दिल्ली के इतिहास से जुडी है चांदनी चौक लोकसभा सीट
पुरानी दिल्ली का हिस्सा इसी लोकसभा क्षेत्र में आता है 1956 में आया था अस्तित्व में
चांदनी चौक लोकसभा क्षेत्र देश की राजधानी का बेहद महत्वपूर्ण संसदीय क्षेत्र है. वजह है इस संसदीय क्षेत्र में पुरानी दिल्ली का हिस्सा शामिल होना, जो मुगलकालीन है और वाल्ड सिटी के नाम से भी जाना जाता है. इतना ही नहीं यहाँ पर दिल्ली के एतिहासिक और थोक बाज़ार भी मौजूद है, यही वजह भी है इस संसदीय क्षेत्र में आने वाली लोकसभा क्षेत्र का वोटर व्यापारी वर्ग से जुड़ा है.
कौन हैं प्रत्याशी
बीजेपी से प्रवीन खंडेलवाल, जो एक व्यापारी नेता हैं और पुरानी दिल्ली के व्यापारियों के बीच एक ख़ास पहचान भी रखते हैं.
वहीँ आईएनडी गठबंधन के तहत ये सीट कांग्रेस के पाले में गयी है और कांग्रेस ने वरिष्ठ नेता जय प्रकाश अग्रवाल को मैदान में उतारा है. जय प्रकाश अग्रवाल चांदनी चौक के किनारी बाजार के ही निवासी भी हैं.
सबसे अहम बात ये है कि बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने ही वैश्य समुदाय से आने वालों को ही प्रत्याशी बनाया है.
1956 में आया था अस्तित्व में
चांदनी चौक दिल्ली का वो इलाका जिसे दिल्ली वाले पुरानी दिल्ली या फिर दिल्ली-6 के नाम से जानते हैं. दिल्ली की पहचान भी माना जाता है दिल्ली 6 का इलाका. यही वजह भी है कि चांदनी चौक के नाम से ही संसदीय क्षेत्र का नाम भी रखा गया. इस निर्वाचन क्षेत्र का अस्तित्व 1956 में आया. पुरानी दिल्ली हो या नई दिल्ली रेलवे स्टेशन दोनों ही यहाँ से नजदीक हैं. शाहजहाँ ने अपने साम्राज्य की नई राजधानी दिल्ली को ही बनाया था. इसी वजह से लाल किला यमुना नदी के किनारे पर बनवाया गया. चांदनी चौक सीट पर पहली बार 1957 में चुनाव हुए थे और ये सीट कांग्रेस के पाले में गयी थी. इसके बाद 1962 में भी जनता ने कांग्रेस पर ही भरोसा जताया. लेकिन 1967 में इस सीट के मतदाताओं ने कांग्रेस को झटका दिया और पहली बार भारतीय जनसंघ ने इस सीट से अपना खाता खोला.
कभी देश की सबसे छोटी लोकसभा सीट होती थी चांदनी चौक
चांदनी चौक सीट न केवल देश की ऐतिहासिक विरासत को संजोये हुए है बल्कि इसका दिल्ली का व्यवसायिक केंद्र भी अपने में समाये हुए है. ये संसदीय क्षेत्र 2004 लोकसभा चुनाव तक देश का सबसे छोटा निर्वाचन क्षेत्र होता था. 2008 में हुए परिसीमन के बाद इस लोकसभा क्षेत्र में बाहरी दिल्ली में आने वाले कुछ विधानसभा क्षेत्र भी जोड़ दिए गए. यही वजह है कि अब दिल्ली के अन्य संसदीय क्षेत्रों की तरह ही चांदनी चौक संसदीय क्षेत्र में भी 10 विधानसभा क्षेत्र हैं.
क्या है जातीय समीकरण
जैसा की पता है कि चांदनी चौक व्यवसायिक केंद्र भी. तमाम थोक बाज़ार इसी इलाके में आते हैं और बड़ी संख्या में व्यापारी वर्ग भी इस संसदीय क्षेत्र में आने वाली विधानसभा क्षेत्र में रहते हैं. अगर इस क्षेत्र के जातीय समीकरण की बात करें तो इस सीट पर वैश्य समुदाय के वोटरों की सबसे अधिक संख्या मानी जाती है। अलग अलग राजनीतिक दलों के आंकलन के सनुसार इस संसदीय सीट पर लगभग 17 प्रतिशत वैश्य वोटर हैं, वहीँ 14 प्रतिशत वोटर मुस्लिम समुदाय से हैं। अधिकांश मुस्लिम मतदाता मटिया महल, सदर बाजार, बल्लीमारान आदि क्षेत्रों में रहता है। इनके अलावा पंजाबी मतदाता की संख्या भी लगभग 14 प्रतिशत है. साथ ही अनुसूचित जाति, ओबीसी आदि वर्ग के 16 प्रतिशत मतदाता भी इस संसदीय क्षेत्र के वोटर हैं.
वोटरों की संख्या
चांदनी चौक लोकसभा क्षेत्र में वोटरों की संख्या लगभग 15,61,828 है। इसमें पुरुषों की संख्या 8,48,303 और महिला वोटरों की संख्या करीब 7,13,393 है.
विधानसभा सीटें
चांदनी चौक, मटिया महल, बल्लीमारान, सदर बाजार, आदर्श नगर, शालीमार बाग, शकूरबस्ती, त्रिनगर, वजीरपुर, मॉडल टाउन,