दिल्ली की वो लोकसभा सीट जहां पहले चुनाव में जनसंघ ने चखा था जीत का स्वाद

पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट पर गुर्जर, पूर्वांचली उत्तराखंडी मुस्लिम वोटरों का वर्चस्व है. किसी भी राजनीतिक दल को इन्हें नकारना आसान नहीं होता.

Update: 2024-05-21 02:21 GMT

East Delhi Loksabha Seat:  दिल्ली की सात लोकसभा सीट में से पूर्वी दिल्ली भी एक सीट है, जिसका अस्तित्व लगभग 58 साल पुराना है. पूर्वी दिल्ली संसदीय सीट की बात करें तो यहां पर आबादी या जातिय समीकरण के तौर पर ब्राह्मण, गुर्जर, पंजाबी/सिख, दलित, मुस्लिम खास तौर पर तवज्जो रखते हैं. इसके अलावा अगर हम क्षेत्र के अनुसार देखें तो पूर्वांचल के अलावा उत्तराखंड के लोगों की संख्या अच्छी खासी है. यही वजह भी है कि हाल फिलहाल में बीजेपी के प्रत्याशी के लिए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रोड शो भी किया.

पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट के अस्तित्व में आने के बाद अगर हम अभी तक की बात करें तो कुल 15 बार चुनाव हो चुके हैं. इस सीट पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच ही मुकाबला कड़ा रहता है. हालांकि इस वर्ष कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गठजोड़ के चलते ये सीट आम आदमी पार्टी के पाले में गई है, जहां से आम आदमी पार्टी ने कोंडली से अपने विधायक कुलदीप कुमार को लोकसभा का उम्मीदवार बनाया है. कोंडली विधानसभा आरक्षित है. वहीं बीजेपी से हर्ष मल्होत्रा उम्मीदवार हैं. वर्ष 2019 में बीजेपी से उम्मीदवार गौतम गंभीर ने कांग्रेस के उम्मीदवार अरविंदर सिंह लवली को हराया था.

पहले चुनाव में मिली थी जनसंघ को जीत

पूर्वी दिल्ली संसदीय सीट 1966 में गठित की गई थी. 1967 में इस सीट पर पहली बार लोकसभा का चुनाव हुआ था, जिसमें भारतीय जनसंघ ने जीत दर्ज की थी. भारतीय जन संघ के उम्मीदवार हरदयाल देवगन को यहां की जनता ने अपने मतों की बदौलत संसद में पहुंचाया था. हरदयाल देवगन ने कांग्रेस के उम्मीदवार बी मोहन को हराया था. इसके बाद 1971 में कांग्रेस के उम्मीदवार एचकेएल भगत ने भारतीय जनसंघ के हरदयाल देवगन को मात देकर इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा जमा दिया था. भगत के बारे में बात की जाए तो वो दिल्ली में कांग्रेस के उस समय के बहुत बड़े नेता थे. इसके बाद 1977 में जनता पार्टी ने इस सीट पर कब्जा जमाते हुए एचकेएल भगत को हराया लेकिन 1980 एक बार फिर से कांग्रेस प्रत्याशी एचकेएल भगत ने इस सीट पर जीत दर्ज की. इस सीट से दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित भी संसद रह चुके हैं.

इस लोकसभा में यमुना किनारे के ग्रामीण इलाके

पूर्वी दिल्ली संसदीय क्षेत्र में यमुना पार का बड़ा हिस्सा आता है. ये घनी आबादी वाला क्षेत्र है. इस क्षेत्र की आबादी लगभग 25 लाख है. यही वजह भी है कि इस संसदीय क्षेत्र में यमुना के नारे बसे गांव भी आते हैं अगर हम यहां की आबादी की बात करें तो यहां पर आबादी के हिसाब से मुस्लिम मतदाताओं की संख्या लगभग 16% है. वहीं पंजाबी/सिख मतदाताओं की संख्या भी 16 प्रतिशत के आसपास ही है. इसके अलावा यहां जो गांव है, वो गुर्जर बाहुल्य हैं. यहां उत्तराखंड से आये लोगों की भी आबादी अच्छी खासी है, साथ ही अनुसूचित जाति का प्रतिशत भी अच्छा खासा है.पूर्वी दिल्ली में कुल मतदाताओं की संख्या लगभग 20 लाख है.

पूर्वी दिल्ली में आने वाली 10 विधानसभा 

त्रिलोकपुरी, कोंडली, पटपड़गंज, लक्ष्मी नगर, विश्वास नगर, कृष्णा नगर, गांधी नगर, शाहदरा, जंगपुरा और ओखला शामिल हैं. इनमें जंगपुरा और ओखला दक्षिण पूर्व दिल्ली जिला में जबकि विश्वास नगर और शाहदरा विधानसभा शाहदरा जिला में आती हैं.

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