महाराष्ट्र में कागज पर मिले दल चुनावी जमीन पर दरार, टिकट बंटवारे से बढ़ी रार
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों ने नामांकन कर दिया है। लेकिन ऐसी भी सीटें हैं जहां एक ही गठबंधन के पार्टनर आमने सामने हैं।
Maharashtra Assembly Polls 2024: महाराष्ट्र में सत्ता की बागडोर किसके हाथ में होगी नतीजा 23 नवंबर को आएगा। जादुई आंकड़े 145 की लड़ाई में महा विकास अघाड़ी और महायुति दोनों ने अपने योद्धाओं को चुनावी रण में उतार दिया है। लेकिन इस रण में अंतिम बाजी किसके हाथ लगेगी तस्वीर 4 नवंबर को साफ होगी। आप का सोचना लाजिमी है कि एक तरफ चुनावी रण में योद्धा उतर भी चुके हैं और दूसरी तरफ 4 नवंबर नाम वापसी वाली तारीख का इंतजार है। दरअसल 29 अक्टूबर को नामांकन की आखिरी तारीख थी और अंत समय तक महायुति और महा विकास अघाड़ी (Mahayuti vs Maha Vikas Aghadi) तकरार वाली कुछ सीटों पर उम्मीदवारों के नाम पर फैसला बामुश्किल ही ले सके। कई सीटें ऐसी हैं जहां गठबंधन होने के बावजूद एक ही गठबंधन के उम्मीदवार आमने सामने हैं। मसलन शिवाजी नगर मानखुर्द सीट पर एनसीपी अजित पवार गुट (NCP Ajit Pawar) ने नवाब मलिक को टिकट दिया और उसी सीट से शिवसेना एकनाथ शिंदे गुट के उम्मीदवार ने भी पर्चा भरा है।
शिवाजी नगर मानखुर्द वाली सीट पर तो महा विकास अधाड़ी के नेता बीजेपी पर निशाना भी साध रहे हैं। एमवीए के नेताओं का कहना है कि क्या अब नवाब मलिक (Nawab Malik) पाक साफ हो गए। इस खास केस में बीजेपी का कहना है कि समझौते के तहत सीट शिवसेना(Shiv Sena Eknath Shinde) को गई है लिहाजा उनके लिए अधिकृत उम्मीदवार शिवसेना का है। उनका स्टैंड नवाब मलिक के लिए पहले की तरह है। अभी चार नवंबर की तारीख दूर है और उम्मीद है कि अजित पवार अपने उम्मीदवार को समझाने में कामयाब होंगे। यानी बीजेपी ने गेंद अजित पवार के पाले में डाल दी है।इन सबके बीच नवाब मलिक कहते हैं कि जिसको जो समझना हो समझे। वो किसी तरह के दबाव को नहीं मानते। अजित दादा ने उन पर भरोसा जताया वो ही काफी है। बता दें कि नवाब मलिक की बेटी अणुशक्ति नगर से चुनावी मैदान में हैं।
कई सीटों पर गठबंधन उम्मीदवार आमने सामने