"मैं समंदर हू्ं लौटकर वापस आऊंगा" ... वायरल हो रहा फडणवीस का ये VIDEO, देखें

देवेंद्र फडणवीस ने साल 2019 में वादा किया था कि वह वापस आएंगे और 2.5 साल बाद उन्होंने ऐसा ही किया. साल 2024 में भी चुनाव के रुझान बताते हैं कि वह फिर से वापस आ गए हैं.

Update: 2024-11-23 10:46 GMT

Maharashtra Assembly elections 2024: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर वोटों की गिनती अंतिम चरण में हैं और परिणाम भी सामने आने लगे हैं. वहीं, रुझानों में बीजेपी नीत महायुति गठबंधन काफी आगे चल रही है और प्रचंड बहुमत की तरफ आगे बढ़े रही है. इसी बीच देवेंद्र फडणवीस का पांच साल पहले महाराष्ट्र विधानसभा का एक वीडियो काफी वायरल हो रहा है. इसमें वह कहते दिख रहे हैं कि "मेरा पानी उतरता देख मेरे किनारे पर घर मत बस लेना, मैं समंदर हू्ं लौटकर वापस आऊंगा".

देवेंद्र फडणवीस ने साल 2019 में वादा किया था कि वह वापस आएंगे और 2.5 साल बाद उन्होंने ऐसा ही किया. साल 2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के रुझान बताते हैं कि वह फिर से वापस आ गए हैं. वह भी शानदार तरीके से. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बार सरकार में उनको बड़ी भूमिका मिल सकती है.

भाजपा नेता वर्तमान सरकार में एकनाथ शिंदे के डिप्टी हैं. उनका एक फोटो काफी वायरल हो रही है. इसमें फडणवीस भाजपा महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले को गले लगाते हुए दिखाई दे रहे हैं. मतगणना शुरू होने के 8 घंटे बाद भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति एक शानदार जीत के लिए तैयार है. ऐसे में फडणवीस ने एक्स पर पोस्ट किया कि 'एक हैं तो सुरक्षित हैं. मोदी है तो मुमकिन है.'

इस साल मार्च में एक पुस्तक विमोचन के अवसर पर बोलते हुए फडणवीस ने कहा था कि "मैं न केवल वापस आया, बल्कि दो पार्टियों को तोड़कर लौटा हूं. सत्ता में वापस आने में ढाई साल लग गए. मैंने 2019 के विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान एक कविता पढ़ी थी. लेकिन उसमें से सिर्फ़ एक पंक्ति ही लोकप्रिय हुई."

साल 2019 का समीकरण

साल 2019 के विधानसभा चुनावों में अविभाजित शिवसेना भाजपा के साथ चुनाव-पूर्व गठबंधन में थी. इसने मुख्यमंत्री पद की मांग की, जिसका दावा है कि तत्कालीन भाजपा प्रमुख अमित शाह ने उससे वादा किया था. ठुकराए जाने पर उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस और एनसीपी से हाथ मिला लिया और सरकार बना ली. जून 2022 में शिवसेना विधायकों का एक समूह उद्धव खेमे से अलग हो गया. भाजपा ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले समूह का समर्थन किया और उन्हें मुख्यमंत्री बनाया. इसके बाद कई एजेंसियों द्वारा जांच का सामना कर रहे अजित पवार ने अपनी पार्टी को विभाजित कर दिया और 2023 में शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार में शामिल हो गए.

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