बजरंग और विनेश का निजी फैसला, मेरा राजनीती से कोई लेना देना नहीं : साक्षी मलिक

ओलंपिक कांस्य पदक विजेता ने कहा कि वह राजनीति में शामिल होकर महिला पहलवानों के अधिकारों के लिए अपनी लड़ाई पर गलत प्रभाव नहीं डालना चाहतीं.

Update: 2024-09-06 12:14 GMT

Bajrang and Vinesh Join Congress: महिला पहलवानों द्वारा किये गए प्रदर्शन का प्रमुख चेहरा रहे बजरंग पुनिया और विनेश फौगाट ने शुक्रवार ( 6 सितम्बर ) को कांग्रेस का हाथ थाम लिया. जिसके बाद अलग अलग स्तर पर उनके प्रदर्शन करने को लेकर सवाल भी खड़े किये जा रहे हैं. इस बीच इसी प्रदर्शन का प्रमुख हिस्सा रहीं पहलवान साक्षी मलिक ने ये स्पष्ट किया है कि वो राजनीती में नहीं जा रही हैं और न ही किसी राजनितिक दल का हिस्सा हैं.


सोशल मीडिया पर किया पोस्ट
साक्षी मलिक ने अपने 'X' अकाउंट पर लिखा कि ''सभी मीडिया के साथियों को सूचित करना चाहती हूँ कि मैं चुनाव नहीं लड़ रही हूँ, ना ही मैं किसी राजनीतिक दल में शामिल हूँ. मेरा पूरा फोकस इस समय Sports में भारत को Number 1 बनाने पर है. मेरा सपना है मेरे देश को कम से कम 50 Olympics मेडल मिलें. मुझे इस देश ने बहुत कुछ दिया है और ये ज़िंदगी देश के नाम है. मैं देश भर में बच्चों को निःशुल्क स्पोर्ट्स ट्रेनिंग देने, Wrestling को घर घर तक पहुँचाने के मिशन पर लगूँगी. हर शहर में खेल की अच्छी व्यवस्थाएँ हो उसके लिए काम करूँगी. बजरंग और विनेश का राजनीति में जाना उनका व्यक्तिगत फ़ैसला है. मेरी तरफ़ से उनको सुभकामनाएँ.

हमारे आंदोलन को गलत छवि नहीं दी जानी चाहिए'
साक्षी मलिक ने कहा कि बड़े उद्देश्यों के लिए त्याग किए जाने की जरूरत है. साक्षी ने दावा किया कि राजनीति में शामिल होने के प्रस्ताव मिलने के बावजूद उन्होंने महिला पहलवानों के लिए न्याय सुनिश्चित करने के लिए ऐसा नहीं करने का निर्णय लिया है. मेरा मानना है कि हमें त्याग करना चाहिए. हमारे आंदोलन, महिलाओं की लड़ाई को गलत छवि नहीं दी जानी चाहिए. मेरी तरफ से आंदोलन जारी है."

'मेरी लड़ाई सच्ची है, जारी रहेगी'
साक्षी ने एक बार फिर दोहराया कि "मुझे भी ऑफर मिले थे, लेकिन मैं देखना चाहती थी कि मैंने आखिर तक क्या शुरू किया है. जब तक फेडरेशन की सफाई नहीं हो जाती और महिलाओं का शोषण बंद नहीं हो जाता, मेरी लड़ाई जारी रहेगी. ये लड़ाई सच्ची है और यह जारी रहेगी." साक्षी के अनुसार उनका किसी भी राजनीतिक दल से कोई संबंध नहीं है और उनकी एकमात्र लड़ाई बृजभूषण के खिलाफ है. उन्होंने कहा, "मैं गैर-राजनीतिक हूं. मैं रेलवे में काम करती हूं. मेरी लड़ाई केवल बृजभूषण सिंह के खिलाफ थी. मैं किसी पार्टी से जुड़ी नहीं हूं, इसलिए मैं किसी पार्टी के अभियान में शामिल नहीं होऊंगी."


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