तमिलनाडु में नहीं चला बीजेपी का हिन्दुत्व और परिवारवाद का वार, डीएमके का बड़ा आंकड़ा बरक़रार

लोकसभा चुनाव 2024 के चुनाव में बीजेपी को दक्षिण भारत से विशेष उम्मीद थी. ख़ासतौर से तमिलनाडु से, लेकिन बीजेपी की उम्मीदें खरी साबित नहीं हुई. बीजेपी को उम्मीद थी कि दक्षिण के सबसे बड़े राज्य तमिलनाडु में अच्छे परिणाम मिलेंगे, लेकिन परिणाम अनुरूप नहीं रहे.

Update: 2024-06-04 17:27 GMT

Loksabha Election Result Tamilnadu:

लोकसभा चुनाव 2024 के चुनाव में बीजेपी को दक्षिण भारत से विशेष उम्मीद थी. ख़ासतौर से तमिलनाडु से, लेकिन बीजेपी की उम्मीदें खरी साबित नहीं हुई. बीजेपी को उम्मीद थी कि दक्षिण के सबसे बड़े राज्य तमिलनाडु में अच्छे परिणाम मिलेंगे, लेकिन परिणाम अनुरूप नहीं रहे. बीजेपी को एक सीट भी नहीं मिली, जबकि तमिलनाडु बीजेपी के अध्यक्ष अन्नामलाई ने काफी लम्बी पद यात्रा भी की और प्रधानमंत्री मोदी ने भी कई जन सभाए की लेकिन फिर भी नतीजों को अपने अनुकूल नहीं कर पाए.

नहीं चल पाए राष्ट्रिय मुद्दे, न राम मद्निर निर्माण का लाभ मिला

बीजेपी ने तमिलनाडु में चुनाव पूरे जोर शोर से लड़ा. यहाँ पर बीजेपी ने राष्ट्रिय मुद्दों के साथ साथ राज्य की डीएमके सरकार पर सनातन विरोधी होने का आरोप लगाते हुए जनता के बीच चुनाव प्रचार किया, लेकिन बीजेपी को कोई परिणाम हाथ नहीं लग सका. इतना ही नहीं पीएम मोदी की गारंटी का नारा भी यहाँ काम नहीं कर पाया. बीजेपी ने तमिलनाडु में सीएए, यूनिफार्म सिविल कोड, धारा 370 जैसे मुद्दे जनता को लुभा नहीं पाए. इसके अलावा राम मंदिर निर्माण का मामला भी नहीं बीजेपी को तार नहीं पाया. जबकि  डीएमके, कांग्रेस व अन्य तमिलनाडु की 39 सीट में से 37 सीट पर जीत की ओर अग्रसर है. बीजेपी के साथ गठबंधन करने वाली पीएमके पार्टी  बस1 सीट पर आगे है.

डीएमके की बात पर जनता ने जताया विश्वास

तमिलनाडु की सत्ता में काबिज डीएमके की बात करें तो यहाँ की जनता ने उस पर भरोसा जताया, जिसके चलते डीएमके यहाँ 39 में से 13 सीटों पर जीत चुकी है और 9 पर आगे चल रही है. डीएमके ने यहाँ की जनता को ये विश्वास दिलाने में सफलता हासिल की कि केंद्र सरकार से तमिलनाडू को कोई फण्ड नहीं मिलता है. अगर तमिलनाडू सरकार केंद्र को 1 रुपया भेजती है, तो बदले में केंद्र सरकार 28 पैसा ही लौटाती है. राज्य सरकार के हिस्से का जीएसटी भी नहीं लौटाया जा रहा. जिसकी वजह से राज्य का विकास नहीं हो पा रहा है. जबकि उत्तर प्रदेश को केंद्र सरकार 1 के बदले 2 रूपये भेजता है.

मिचोंग साइक्लोन को भी बनाया मुद्दा

डीएमके सरकार ने तमिल नाडू की जनता के सामने मिचोंग साइक्लोन को भी मुद्दा बनाया. डीएमके ने लगातार ये आरोप लगाया कि इस साइक्लोन से हुए नुकसान की भरपाई के लिए केंद्र से कोई मदद नहीं मिली. पीएम मोदी ने भी प्रभावित इलाकों का कोई दौरा नहीं किया.

नीट परीक्षा भी रही मुद्दा

तमिलनाडू में युवाओं के बीच नीट परीक्षा भी बड़ा मुद्दा रही. दरअसल नीट परीक्षा से पहले तमिलनाडु में 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं के अंक को ही आधार मानकर मेडिकल में सीट मिलती थी लेकिन जब से नीट शुरू हुआ तब से स्टेट बोर्ड के छात्रों को ख़ासा दिक्कत हुई, क्योंकि नीट परीक्षा सीबीएसई बोर्ड के सिलेबस पर आधारित बतायी जाती है. तमिलनाडू में ये एक बड़ा मुद्दा है क्योंकि यहाँ स्टेट बोर्ड के छात्र ज्यादा हैं.

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