्त टीम ने एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या के मामले में मुख्य आरोपी को बहराइच से गिरफ्तार कर लिया है.
Baba Siddiqui murder main accused: यूपी एसटीएफ और मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच की संयुक्त टीम ने एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या के मामले में मुख्य आरोपी को बहराइच से गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने इससे मामले में कुल 20 लोगों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तारी के बाद मुख्य आरोपी शिव कुमार गौतम ने मर्डर और बचने की पूरी कहानी बयां की. जिससे पुलिस भी हैरान रह गई. शिव कुमार गौतम ने बताया कि उसे 66 वर्षीय नेता या उनके विधायक बेटे जीशान सिद्दीकी की हत्या करने का आदेश दिया गया था. बता दें कि 20 वर्षीय शिव कुमार वारदात के बाद नेपाल भागने की कोशिश कर रहा था. वह उन तीन शूटरों में शामिल है, जिन्होंने 12 अक्टूबर को मुंबई में जीशान सिद्दीकी के कार्यालय के बाहर सिद्दीकी की गोली मारकर हत्या कर दी थी.
पूछताछ के दौरान उसने पुलिस को बताया कि जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के भाई अनमोल बिश्नोई ने उसे कहा था कि जो भी सबसे पहले दिखे उसे गोली मार दे. बता दें कि अनमोल बिश्नोई के बारे में माना जाता है कि वह कनाडा में है और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की मोस्ट वांटेड लिस्ट में भी है.
मुंबई पुलिस की क्राइन ब्रांच के सूत्रों ने कहा कि अनमोल ने उसे बताया कि वह जो करने जा रहा है, वह "भगवान और समाज" के लिए है. 32 वर्षीय जीशान सिद्दीकी की तस्वीर कथित तौर पर उसके पिता को गोली मारने वाले तीन लोगों में से एक के पास से जब्त किए गए सेल फोन पर मिली थी.
शिव कुमार गौतम ने बदले कपड़े
बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद शिव कुमार गौतम ने तुरंत अपनी शर्ट बदली और भीड़ में गायब हो गया, ताकि कोई उसे पहचान न सके. इसके बाद वह किसी भी टकराव से बचने के लिए अपराध स्थल के पास ही रहा. सूत्रों ने बताया कि 20 वर्षीय युवक ने पहले अपराध स्थल से कुर्ला तक ऑटो से यात्रा की और फिर ठाणे के लिए एक लोकल ट्रेन में सवार हुआ. ठाणे से वह पुणे के लिए ट्रेन पकड़ी और यात्रा के दौरान अपना मोबाइल फोन वहीं छोड़ दिया. शिव कुमार करीब सात दिन पुणे में रहा और फिर ट्रेन से उत्तर प्रदेश के झांसी चला गया. फिर वह वहां पांच दिन रहा और फिर राज्य की राजधानी लखनऊ चला गया. लखनऊ में उसने एक नया मोबाइल खरीदा और अपने सहयोगियों से संपर्क किया. वहां 11 दिन बिताने के बाद वह अपने पैतृक गांव बहराइच गया और अपने सहयोगियों से मिला, जिन्होंने पास के गांव में उसके लिए सुरक्षित ठिकाना बनाया था. शिव कुमार ने यह भी बताया कि बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद उसने पहले मध्य प्रदेश के उज्जैन और फिर देश से भागने से पहले जम्मू में वैष्णो देवी जाने की योजना बनाई थी.
ऐसे पकड़ में आया शिव कुमार गौतम
पुलिस ने शिव कुमार गौतम के परिवार के सदस्यों और उनके करीबी सहयोगियों सहित लगभग 45 लोगों का पता लगाया और बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद उनकी गतिविधियों पर नजर रखी. पुलिस सूत्रों ने बताया कि जांच के दौरान उन्हें चार लोग मिले, जो लगातार शिव कुमार के संपर्क में थे. इसके बाद पुलिस ने जाल बिछाया और उन चारों आरोपियों के शिव कुमार से मिलने का इंतजार किया. इसके बाद उन्होंने रविवार को बहराइच के नानपारा इलाके से उसे पकड़ लिया. उसे उत्तर प्रदेश और मुंबई के पुलिस अधिकारियों द्वारा एक संयुक्त अभियान में गिरफ्तार किया गया.
शिव कुमार को शरण देने और नेपाल भागने में मदद करने के आरोप में अनुराग कश्यप, ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी, आकाश श्रीवास्तव और अखिलेशेंद्र प्रताप सिंह को भी गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने अब तक इस मामले में 20 लोगों को गिरफ़्तार किया है.