Maharashtra : संविधान की लाल किताब फिर बनी मुद्दा, फडणवीस की टिप्पणी पर कांग्रेस का निशाना

कांग्रेस का यह हमला भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस द्वारा यह पूछे जाने के एक दिन बाद आया है कि राहुल गांधी भारत के संविधान की लाल प्रति लहराकर क्या संदेश देना चाहते हैं? जवाब में कांग्रेस ने कहा ये वही संविधान हैं जिसे प्रधानमंत्री बदलना चाहते हैं.

Update: 2024-11-07 13:40 GMT

Maharashtra Assembly Elections 2024 : महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में एक बार फिर से राहुल गाँधी ने लाल कवर वाली संविधान की किताब को लोगों के बीच दर्शाया है. वहीँ कांग्रेस ने एक बार फिर से संविधान की इस किताब को मुद्दा बनाने पर पूरा जोर लगा दिया है. इस बार कांग्रेस ने इसके लिए महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नविस की टिपण्णी को मुद्दा बनाया है. कांग्रेस ने फड़नविस की टिपण्णी को ही हथियार बनाते हुए भाजपा पर निशाना साधा है. साथ ही ये आरोप लगाया है कि महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री उसी संविधान पर ‘‘आपत्ति जता रहे हैं’’ जिस पर आरएसएस ने 1949 में यह कहकर हमला किया था कि यह मनुस्मृति से प्रेरित नहीं है.


क्या कहा था देवेन्द्र फड़नविस ने
दरअसल राहुल गाँधी द्वारा लोगों के सामने लाल कवर वाली किताब दिखाने पर फड़नविस ने ये सवाल किया था कि आखिर राहुल गाँधी संविधान की लाला प्रति वाली किताब दिखा कर क्या सन्देश देना चाहते हैं? सिर्फ इतना ही नहीं फड़नविस ने राहुल गाँधी पर अराजकतावादियों का गठबंधन बनाने का भी आरोप लगाया. कहीं न कहीं लाल रंग को मार्क्सवादी सोच से जोड़ा गया. क्योंकि राजनीति में लाल रंग को अक्सर मार्क्सवादी या साम्यवादी विचारधारा से जोड़ा जाता है.

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बोला हमला
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, "देवेंद्र फडणवीस हताश हो रहे हैं. वो राहुल गांधी पर तथाकथित 'शहरी नक्सलियों' से समर्थन पाने के लिए 'लाल किताब' दिखाने का आरोप लगाते हैं."
रमेश ने अपने एक्स अकाउंट पर एक पोस्ट करते हुए कहा कि "जिस पुस्तक पर फडणवीस आपत्ति जता रहे हैं, वो भारत का संविधान है, जिसके मुख्य निर्माता डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर थे. यह भारत का वही संविधान है जिस पर आरएसएस ने नवंबर 1949 में यह कहकर हमला किया था कि यह मनुस्मृति से प्रेरित नहीं है." कांग्रेस नेता ने कहा, "यह भारत का वही संविधान है जिसे गैर-जैविक प्रधानमंत्री बदलना चाहते हैं."
रमेश ने कहा कि जहां तक "लाल किताब" का सवाल है, फड़नविस को पता होना चाहिए कि इसमें भारत के सबसे प्रतिष्ठित कानूनी व्यक्तित्वों में से एक केके वेणुगोपाल की प्रस्तावना है, जो 2017-2022 के दौरान भारत के अटॉर्नी जनरल थे.
उन्होंने ये भी कहा कि "इससे पहले गैर-जैविक देवता और स्वयंभू चाणक्य को भी लाल किताब भेंट की जा चुकी है. जहां तक 'अर्बन नक्सल' का सवाल है, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 9 फरवरी, 2022 और 11 मार्च, 2020 को संसद को बताया कि भारत सरकार इस शब्द का इस्तेमाल नहीं करती है!"

सोच समझ कर बोलना चाहिए
जयराम रमेश ने सिर्फ इतना पर ही नहीं रुके उन्होंने कहा कि फड़नविस को पहले सोचना चाहिए और फिर बोलना चाहिए.

प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की फोटो भी की पोस्ट
कांग्रेस नेता जय राम रमेश ने मोदी और शाह की वो तस्वीर भी पोस्ट की जिसमें वे संविधान की वही प्रति प्राप्त कर रहे हैं, जो राहुल गांधी अपने पास रखे हुए थे. राहुल गांधी ने बुधवार को राज्य में विपक्षी कांग्रेस-राकांपा-सपा-शिवसेना गठबंधन के लिए प्रचार किया, जहां 20 नवंबर को विधानसभा चुनाव होंगे. नागपुर में संविधान सम्मान सम्मेलन में उन्होंने लाल आवरण वाली संविधान की प्रति अपने साथ रखी. पीटीआई

(शीर्षक को छोड़कर, इस कहानी को फेडरल स्टाफ द्वारा संपादित नहीं किया गया है और एक सिंडिकेटेड फीड से स्वतः प्रकाशित किया गया है।)


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