गंभीर बीमारी से जूझती IAS अधिकारी बनने की कहानी, जिसने पहली ही कोशिश में क्लियर किया UPSC!

मुश्किलों से भरी जिंदगी में भी अगर हौसला बुलंद हो तो कोई भी सपना सच किया जा सकता है.;

Update: 2025-05-12 09:55 GMT
ummul kher ias officer

उम्मुल राजस्थान ने शारीरिक चुनौतियों के बावजूद उन्होंने एक ऐसा सपना देखा जो लगभग नामुमकिन लग रहा था. ऐसी है उनकी प्रेरणादायक कहानी. उम्मुल राजस्थान के एक बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखती थी. उनका बचपन दिल्ली के त्रिलोकपुरी की झुग्गियों में बीता. बचपन से ही उम्मुल एक दुर्लभ हड्डी की बीमारी से जूझ रही थीं, जिसकी वजह से उनकी हड्डियां बेहद नाजुक थीं. इसी कारण उन्हें बचपन में 16 फ्रैक्चर और 8 सर्जरी का सामना करना पड़ा. बावजूद इसके उम्मुल ने कभी अपने सपनों का दामन नहीं छोड़ा. उनका सपना था IAS अधिकारी बनना.

परिवार का विरोध और शिक्षा की मुश्किलें

उम्मुल के पिता एक सड़क किनारे कपड़े बेचने वाले फेरीवाले थे. घर की आर्थिक हालत बहुत खराब थी. इसलिए परिवार ने उम्मुल को 10वीं के बाद पढ़ाई छोड़ने को कहा, लेकिन उम्मुल ने हार नहीं मानी. उन्होंने खुद अकेले रहने का फैसला किया और बच्चों को ट्यूशन पढ़ाकर अपनी पढ़ाई जारी रखी. उनकी स्कूली शिक्षा के दौरान एक NGO ने भी उनका समर्थन किया.

12वीं की परीक्षा में उम्मुल ने 91% अंक हासिल किए, जो उनकी परिस्थितियों को देखते हुए एक बड़ी उपलब्धि थी. इसके बाद उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के गर्गी कॉलेज से पढ़ाई पूरी की. फिर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से इंटरनेशनल स्टडीज में मास्टर्स डिग्री हासिल की. आगे चलकर उन्होंने JNU से MPhil/PhD प्रोग्राम में भी दाखिला लिया. पढ़ाई के दौरान उन्हें 2000 रुपये की स्कॉलरशिप मिलती थी, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति थोड़ी बेहतर हुई. साल 2013 में उम्मुल को Junior Research Fellowship (JRF) भी मिली, जिससे उन्हें 25,000 रुपये महीने मिलने लगे और उनकी पढ़ाई में काफी मदद मिली.

UPSC में शानदार सफलता

सभी मुश्किलों का सामना करते हुए उम्मुल ने UPSC सिविल सर्विस एग्जाम की तैयारी शुरू की. ये भारत का सबसे कठिन परीक्षा मानी जाती है, लेकिन उम्मुल के हौसले के आगे यह भी छोटी साबित हुई. पहली ही कोशिश में उम्मुल ने ऑल इंडिया रैंक 420 हासिल की और साल 2016 में IAS अधिकारी बनने का सपना पूरा किया. उम्मुल की ये कहानी साबित करती है कि अगर हौसला मजबूत हो, मेहनत सच्ची हो और इरादे पक्के हों, तो दुनिया की कोई भी मुश्किल आपको आपके सपनों तक पहुंचने से रोक नहीं सकती.

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