यूपी की सियासी पिच पर अखिलेश का कमाल, क्या यह सपा का सबसे बेहतर प्रदर्शन?

देश के सबसे बड़े सूबों में से एक यूपी में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन ने बेहतर प्रदर्शन किया है. लेकिन यहां पर हम समाजवादी पार्टी के प्रदर्शन की बात करेंगे;

By :  Lalit Rai
Update: 2024-06-04 11:56 GMT
यूपी की सियासी पिच पर अखिलेश का कमाल, क्या यह सपा का सबसे बेहतर प्रदर्शन?
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आम चुनाव 2024 के रुझानों में एनडीए एक बार फिर सरकार बनाते नजर आ रही है. लेकिन बीजेपी अपने दम पर जादुई आंकड़े को हासिल नहीं कर पायी है. बीजेपी के खाते में 244 सीटें जाती हुई नजर आ रही हैं.यही पर यूपी का जिक्र करना जरूरी हो जाता है. दरअसल यूपी में बीजेपी को महज 35 सीट मिल रही है. अगर बीजेपी के पास सीटों की संख्या 62 के करीब होती तो तस्वीर अलग होती है. अब आखिर यूपी में क्या हुआ. इसी सवाल का जवाब देंगे. दरअसल यूपी में समाजवादी पार्टी 33 और कांग्रेस के खाते में 9 सीट मिलती नजर आ रही है. समाजवादी पार्टी का इतिहास अब तक कैसा रहा है उस पर नजर डालेंगे.

सपा को 2004 में सबसे अधिक सीट मिली थी

1992 में समाजवादी पार्टी का गठन हुआ था और इस दल ने 1996 में लोकसभा का पहला चुनाव लड़ा. इस चुनाव में सपा के खाते में 20 सीट गई थी और मतों का प्रतिशत 28.74 फीसद था.1999 में 26 सीट और मत प्रतिशत 24.06 फीसद, 2004 में 35 सीट मत प्रतिशत 26.74 फीसद, 2009 में 23 सीट मत प्रतिशत 23.26, 2014 में सीट संख्या 5 और वोट प्रतिशत 22.18,2019 में भी पांच सीट और मत प्रतिशत 17.96, 2024 में सीट 34 और वोट प्रतिशत 33.04 फीसद मत मिला.

बीएसपी के वोट शेयर में आई कमी का फायदा

समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के इस शानदार प्रदर्शन पर जानकारों का कहना है कि दोनों दलों के वोट एक दूसरे को ट्रांसफर हुए हैं. खासतौर से जमीन पर कांग्रेस को फायदा मिला है. यह जीत इसलिए भी खास है क्योंकि इसकी वजह से 2027 के विधानसभा चुनाव में इन दोनों दलों के पास आत्मविश्वास का खजाना होगा.यहां एक सवाल उठता है कि सपा और कांग्रेस की सीटों के बढ़ने के पीछे दूसरी वजह क्या है. ऐसा माना जा रहा है कि मायावती का वोट शेयर जो करीब 20 फीसद था वो इस दफा घटकर 9 फीसद रह गया है और वो वोट सपा- कांग्रेस गठबंधन को गया है. यानी बीएसपी के लचर प्रदर्शन का असर सपा और कांग्रेस को फायदा पहुंचाया.

अगर वोट शेयर की बात करें तो 2004 में सपा को 35 सीट मिली और वोट शेयर 26.74 फीसद था.हालांकि 1999 के चुनाव में वोट शेयर 28 फीसद के करीब होने के बाद भी सीटें सिर्फ 20 आईं. इस दफा सपा को वोट शेयर 33 फीसद के करीब और कांग्रेस का 10 फीसद है. अगर दोनों को मिला दें तो यह 43 फीसद होता है और इसका असर सीटों की संख्या में भी दिखाई दे रहा है.

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