46/90 की लड़ाई में BJP के सामने गढ़ बचाने की चुनौती, कांग्रेस-AAP की लगी नजर

हरियाणा में जहां एक तरफ बीजेपी के सामने हैट्रिक लगाने की चुनौती है। वहीं कांग्रेस को खुद के लिए उम्मीद नजर आ रही है। इन सबके बीच आम आदमी पार्टी भी ताल ठोंक रही है।

By :  Lalit Rai
Update: 2024-09-10 04:09 GMT

Haryana Assembly Elections 2024:  हरियाणा इस दफा किसे जीत का हार पहनाएगा फैसला 8 अक्तूबर को होगा। सभी सियासी दल फूंक फूंक कर उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर रहे हैं। बीजेपी अब तक 67 और कांग्रेस 41 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर चुकी है। लेकिन सबसे अधिक बगावत बीजेपी में देखी गई। इन सबके बीच कांग्रेस के साथ आप का गठबंधन होगा या नहीं इस पर पुख्ता तौर पर दोनों दल कुछ नहीं बोल रहे हैं। लेकिन आप आदमी पार्टी ने 20 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है। यहां दो सवाल है कि अगर 12 सितंबर से पहले कांग्रेस और आप के बीच गठबंधन होता है तो बीजेपी किस तरह से मुकाबला करेगी। अगर सभी 90 सीटों पर आप के उम्मीदवार चुनावी ताल ठोंकते हैं तो बीजेपी, कांग्रेस और खुद आम आदमी पार्टी के लिए किस तरह की तस्वीर बनेगी।

उत्तर हरियाणा है बीजेपी का गढ़

हरियाणा की मौजूदा राजनीतिक तस्वीर समझने के लिए साल 2014 और 2019 की तरफ चलना होगा। साल 2014 में बीजेपी को पूर्ण बहुमत और 2019 में 40 सीट के साथ सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी थी। बीजेपी की इस कामयाबी में उत्तरी हरियाणा के आठ जिलों की खास भूमिका थी। इन जिलों में फैली 31 विधानसभा में से 16 सीट पर बीजेपी को कामयाबी मिली थी। ये आठों जिले गैर जाट बहुल हैं और बीजेपी इसे अपना गढ़ मानती है। पिछले 10 साल की सत्ता विरोधी लहर को आप ऐसे समझ सकते हैं कि आम चुनाव 2024 में अंबाला सीट बीजेपी हार गई। इसे ध्यान में रखते हुए पीएम मोदी इस दफा दक्षिण हरियाणा की जगह उत्तर हरियाणा से चुनावी प्रचार का आगाज करने वाले हैं। अभी तक की जानकारी के मुताबिक 14 सितंबर को कुरुक्षेत्र में जनसभा को संबोधित करेंगे। इससे पहले वो अहीरवाल बेल्ट यानी दक्षिण हरियाणा से चुनावी बिगुल फूंकते नजर आए हैं।

उत्तर हरियाणा में 8 जिले
उत्तर हरियाणा में पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर, कैथल, करनाल, कुरुक्षेत्र पानीपत और सोनीपत जिलों में गैर जा' मतदाताओं की संख्या अधिक है। इन्हें बीजेपी का कोर वोटर्स माना जाता है। अगर सीएम नायब सिंह सैनी की बात करें तो इस दफा वो कुरुक्षेत्र के लाडवा से चुनावी मैदान में हैं और इस बात की संभावना है कि उन्हें कड़ी टक्कर मिल सकती है।

जाटलैंड पर कांग्रेस की नजर
अगर बात कांग्रेस की करें तो राहुल गांधी 22 सितंबर के आस पास रैलियों को संबोधित करने वाले हैं। कांग्रेस की रैली जींद जिले से हो सकती है। यह जाद बहुल जिला है, खास बात यह है कि इसी जिले की जुलाना विधानसभा सीट से विनेश फोगाट किस्मत आजमा रही हैं। कांग्रेस को उम्मीद है कि इनेलो या जेजेपी भले ही चुनावी मैदान में हों जाट मत इस दफा लोकसभा चुनाव की तरह हाथ का साथ देंगे।

मान के सहारे आप
वहीं अगर आम आदमी पार्टी की बात करें तो फिलहाल सारी उम्मीद भगवंत मान पर टिकी हुई है। ऐसा कहा जा रहा है कि पंजाब से लगी हरियाणा की जो सीटें हैं उस पर उनका ध्यान होगा। इस तरह से कांग्रेस और आम आदमी पार्टी किसी भी तरह से 2024 की जंग में बीजेपी का कमल खिलने नहीं देना चाहते हैं। 

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