Jharkhand में 20 सीटें कर ना दे खेला, इंडिया ब्लॉक - NDA दोनों की धड़कन बढ़ी

झारखंड में किसी भी दल या गठबंधन को सरकार बनाने के लिए 41 विधायकों की जरूरत होती है। पहले चरण में जिन 20 सीटों पर बंपर वोटिंग हुई है उसके बाद धुकधुकी बढ़ गई है।

By :  Lalit Rai
Update: 2024-11-14 09:58 GMT

Jharkhand Assembly Elections 2024: झारखंड में इस समय सरकार बनाने के लिए राजनीतिक दल परीक्षा दे रहे हैं। पहले चरण की 43 सीटों के लिए परीक्षा 13 नवंबर को संपन्न हुई जिसमें 66 फीसद से अधिक मतदाताओं ने 683 उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में कैद कर दी। अब शेष 38 सीटों के लिए 20 नवंबर को मतदान होगा जिस पर निगाह तो सभी दलों की है। लेकिन पहले चरण की 20 सीटें परेशान कर रही हैं। ये वो 20 सीटें है जिन पर 2019 की तुलना में ज्यादा मतदान हुआ है। ये आदिवासी बहुल सीटें हैं। सियासत के धुरंधर भी कुछ स्पष्ट कहने से बच रहे हैं। आमतौर पर पहले अधिक वोटिंग को सत्ता विरोधी लहर के तौर पर देखा जाता था। लेकिन अब अधिक मतदान सरकार के पक्ष में भी हो सकता है। इसका अर्थ यह हुआ कि अगर 20 सीटों पर अधिकतम मतदान हेमंत सोरेन सरकार के पक्ष में है तो उनके लिए राहत की बात है। लेकिन यदि ऐसा नहीं है तो झारखंड में नतीजा कुछ और ही हो सकता है।

आरक्षित सीटों पर रिकॉर्ड वोटिंग
पहले चरण में जिन 43 सीटों के लिए चुनाव हुआ है उनमें अनुसूचित जनजाति (ST) और अनुसूचित जाति (SC) की 26 सीटें हैं। अब इन 26 सीटों पर मतदान 77 फीसद तक हुआ है। इनमें से 20 सीटें एसटी हैं। यह अब तक का रिकॉर्ड भी है। जिन 26 आरक्षित सीटों पर मतदान हुआ है उनमें झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के नेतृत्व वाले इंडिया ब्लाक के पास 21 सीटें हैं। सिर्फ पांच सीटें ही एनडीए के पास हैं। इसका अर्थ यह हुआ कि हेमंत सोरेन की साख दांव पर है। 

चुनाव आयोग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार खरसावां विधानसभा ने रिकॉर्ड बनाया है। यहां पर 79 फीसद मतदान हुआ है। दूसरे नंबर पर घाटशिला यहां 75  प्रतिशत वोट डाले गए हैं। अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व 20 सीटों पर पहले चरण में चुनाव हुए है उनमें से 10 पर 70 फीसद से अधिक वोट पड़े हैं। जबकि शेष 10 सीटों पर भी मतदान का प्रतिशत 2019 की तुलना में बढ़ा है। इन सीटों पर 64 प्रतिशत से लेकर 69 प्रतिशत मतदान हुआ है। 

मइंया सम्मान योजना बनाम गोगो दीदी

अब इस वोटिंग पैटर्न पर विश्लेषण का दौर भी शुरू हो चुका है। मसलन कुछ लोग इसे मइंया सम्मान योजना का कमाल बता रहे हैं। इस योजना को तीन महीने पहले लांच किया गया था जिसमें 18 से 50 साल की महिला के खाते में सरकार हर महीने हजार रुपए डाल रही है। इस राशि की सुविधा करीब 49 लाख महिलाओं को मिल भी रही है। यही नहीं हेमंत सोरेन ने दिसंबर के महीने से 2500 रुपए देने का वादा किया है। अब अगर बीजेपी की बात करें तो मइंया सम्मान योजना का जवाब देने के लिए गोगो दीदी योजना का ऐलान किया है इसमें 2100 रुपए प्रति महीने देने का वादा है। अब यहां सवाल सिर्फ तुलना की है कि मतदाता इसे किस रूप में लेते हैं। 

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