Assembly Elections 2024: क्या नारा हुआ हिट जिसने किया भाजपा को फिट

भाजपा ने लोकसभा परिणाम के बाद भाजपा ने बंटोगे तो कटोगे वाला नारा इजात किया ताकि हिन्दुओं को आरक्षण के नाम पर जातियों में बांटा गया उसे एक किया जाए. महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के उपचुनाव में ये नारा असरदार साबित हुआ लेकिन झारखंड में नहीं चला.

Update: 2024-11-23 07:50 GMT

Assembly Elections Result 2024: महाराष्ट्र और झारखण्ड के विधानसभा चुनाव की मतगणना जारी है, वहीँ उपचुनावों में हुई वोटिंग की गिनती भी चल रही है. रुझानों की बात करें तो महाराष्ट्र में महायुती को बहुत बड़ी जीत मिलती दिख रही है तो वहीँ उत्तर प्रदेश की 9 सीटों पर हुए उपचुनाव में बीजेपी और उसके सहयोगी दल 7 सीटों पर आगे चल रहे हैं. हालाँकि झारखण्ड में INDIA ब्लॉक बड़ी जीत की ओर बढ़ता दिख रहा है.

इस बीच गौर किया जाए चुनावी नारों पर तो कहीं न कहीं भाजपा का बंटोगे तो काटोगे वाला नारा काफी हद तक काम करता नज़र आया, खासतौर से महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में.
लोकसभा चुनाव की बात करें तो इन दोनों ही प्रदेशों में NDA को काफी नुक्सान हुआ था. जब नतीजों का आकलन किया गया तो देखा गया कि INDIA ब्लॉक का जो संविधान खतरे में नारा था, उसने हिन्दुओं को जाति में बाँटने का काम किया. आरक्षण के नाम पर हिन्दुओं को बांटा गया. जिसके बाद भाजपा ने सीधे तौर पर इस खाई को पांटने के लिए एक नारा इजात किया,''बंटोगे तो काटोगे''.

इन नारों से पहले लोकसभा चुनाव की बात करते हैं
दरअसल लोकसभा चुनाव में जहाँ एक ओर प्रधानमंत्री मोदी ने 400 पार का नारा दिया, जिसके बाद NDA ने इसी नारे पर पूरा चुनाव लड़ा तो इंडिया गठबंधन ने संविधान खतरे में है का नारा दिया और लोगों के बीच इस बात को फैलाया की बीजेपी सरकार पूर्ण बहुमत के साथ आई तो आरक्षण को समाप्त कर देगी.
हालाँकि पहले चरण के बाद बीजेपी को ये एहसास हो गया कि संविधान खतरे में है का नारा उसके 400 पार के नारे पर भारी पड़ गया है. खैर बीजेपी ने दूसरे चरण के बाद संविधान खतरे में है के जवाब देने का प्रयास किया लेकिन तब तक देर हो चुकी थी. शायद यही वजह है कि महाराष्ट्र और झारखण्ड में NDA खासतौर से बीजेपी ने जरा भी देरी न करते हुए इसकी काट के तौर पर नारे तैयार किये.

चुनाव में सीधे सीधे हिन्दुओं को एकता का दिया नारा, अलग अलग होने पर दिखाया डर
बीजेपी ने झारखण्ड, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के उपचुनाव से पहले ही ये स्पष्ट कर दिया कि INDIA गठबंधन के संविधान और आरक्षण खतरे में है का सन्दर्भ हिन्दुओं को जातियों में बांटना है. इसलिए बीजेपी ने नारा दिया बाँटोगे तो काटोगे, एक हैं तो सेफ हैं. इस नारे को खुल कर जनता के सामने बोला भी गया और समझाया भी गया. खुद प्रधानमन्त्री मोदी ने एक हैं तो सेफ हैं का नारा दिया.
इतना ही नहीं झारखण्ड, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश ने खुल कर कहा गया कि अगर हिन्दू बंटता है तो उसी के लिए खतरा पैदा होगा. इस बीच सांप्रदायिक तनाव की जो भी घटनाएँ देश भर में हुईं, उन्हें भी चुनाव प्रचार में उदहारण के तौर पर प्रसारित किया गया. कुल मिलाकर चुनव मोटे तौर पर धर्म को आगे रख कर लड़ा गया. 

झारखंड में नहीं चल पाया नारा 
हालाँकि बंटोगे तो कटोगे का नारा भाजपा के लिए झारखंड में असरडार साबित न हो सका. जहाँ तक समझ में आ रहा है कि झारखंड में कहीं न कहीं जनता को हेमंत सोरेन का जेल में जाना अच्छा नहीं लगा और इसी बात की सहानुभूति भी जेएमएम को मिली, जिसका नतीजा ये रहा कि INDIA ब्लॉक बड़ी जीत की ओर बढ़ रहा है.  


समाजवादी पार्टी का नारा रहा बेदम 

ऐसा नहीं है कि INDIA ब्लॉक ने बंटोगे तो कटोगे वाले नारे का काउंटर नहीं किया. समाजवादी पार्टी ने इस नारे के खिलाफ ''जुड़ोगे तो जीतोगे'' नारा इजात किया. इस नारे का प्रचार प्रसार भी किया लेकिन परिणामों में सपा का ये नारा प्रभावी नहीं नज़र नहीं आया. उत्तर प्रदेश के उप चुनाव में भाजपा 7 पर और सपा 2 पर आगे हैं.  

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