'संविधान और आरक्षण की दुश्मन है बीजेपी', ओडिशा में राहुल गांधी भड़के

आम चुनाव 2024 के प्रचार में एनडीए- इंडी ब्लॉक दोनों संविधान बचाने की दुहाई दे रहे हैं. ओडिशा की रैली में राहुल गांधी ने इस मुद्दे का जिक्र कर मोदी सरकार को घेरा

By :  Lalit Rai
Update: 2024-05-15 11:08 GMT

राहुल गांधी, कांग्रेस सांसद

Rahul Gandhi News:  आम चुनाव 2024 सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के लिए अहम है. एनडीए के सामने जहां सत्ता बचाए रखने की वहीं विपक्ष यानी इंडी ब्लॉक के सामने नरेंद्र मोदी सरकार को बाहर करने की चुनौती है. इन दोनों धड़ों में कौन कामयाब उसका फैसला चार जून को आना है. इन सबके बीच बात हम करेंगे कि कैसे बयानों के जरिए एनडीए और यूपीए दोनों एक दूसरे को पस्त करने में जुटे हुए हैं.इस चुनाव में एनडीए और इंडी ब्लॉक दोनों संविधान बचाए रखने की दुहाई दे रहे हैं, इन सबके बीच ओडिशा के बोलंगीर में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने एक बार फिर कहा कि अगर लोकसभा का चुनाव बीजेपी जीतने में कामयाब रहती है तो संविधान को नष्ट कर देगी. आदिवासियों को दिए जा रहे आरक्षण को खत्म कर देगी. दलित, ओबीसी समाज को संविधान से आरक्षण का फायदा मिला है उसे भी खत्म कर देगी.

प्राइवेट हाथों में पीएसयू का होगा सौदा

बोलंगीर में लोगों के बीच बोलते हुए राहुल गांधी ने यह भी कहा कि यदि बीजेपी दोबारा से सत्ता में आई तो पब्लिक सेक्टर को प्राइवेट हाथों में सौंप देगी. यही नहीं भारत को 22 करोड़पति चलाएंगे. बीजेपी संविधान को फाड़कर फेंकना चाहती है. लेकिन हम यानी कांग्रेस और इस देश की जनता बीजेपी के मंसूबों को कामयाब क्यों नहीं होने देगी. यही सब वजह है कि देश में लोगों की सरकार बननी चाहिए. उन्होंने कहा कि बीजेपी का मतलब सिर्फ और सिर्फ लोगों को लाचार करना है. पिछले 10 सालों में क्या हुआ. महंगाई पर लगाम नहीं, चीन आंख दिखाता है, अमेरिका गीदड़ भभकी देता है. विदेश नीति के मुद्दे पर यह सरकार भ्रम की शिकार है. लेकिन इस सरकार को पीठ थपथपाने की आदत पड़ी हुई है. 


क्या कहते हैं जानकार

जानकार कहते हैं कि इस दफा का चुनाव वाकई दिलचस्प है. चुनाव प्रचार में एनडीए हो या इंडी ब्लॉक दोनों धड़ों के नेता एक ही बात कह रहे हैं कि दूसरा वाला आया तो आरक्षण खत्म कर देगा.संविधान को रौंद देगा. लेकिन एससी-एसटी, ओबीसी आरक्षण को लेकर कांग्रेस जिस तरह से एनडीए पर हमलावर है. उसी अंदाज में एनडीए के नेता मुस्लिम आरक्षण का जिक्र कर कांग्रेस पर निशाना साध रहे हैं. एनडीए के नेता कहते हैं कि जिस दल ने देश को आपातकाल के दौर में पहुंचा दिया वो लोग संविधान बचाने की दुहाई कैसे दे रहे हैं. पिछले 10 वर्षों में एनडीए की सरकार ने आखिर कौन सा ऐसा काम किया जिसकी वजह से संविधान खतरे में पड़ गया. सियासत पर नजर रखने वाले यह कहते हैं कि दोनों धड़े शब्दों के जरिए एक दूसरे को अपने जाल में फंसाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन अब मतदाता 1980 या 1990 के दशक वाले नहीं है. अब सबके हाथ में मोबाइल फोन है, इंटरनेट है, देश और दुनिया में होने वाली हर एक घटना से वाकिफ हैं. आज के मतदाता अब आसानी से राजनीतिक दलों के झांसे में नहीं आते हैं. 

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