28 साल पहले भी दिल्ली की इस सीट पर भिड़े थे वकील,अब बांसुरी Vs सोमनाथ

नई दिल्ली लोकसभा क्षेत्र दिल्ली की सात सीटों में से एक है. 2024 आम चुनाव में बीजेपी ने बांसुरी स्वराज और आम आदमी पार्टी ने सोमनाथ भारती को उतारा है.

By :  Lalit Rai
Update: 2024-04-29 06:25 GMT

जिस तरह से जीवन अनिश्चितताओं के खेल से भरा हुआ है. ठीक वैसे ही सियासत भी है. कौन जानता था कि बांसुरी स्वराज को चुनाव लड़ने का मौका मिलेगा, कौन जानता था कि पेशे से वकील बांसुरी स्वराज का मुकाबला किसी और से बल्कि एक वकील से होगा, कौन जानता था कि एक ऐसी कहानी दोहरायी जाएगी जिसका नाता 28 साल पहले साल 1996 से है. जी हां, बात हम साल 1996 की करेंगे जब बांसुरी स्वराज की मां सुषमा स्वराज चुनावी मैदान में थीं. 1996 में दक्षिणी दिल्ली सीट के लिए सुषमा स्वराज चुनाव में किस्मत आजमां रही थीं और उनके सामने कांग्रेस की तरफ से कोई और नहीं बल्कि दिग्गज वकील कपिल सिब्बल थे.

समय बदला, किरदार बदले

28 साल बाद फिर वही तस्वीर है हालांकि किरदार बदल चुके हैं. सुषमा स्वराज की जगह उनकी बेटी बांसुरी स्वराज और कपिल सिब्बल की जगह सोमनाथ भारती हैं. सुषमा स्वराज और कपिल सिब्बल की तरह ये दोनों पेशे से वकील हैं आम चुनाव 2024 में ये दोनों उम्मीदवार एक दूसरे को पटखनी देने के लिए तैयार हैं. बीजेपी ने बांसुरी स्वराज में भरोसा जताया है वहीं सोमनाथ भारती कांग्रेस- आम आदमी पार्टी गठबंधन के साझा उम्मीदवार हैं. यहां बता दें कि 2019 में बीजेपी की तरफ से उम्मीदवार रहीं मीनाक्षी लेखी को जीत हासिल हुई थी.

दिलचस्प बात यह है कि बांसुरी स्वराज के नाम का ऐलान जब बीजेपी ने किया. ठीक उसके बाद से ही इंडी गठबंधन के सोमनाथ भारती ने उन पर आरोपों की बौछार कर दी. मसलन वो बांसुरी की वकालत के तौर तरीके पर सवाल उठा दिए. सोमनाथ भारती ने कहा कि बांसुरी स्वराज वही वकील हैं जिन्होंने कोर्ट में देश को धोखा देने वालों की पैरवी की है. यही नहीं ईडी की वकील भी हैं जिसने विपक्षी नेताओं को सलाखों के पीछे भेजा है. खास बात यह है कि 28 साल पहले साल 1996 में ठीक इसी तरह से कपिल सिब्बल ने सुषमा स्वराज पर हमला किया था.

तब कपिल सिब्बल- सुषमा स्वराज में था मुकाबला

1996 में जब कपिल सिब्बल के सामने सुषमा स्वराज चुनावी मैदान में उतरीं तो कपिल सिब्बल ने उन पर आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाया था. उन्होंने कोर्ट में घसीटने तक की चेतावनी दी थी. तब सुषमा स्वराज ने कहा कि काला कोट वो भी रखती हैं. बड़ी बात तो यह है कि वो किसी की चुनौती या धमकी से नहीं डरती हैं. हालांकि बांसुरी स्वराज ने सोमनाथ भारती के सवालों के जवाब में सिर्फ यही कहती हैं कि कुछ तो लोग कहेंगे, लोगों का काम है कहना.

यहां बता दें कि 1996 से पहले सुषमा स्वराज और कपिल सिब्बल दोनों ने पहली बार लोकसभा चुनाव का हिस्सा बने थे. ठीक वैसे ही बांसुरी स्वराज और सोमनाथ भारती भी पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं. हालांकि सुषमा स्वराज लोकसभा चुनाव से पहले विधानसभा और राज्यसभा के चुनाव में किस्मत आजमां चुकी थीं. ठीक वैसे ही सोमनाथ भारती भी तीन दफा विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं.

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