IAS Success Story: Divya Mittal ने छोड़ी लंदन की नौकरी, गांव में 75 साल बाद पहुंचाया पानी
IAS दिव्या मित्तल ने JEE, CAT और UPSC जैसी तीन सबसे कठिन परीक्षाओं को पास कर न केवल अपनी काबिलियत साबित की, बल्कि समाज के लिए भी महत्वपूर्ण योगदान दिया.;
हरियाणा के रेवाड़ी से ताल्लुक रखने वाली दिव्या मित्तल ने बिना कोचिंग के अपने पहले ही प्रयास में UPSC CSE परीक्षा पास कर ली और उन्हें IPS सेवा मिली, लेकिन उनका सपना IAS बनने का था. इसलिए उन्होंने दोबारा परीक्षा दी और AIR 68 के साथ IAS अधिकारी बनीं.
लंदन की नौकरी छोड़कर भारत लौटीं
दिव्या मित्तल का सपना हमेशा से IAS बनना नहीं था. उन्होंने पहले IIT दिल्ली से बीटेक किया और फिर IIM बैंगलोर से MBA. इसके बाद उन्होंने लंदन में एक फॉरेन डेरिवेटिव ट्रेडर के रूप में शानदार करियर शुरू किया, लेकिन उनका देश के प्रति प्रेम उन्हें वापस खींच लाया. उन्होंने UPSC की तैयारी शुरू की जिसमें उनके पति IAS गगनदीप सिंह ने उनकी पूरी मदद की.
सफलता का मंत्र
दिव्या मित्तल का मानना है कि UPSC की तैयारी कर रहे युवाओं को मोबाइल फोन से दूरी बनानी चाहिए, क्योंकि ये सबसे बड़ा डिस्ट्रैक्शन है. उन्होंने कहा कि फोकस और कड़ी मेहनत से ही इस परीक्षा में सफलता मिल सकती है.
75 साल बाद गांव में पहुंचाया पानी
मसूरी में प्रशिक्षण के दौरान उन्हें अशोक बाम्बावाले पुरस्कार से नवाजा गया. उन्होंने अपने प्रशासनिक कार्यों में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया. मिर्जापुर उत्तर प्रदेश में अपनी पोस्टिंग के दौरान उन्होंने लहुरियादाह गांव में 75 साल बाद पानी पहुंचाने का चमत्कार कर दिखाया. IAS दिव्या मित्तल की ये कहानी उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो बड़े सपने देखते हैं और कड़ी मेहनत से उन्हें सच करने का जज़्बा रखते हैं.