BJP ने बिना किसी जांच के राजनीतिक बयानबाजी के लिए व्हाट्सएप ग्रुपों का किया इस्तेमाल: रिपोर्ट
बीजेपी का साल 2014 के लोकसभा चुनावों के बाद से सोशल मीडिया बड़ा हथियार रहा है. इसमें बीजेपी हमेशा विपक्षी दलों से आगे रही है.
BJP WhatsApp Groups: बीजेपी का साल 2014 के लोकसभा चुनावों के बाद से सोशल मीडिया बड़ा हथियार रहा है. इसमें बीजेपी हमेशा विपक्षी दलों से आगे रही है. पार्टी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए देश भर में अपने राजनीतिक मैसेजों को प्रभावी ढंग से पहुंचाया है. अब, जबकि सात चरणों वाले राष्ट्रीय चुनाव के लिए वोटिंग प्रक्रिया आखिरी दौर में है तो यह बात सामने आई है कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा ने हजारों वॉलिंटियर्स के जरिए व्हाट्सएप ग्रुपों में चुपचाप प्रचार अभियान को चलाया है.
व्हाट्सएप राजनेताओं के लिए एक महत्वपूर्ण चैनल है. क्योंकि भारत में इसके 400 मिलियन सक्रिय यूजर्स हैं, जो देश की आबादी का एक चौथाई हिस्सा है. हालांकि, चिंता की बात यह है कि यह काफी हद तक जांच से बच जाता है. यह कई लोगों के लिए झूठ और फर्जी खबरें फैलाने का एक जरिया बन गया है. हाल ही में डेक्कन हेराल्ड ने बताया कि भाजपा 50 लाख व्हाट्सएप ग्रुप संचालित करती है, जिसके माध्यम से वह 12 मिनट में सूचना फैला सकती है.
रेस्ट ऑफ वर्ल्ड में प्रकाशित एक लेख के अनुसार, भारत की सत्तारूढ़ पार्टी जनता की नज़रों से दूर रहकर प्रचार करने के लिए व्हाट्सएप का इस्तेमाल कर रही है. एक्स पर 'बीजेपी की व्हाट्सएप मशीन के अंदर' शीर्षक वाली रिपोर्ट के रिपोर्टर ने कहा कि बीजेपी के व्हाट्सएप संचालन का पैमाना देश के किसी भी अन्य राजनीतिक दल के मुकाबले अतुलनीय है. रिपोर्ट में शिवम शंकर सिंह का हवाला दिया गया है, जो एक राजनीतिक सलाहकार हैं और पहले भाजपा के साथ काम कर चुके हैं. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि व्हाट्सएप पर भाजपा का दबदबा, जो राजनीतिक मैसेजों के लिए सबसे बड़ा वितरण नेटवर्क प्रदान करता है.
प्रिंसटन यूनिवर्सिटी के एक रिसर्च ग्रुप डिजिटल विटनेस लैब के साथ मिलकर हिमाचल प्रदेश के एक छोटे से शहर मंडी में भाजपा से जुड़े 400 व्हाट्सएप ग्रुप में मैसेजिंग गतिविधि को ट्रैक और विश्लेषण किया. बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत मंडी में भगवा पार्टी की लोकसभा उम्मीदवार हैं. यह जांच भाजपा के 2024 के चुनाव अभियान में व्हाट्सएप की भूमिका को समझने के लिए की गई थी. वे मंडी में भाजपा द्वारा बनाए गए कुछ व्हाट्सएप ग्रुपों में भी शामिल हुए और उन्होंने पाया कि शहर में हजारों वॉलिंटियर्स द्वारा चलाया जाने वाला एक विशाल अभियान है. इन व्हाट्सएप ग्रुपों में लोगों को विपक्षी नेताओं जैसे राहुल गांधी (उन्हें रावण के रूप में दिखाया गया) या अरविंद केजरीवाल को टोपी पहनाकर उनके खिलाफ लगातार मैसेज जारी किए गए, साथ ही भाजपा समर्थक मैसेज और राम मंदिर उद्घाटन के साथ हिंदू समर्थक स्टोरी भी शेयर किए गए.
रेस्ट ऑफ़ वर्ल्ड की रिपोर्ट के अनुसार, एक्स या फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के विपरीत व्हाट्सएप ग्रुप में बातचीत आम तौर पर लोगों की नज़रों से छिपी रहती है और बड़े पैमाने पर अनियंत्रित और बिना जांचे-परखे चलती है. उनके निष्कर्षों से पता चलता है कि यह काम कितना बड़ा है और कैसे सैकड़ों भाजपा सदस्य व्हाट्सएप ग्रुप पर मैसेज तय करते हैं।. वे तय करते हैं कि चुनावों में क्या चर्चा होगी और कैसे. पर्सनल मैसेज राजनीतिक मैसेजों के साथ घुल जाते हैं, जिससे मतदाताओं के लिए यह जानना मुश्किल हो जाता है कि कौन से संदेश सीधे भाजपा से आए हैं या कौन से स्वाभाविक रूप से आए हैं. ऐसा लगता है कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने पार्टी के मैसेज को आगे बढ़ाने के लिए इसका फायदा उठाया है.
इस ऑपरेशन से पता चला कि विपक्ष के विपरीत भाजपा को पता है कि व्हाट्सएप कैसे काम करता है और वह अपने प्रचार के लिए इस प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करती है. रिपोर्ट में कहा गया है कि पार्टी ने व्हाट्सएप पर एक ऐसा वितरण तंत्र बनाया है, जो इतने बड़े पैमाने पर है कि चुनाव के करीब आते ही यह स्पष्ट असंतुलन पैदा करता है. रेस्ट ऑफ वर्ल्ड के लेख में एक भाजपा कार्यकर्ता के हवाले से बताया गया है कि उसके पास मंडी में सोशल मीडिया संचालन चलाने वाले 500 सदस्यों की एक वॉलिंटियर टीम है. यह टीम करीब 400 व्हाट्सएप ग्रुप की देखरेख करती है और चुनाव के समय तक करीब 600 ग्रुप की देखरेख करने की तैयारी कर रही है. वर्तमान में राज्य भर में करीब 8,000 ग्रुप हैं यानी कि हर मतदान केंद्र पर कम से कम एक.
रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा के पास राष्ट्रीय स्तर से लेकर राज्य, जिला, उप-जिला और इसी तरह से व्यक्तिगत बूथ तक सभी के लिए एक व्हाट्सएप ग्रुप है. इसमें जय श्री राम और मोदी सरकार एक बार फिर जैसे तीसरे पक्ष के ग्रुप भी हैं. यह पूरी तरह से सुनियोजित है. क्योंकि इस पूरे शो का संचालक नई दिल्ली में पार्टी के कार्यालयों से है. वह क्षेत्रीय और स्थानीय स्तर पर ग्रुपों में शेयर किए जाने वाले मैसेज भेजता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि भाजपा की 80 प्रतिशत विषय-वस्तु रणनीति पहले से ही तय होती है और कुछ भी तुरंत नहीं होता है.
मंडी में ऐसा ही एक ग्रुप स्थानीय भाजपा नेता अनिल शर्मा का फैन क्लब है, जिसके उद्घाटन के समय 538 सदस्य थे. मार्च में बिजनीस नाम के एक गुमनाम अकाउंट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री और मोदी के प्रतिद्वंद्वी अरविंद केजरीवाल की एक तस्वीर फॉरवर्ड की, जिसमें उन्हें टोपी पहने और इस्लामी प्रार्थना में भाग लेते हुए दिखाया गया था. इसके कैप्शन में आरोप लगाया गया कि केजरीवाल सीआईए और जॉर्ज सोरोस द्वारा बनाई गई एक संपत्ति है और वह इस समय भारत में सबसे खतरनाक आतंकवादी है.
मंडी में एक भाजपा नेता ने रेस्ट ऑफ वर्ल्ड को बताया कि इन व्हाट्सएप ग्रुपों में अक्सर ऐसी सामग्री प्रकाशित की जाती है जो आधिकारिक भाजपा मंचों के लिए उपयुक्त नहीं होती है. कार्टून, चुटकुले, विपक्ष और आलोचकों पर निशाना साधने वाले व्यंग्य, गलत और भ्रामक सूचनाएं और नफरत फैलाने वाले भाषण अपना रास्ता बनाते हैं. कभी-कभी भाजपा के एडमिन ऐसे पोस्ट को शेयर करने के लिए थर्ड-पार्टी अकाउंट का इस्तेमाल करते हैं. इस रिपोर्ट का अंत शिवम शंकर सिंह ने किया, जिसमें उन्होंने कहा कि भाजपा व्हाट्सएप पर अपने प्रभुत्व के साथ समान खेल के मैदान को विकृत कर रही है. उन्हें लगा कि अन्य दलों के कथन जनता तक नहीं पहुंच रहे हैं. क्योंकि उनके पास वितरण चैनल की कमी है. यह महत्वपूर्ण है, क्योंकि चुनाव जीतने के लिए बेहतर वितरण बेहतर कथन से अधिक मायने रखता है.