जब मिला 'संघ' साथ तो आगे निकली बीजेपी, नतीजों ने दिए संकेत

यूपी विधानसभा की 9 सीटों पर उपचुनाव में रुझान और नतीजों में बीजेपी 6 सीट पर आगे और जीत दर्ज कर चुकी है।

By :  Lalit Rai
Update: 2024-11-23 08:11 GMT

UP Assembly By Polls Result 2024:  यूपी विधानसभा की 9 सीटों के नतीजों पर सबकी नजर टिकी हुई है। अभी ताजा आंकड़ों के मुताबिक बीजेपी-आरएलडी सात सीटों पर या तो आगे हैं या बढ़त बनाए हुए हैं। वहीं समाजवादी पार्टी को 2 सीट पर कामयाबी मिली है। अब बीजेपी की यह जीत क्या कुछ कहती है। आम चुनाव 2024 के नतीजों से हटकर आए ये आंकड़े क्या कहते हैं। इसमे हम बताने की कोशिश करेंगे। इन सबके दो सीटों की जिक्र करना जरूरी हो जाता है। मुरादाबाद की कुंदरकी सीट पर बीजेपी ने जीत दर्ज की है तो सीसामऊ सीट पर समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) कब्जा बनाए रखने में कामयाब हुई है। उपचुनाव के नतीजों से पहले आम चुनाव 2024 में आए नतीजों को भी समझना जरूरी है। 2024 में समाजवादी पार्टी 37 सीटों पर जीत दर्ज करने में कामयाब रही और बीजेपी के उन दावों की हवा निकाल दी जिसमें बीजेपी ने 80 सीट जीतने का लक्ष्य रखा था। 

आम चुनाव 2024 में बीजेपी(BJP defeat in general election 2024) की हार क्यों हुई उसे लेकर गहन मंथन हुआ। उस मंथन में कई चीजें निकल कर सामने आई मसलन पार्टी आत्मविश्वासी हो गई थी। पार्टी के उम्मीदवारों को लगने लगा था कि वो  सीएम योगी और पीएम मोदी के नाम पर जीत जाएंगे। इसके साथ ही बीजेपी के अध्यक्ष जे पी नड्डा का वो बयान भी जिम्मेदार माना गया कि अब संघ की जरूरत नहीं है। इस बयान को जहां विपक्षी दल अपने हिसाब से व्याख्या करते हैं वहीं बीजेपी के नेताओं का कहना था कि उसका मकसद बीजेपी को संघ से ऊपर रखना नहीं था। खैर भावना जो भी रही है बीजेपी को नुकसान उठाना पड़ा और उसका असर दिखाई भी दिया। अगर बीजेपी 2019 के प्रदर्शन को दोहरा लेती तो सीटों की संख्या भले ही 300 के नीचे होता, जादुई आंकड़े को छू लेती। यह तो अतीत की बात रही। 

इन विधानसभा सीटों पर हुए थे उपचुनाव

  • कुंदरकी- बीजेपी प्रचंड जीत की ओर
  • खैर में बीजेपी 25 हजार वोट से आगे
  • कटेहरी में बीजेपी 8 हजार वोट से आगे
  • गाजियाबाद में बीजेपी 85हजार मतों से आगे

इस वजह से रुझान-नतीजे अहम

आम चुनाव के नतीजों के बाद उपचुनाव बीजेपी के लिए इस वजह से भी अहम है कि उसे समाजवादी पार्टी के उस नैरेटिव को तोड़ना है जिसमें यह बताने की कोशिश हुई कि पार्टी तो संविधान विरोधी है, आरक्षण विरोधी है। अब जब नतीजे सामने आए हैं उसे पता चलता है कि समाजवादी पार्टी के उस भ्रम को तोड़ने में बीजेपी कामयाब रही है। सियासी जानकारों के मुताबिक संघ (RSS) की तरफ से जो उदासीनता आम चुनाव के दौरान देखी गई थी। वो इस चुनाव में दूर दिखी। संघ ने भी कहीं ना कहीं माना कि बीजेपी का यूपी में कमजोर होने का मतलब राष्ट्रीय स्तर पर कमजोर होना है। ऐसे में अतीत में जो भी कड़वाहट रही हो उसे मिठास में बदलने की जरूरत है। 

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